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गहलोत सरकार का बड़ा फैसला, 20 साल तक कटे हुए कृृषि कनेक्शन फिर से जुड़ सकेंगे

गहलोत सरकार ने कृृषि उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अब कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने की अवधि को 15 साल से बढाकर 20 साल कर दिया है.

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कृषि कनेक्शन
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Published : Mar 17, 2021, 10:17 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने कृृषि उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अब कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने की अवधि को 15 साल से बढाकर 20 साल कर दिया है. पूर्व में केवल 15 साल तक की अवधि के कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने का प्रावधान था.

पढ़ें: सरकार को कंपनियां चला रही हैं, अगर कानून वापस नहीं लिए तो कंपनियों के गोदाम तोड़ने का टारगेट बनाएंगे: राकेश टिकैत

ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार कृृषि उपभोक्ताओं को राहत देने की दृृष्टि से कृृषि कनेक्शन नीति-2017 के बिन्दु संख्या 17.2 में निहित प्रावधान को पुन स्थापित करते हुए विद्युत वितरण निगमों ने बुधवार 17 मार्च को कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने की समय सीमा को 15 वर्ष से बढाकर 20 वर्ष करने के आदेश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बताया की ये आदेश तीनों विद्युत वितरण निगमों पर लागू होंगें.

विद्युत दुर्घटना संभावित हाई रिस्क पाॅइन्टस की होगी पहचान

जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बुधवार 17 मार्च को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से विद्युत दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए सेफ्टी प्रोग्राम के तहत हाई रिस्क पाइन्टस को चिन्हित कर उनको सुधारने के कार्य की अब तक हुई प्रगति एवं फील्ड में सुरक्षा निर्देशों की पालना की समीक्षा करते हुए सभी संभागीय मुख्य अभियन्ता व अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि 31 मई, 2021 तक हाई रिस्क पाॅइन्टस की पहचान, सत्यापन व सुधार का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए. जिससे की इन प्वाइंन्ट्स से आगे किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न नहीं हो.

नवीन अरोड़ा ने कहा कि विद्युत से होने वाली दुर्घटनाएं बहुत दर्दनाक होती हैं. इसे हर हालात में रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भी इसे बहुत ही गम्भीरता से लिया जा रहा है. इसलिए सभी अभियन्ता इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विद्युत दुर्घटना संभावित स्थानों पर सुधार का कार्य 31 मई तक पूरा कर लें. इसके बाद कार्य में लापरवाही की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो सम्बन्धित अभियन्ता/कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. राज्य सरकार ने कृृषि उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अब कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने की अवधि को 15 साल से बढाकर 20 साल कर दिया है. पूर्व में केवल 15 साल तक की अवधि के कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने का प्रावधान था.

पढ़ें: सरकार को कंपनियां चला रही हैं, अगर कानून वापस नहीं लिए तो कंपनियों के गोदाम तोड़ने का टारगेट बनाएंगे: राकेश टिकैत

ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार कृृषि उपभोक्ताओं को राहत देने की दृृष्टि से कृृषि कनेक्शन नीति-2017 के बिन्दु संख्या 17.2 में निहित प्रावधान को पुन स्थापित करते हुए विद्युत वितरण निगमों ने बुधवार 17 मार्च को कटे हुए कृृषि कनेक्शन को पुन जुड़वाने की समय सीमा को 15 वर्ष से बढाकर 20 वर्ष करने के आदेश जारी कर दिए हैं. उन्होंने बताया की ये आदेश तीनों विद्युत वितरण निगमों पर लागू होंगें.

विद्युत दुर्घटना संभावित हाई रिस्क पाॅइन्टस की होगी पहचान

जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक नवीन अरोड़ा ने बुधवार 17 मार्च को वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से विद्युत दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए सेफ्टी प्रोग्राम के तहत हाई रिस्क पाइन्टस को चिन्हित कर उनको सुधारने के कार्य की अब तक हुई प्रगति एवं फील्ड में सुरक्षा निर्देशों की पालना की समीक्षा करते हुए सभी संभागीय मुख्य अभियन्ता व अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि 31 मई, 2021 तक हाई रिस्क पाॅइन्टस की पहचान, सत्यापन व सुधार का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए. जिससे की इन प्वाइंन्ट्स से आगे किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न नहीं हो.

नवीन अरोड़ा ने कहा कि विद्युत से होने वाली दुर्घटनाएं बहुत दर्दनाक होती हैं. इसे हर हालात में रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भी इसे बहुत ही गम्भीरता से लिया जा रहा है. इसलिए सभी अभियन्ता इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विद्युत दुर्घटना संभावित स्थानों पर सुधार का कार्य 31 मई तक पूरा कर लें. इसके बाद कार्य में लापरवाही की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो सम्बन्धित अभियन्ता/कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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