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राजस्थान वाटर वर्क्स के कर्मचारियों की मांग, 50 लाख का हो बीमा - corona virus news

जयपुर में कोरोना वायरस के खतरे में भी राजस्थान वाटर वर्क्स के कर्मचारियों ने मांग की है कि उनका भी 50 लाख का बीमा कराया जाए. उनका कहना है कि सभी कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डाल कर सभी कर्मचारी अपने सारे काम पूर्ण जिम्मेदारी और निष्ठा से कर रहे हैं. इसके बाद भी सरकार ने की गई घोषणा में पीएचईडी कर्मचारियों को शामिल नहीं किया है.

राजस्थान की खबर, PHED
पीएचईडी विभाग के कर्मचारियों का हो बीमा
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Published : Apr 13, 2020, 10:00 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने भी मांग की है कि पीएचईडी की सेवाओं को आवश्यक सेवा में शामिल किया जाए और इस कार्य में लगे पीएचईडी कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा किया जाए. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं.

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे देश में फैल रहा है. इसके लिए प्रदेश में लॉकडाउन है और कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा से जुड़े कई कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों समेत अन्य कई कर्मचारियों को अभियान के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए मृत्यु होने पर 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा करने की घोषणा की है, लेकिन इस घोषणा में जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है. ये बड़े दुख की बात है.

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों, संविदा कर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई करना, लाइन लीकेज सही करना, पानी के प्रेशर और गुणवत्ता की जांच करना आदि कार्य अपनी पूर्ण जिम्मेदारी और निष्ठा से कर रहे हैं.

जयपुर शहर में रामगंज इलाके सहित परकोटे में करीब 150 से अधिक वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई का काम कर्मचारियों, संविदा कर्मी की ओर से किया जा रहा है, लेकिन सरकार विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है.

विभाग की सेवा आवश्यक सेवा में होने के बाद भी उनकी सेवाओं को आवश्यक सेवा में नहीं माना गया है, जिससे विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों को संविदा कर्मियों में रोष व्याप्त हो रहा है और उनके मनोबल को भी ठेस पहुंची है. इसके कारण कर्मचारी संविदा कर्मी संक्रमण वाले इलाकों में अपनी ड्यूटी करने में आनाकानी कर रहे हैं.

पढ़ें- जयपुर: ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से कबाड़ के गोदाम में लगी आग, लाखों रुपए का नुकसान

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में जारी आदेशों में भी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का 30 से 50% वेतन स्थगित कर दिया है जबकि तकनीकी कर्मचारी वेतन भोगी कर्मचारी है. इस महामारी के दौरान वह अपनी जान जोखिम में डालकर नियमित रूप से पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

कुलदीप यादव ने मांग की है कि विभाग में कार्यरत अधिकारियों तकनीकी कर्मचारियों संविदा कर्मियों को कोरोना वायरस स्वास्थ्य बीमा योजना में पात्र मानते हुए उनका 50 लाख का बीमा करें और विभाग के काम को आवश्यक सेवा मानते हुए उनके वेतन स्थगन का आदेश निरस्त किया जाए.

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ ने भी मांग की है कि पीएचईडी की सेवाओं को आवश्यक सेवा में शामिल किया जाए और इस कार्य में लगे पीएचईडी कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा किया जाए. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं.

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे देश में फैल रहा है. इसके लिए प्रदेश में लॉकडाउन है और कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है. कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा से जुड़े कई कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों समेत अन्य कई कर्मचारियों को अभियान के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए मृत्यु होने पर 50 लाख का स्वास्थ्य बीमा करने की घोषणा की है, लेकिन इस घोषणा में जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और संविदा कर्मियों को शामिल नहीं किया गया है. ये बड़े दुख की बात है.

राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप यादव ने बताया कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों, संविदा कर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों में वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई करना, लाइन लीकेज सही करना, पानी के प्रेशर और गुणवत्ता की जांच करना आदि कार्य अपनी पूर्ण जिम्मेदारी और निष्ठा से कर रहे हैं.

जयपुर शहर में रामगंज इलाके सहित परकोटे में करीब 150 से अधिक वाल्व ऑपरेट कर जल सप्लाई का काम कर्मचारियों, संविदा कर्मी की ओर से किया जा रहा है, लेकिन सरकार विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों, संविदा कर्मियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है.

विभाग की सेवा आवश्यक सेवा में होने के बाद भी उनकी सेवाओं को आवश्यक सेवा में नहीं माना गया है, जिससे विभाग के अधिकारियों- कर्मचारियों को संविदा कर्मियों में रोष व्याप्त हो रहा है और उनके मनोबल को भी ठेस पहुंची है. इसके कारण कर्मचारी संविदा कर्मी संक्रमण वाले इलाकों में अपनी ड्यूटी करने में आनाकानी कर रहे हैं.

पढ़ें- जयपुर: ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट से कबाड़ के गोदाम में लगी आग, लाखों रुपए का नुकसान

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में जारी आदेशों में भी जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग में कार्यरत कर्मचारियों का 30 से 50% वेतन स्थगित कर दिया है जबकि तकनीकी कर्मचारी वेतन भोगी कर्मचारी है. इस महामारी के दौरान वह अपनी जान जोखिम में डालकर नियमित रूप से पेयजल व्यवस्था को सुचारू रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं.

कुलदीप यादव ने मांग की है कि विभाग में कार्यरत अधिकारियों तकनीकी कर्मचारियों संविदा कर्मियों को कोरोना वायरस स्वास्थ्य बीमा योजना में पात्र मानते हुए उनका 50 लाख का बीमा करें और विभाग के काम को आवश्यक सेवा मानते हुए उनके वेतन स्थगन का आदेश निरस्त किया जाए.

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