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राजस्थान हाईकोर्ट: आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री पर रोक के फैसले को चुनौती

राजस्थान हाईकोर्ट में राजस्थान फायर वर्क्स डीलर एंड मैन्यूफेक्चर्स एसोसिएशन की ओर से प्रदेश में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी लगाने के खिलाफ याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर 4 नवंबर को सुनवाई हो सकती है.

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आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री पर रोक के फैसले को चुनौती
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Published : Nov 2, 2020, 8:30 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी लगाने के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर संभवत: 4 नवंबर को सुनवाई हो सकती है.

पढे़ं: पटाखा बैन के विरोध में उतरे कारोबारी कहा- पहले कोरोना ने अब सरकार के फैसले ने मरने पर किया मजबूर

राजस्थान फायर वर्क्स डीलर एंड मैन्यूफेक्चर्स एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार के इस फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. इसके अलावा कारोबारियों के करोड़ों रुपए का एडवांस भी फंस गया है. याचिका में कहा गया कि दूसरे किसी भी राज्य में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी नहीं है.

इसके अलावा किसी बडी एजेंसी या संस्था ने भी किसी रिसर्च में यह दावा नहीं किया है कि पटाखे चलाने से कोरोना फैलेगा. याचिका में कहा गया कि पटाखों से निकलने वाले धुएं के मुकाबले फैक्ट्रियों और वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में आतिशबाजी करने की समय सीमा तय कर चुका है. ऐसे में राज्य सरकार को पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाए पटाखे छुड़ाने के लिए समय सीमा तय कर देनी चाहिए.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी लगाने के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर संभवत: 4 नवंबर को सुनवाई हो सकती है.

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राजस्थान फायर वर्क्स डीलर एंड मैन्यूफेक्चर्स एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार के इस फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. इसके अलावा कारोबारियों के करोड़ों रुपए का एडवांस भी फंस गया है. याचिका में कहा गया कि दूसरे किसी भी राज्य में आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी नहीं है.

इसके अलावा किसी बडी एजेंसी या संस्था ने भी किसी रिसर्च में यह दावा नहीं किया है कि पटाखे चलाने से कोरोना फैलेगा. याचिका में कहा गया कि पटाखों से निकलने वाले धुएं के मुकाबले फैक्ट्रियों और वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में आतिशबाजी करने की समय सीमा तय कर चुका है. ऐसे में राज्य सरकार को पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाए पटाखे छुड़ाने के लिए समय सीमा तय कर देनी चाहिए.

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