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फिल्म सिटी का जयपुर को इंतजार, यूपी में योगी का इरादा, अब क्या गहलोत निभाएंगे अपना वादा

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Published : Sep 23, 2020, 1:58 PM IST

राजस्थान हमेशा से फिल्मों की शूटिंग के लिए निर्देशकों की पहली पसंद रहा है. प्रदेश के किले, हवेलियों, मंदिरों, पहाड़ों, रेतीले धोरों हमेशा ही फिल्म जगत को लुभाते रहे हैं. प्रदेश में मुगले-ए-आजम, 'मेरा गांव-मेरा देश', जोधा-अकबर जैसी सैंकड़ों फिल्मों की शूटिंग हुई है. ऐसे में राजस्थान वासी जयपुर में फिल्म सिटी के निर्माण का लंबे समय से सपना देख रहे हैं.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
राजस्थान में फिल्म सिटी निर्माण की मांग

जयपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सबसे सुंदर और सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की है. जिसके बाद राजस्थान में भी फिल्म सिटी निर्माण की चाहत रखने वाले कलाकारों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण का वादा सिर्फ चंद चर्चाओं तक ही सीमित रहने वाला है?

बता दें कि CM अशोक गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में फिल्म सिटी बनाने का वादा किया था. इसके बाद वसुंधरा राजे सरकार में भी साल 2018 के समय भी तत्कालीन यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने उदयपुर में फिल्म सिटी के लिए संभावनाएं तलाशने की बात कही थी. अपने तीसरे कार्यकाल में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से जयपुर में फिल्म सिटी का राग छेड़ा था, लेकिन अब 2 साल के कार्यकाल को पूरा करने की कवायद के बीच फिल्म सिटी के लिए जमीन तलाशने की कवायद भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
महाराणा प्रताप राजस्थानी में बनी थी

राजे सरकार में यूडीएच मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी ने तत्कालीन एसीएस यूडीएच मुकेश शर्मा को फिल्म सिटी के संबंध में निर्देश जारी किए थे. इस दौरान फिल्म सिटी के निर्माण के लिए करीब 200 बीघा जमीन आरक्षित करने की मांग की गई थी. साथ ही राज्य सरकार से इस काम के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी मांगा गया था.

जयपुर में बरसों का इंतजार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2005 में फिल्म सिटी का प्रोजेक्ट आया था. आगरा रोड पर सुमेल गांव में 900 बीघा जमीन पर फिल्म सिटी का निर्माण प्रस्तावित किया गया था. इस योजना पर उस समय करीब 900 करोड़ रुपए खर्च करने की बात की गई थी. जयपुर विकास प्राधिकरण ने इस बारे में जमीन अवाप्ति को लेकर भी कवायद शुरू की थी. ऐसी चर्चा हुई की फिल्म सिटी का दायरा रामगढ़ तक बढ़ाया जाएगा लेकिन 13 साल से यह प्रोजेक्ट महज चर्चाओं का हिस्सा बना हुआ है.

सरकारों के बदलने के साथ जयपुर में फिल्म सिटी का मसला ठंडे बस्ते में जा चुका है और सरकारों की खस्ता माली हालत के बीच ऐसा लगता है कि कोई भी राज्य सरकार जयपुर में फिल्म सिटी बनाने की ख्वाहिश नहीं रखती है.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
जयपुर के हवामहल और अंबेर किले हुई है जोधा अकबर की शूटिंग

जयपुर में फिल्म सिटी की मांग क्यू है?

मुगल-ए-आजम के जमाने से राजस्थान फिल्मकारों के लिए शूटिंग की पहली पसंद रहा है. इतिहास पर बनने वाली शायद ही कोई फिल्म ऐसी नहीं होगी, जिसकी शूटिंग राजस्थान की सर जमीं पर नहीं हुई हो. जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर घोषणाएं होती रही हैं. राजस्थान की माटी और हवाओं में कला की गूंज हैं.

यह भी पढ़ें. राम मंदिर निर्माण में बंशी पहाड़ के पत्थरों के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी गहलोत सरकार

इस प्रदेश के किले, हवेलियों, मंदिरों, पहाड़ों, रेतीले धोरों ने बॉलीवुड को हमेशाा रिझाया है. शायद यही वजह रही कि 6 दशक पहले निर्माता पृथ्वीराज कपूर और निर्देशक के.आसिफ ने 'मुगले-ए-आजम' जैसी कालजयी फिल्म की शूटिंग गुलाबी नगरी और आमेर में की. तब सेना की 56 रेजिमेंट के दो हजार ऊंट और सैकड़ों घोड़े इस शूटिंग में रक्षा मंत्रालय की अनुमति से काम में लिए गए.

महाभारत भी जयपुर में हुई शूट

वहीं पचास साल पहले उदयपुर के चीरवा गांव में जब 'मेरा गांव-मेरा देश' की शूटिंग हुई तो पूरा चीरवा गांव इस शूटिंग का हिस्सा बना. महाभारत जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक को जयपुर के पास महलां में फिल्माया गया. ऐसे सैंकड़ों किस्से इस प्रदेश में फिल्मों की रवानी और दीवानगी के साक्षी हैं. जयपुर के आसपास ही आमेर, जमवा रामगढ़, सामोद जैसे प्राचीन कस्बे अनगिनत प्रसिद्ध फिल्मों के निर्माण के साक्षी रहे हैं.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
मुगल-ए-आजम भी हुई राजस्थान में शूट

अभिनेता रितिक रोशन की फिल्म जोधा-अकबर हो या फिर सुपर 30, सांभर में इन फिल्मों का फिल्मांकन किया गया. ऐसे में शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ सहित नये दौर में अलवर, हाड़ौती आदि क्षेत्र भी फिल्मों की शूटिंग लगातार हुई है. इसलिए जयपुर फिल्म सिटी के लिए मुफीद है.

अगर जयपुर में फिल्म सिटी का निर्माण होता है तो राजस्थान में उद्योग जगत को भी नए आयाम मिलेंगे. स्थानीय कलाकारों को रोजगार मिलेगा तो जेवरात टेक्सटाइल और पर्यटन को भी नए आयाम स्थापित करने के लिए एक राहत तैयार होगी. एक फिल्म सिटी के जरिए लाखों रोजगार के विकल्प जयपुर में पैदा किए जा सकते हैं. हिंदी पट्टी में मुंबई में बॉलीवुड के बाद जयपुर में जॉलीवुड क्या सपना भी साकार हो सकता है. बस जरूरत है तो सरकार और हुक्मरानों की मजबूत इच्छाशक्ति की और फिल्मकारों के नजरों करम की.

जयपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में सबसे सुंदर और सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की है. जिसके बाद राजस्थान में भी फिल्म सिटी निर्माण की चाहत रखने वाले कलाकारों ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण का वादा सिर्फ चंद चर्चाओं तक ही सीमित रहने वाला है?

बता दें कि CM अशोक गहलोत ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में फिल्म सिटी बनाने का वादा किया था. इसके बाद वसुंधरा राजे सरकार में भी साल 2018 के समय भी तत्कालीन यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने उदयपुर में फिल्म सिटी के लिए संभावनाएं तलाशने की बात कही थी. अपने तीसरे कार्यकाल में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से जयपुर में फिल्म सिटी का राग छेड़ा था, लेकिन अब 2 साल के कार्यकाल को पूरा करने की कवायद के बीच फिल्म सिटी के लिए जमीन तलाशने की कवायद भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
महाराणा प्रताप राजस्थानी में बनी थी

राजे सरकार में यूडीएच मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी ने तत्कालीन एसीएस यूडीएच मुकेश शर्मा को फिल्म सिटी के संबंध में निर्देश जारी किए थे. इस दौरान फिल्म सिटी के निर्माण के लिए करीब 200 बीघा जमीन आरक्षित करने की मांग की गई थी. साथ ही राज्य सरकार से इस काम के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी मांगा गया था.

जयपुर में बरसों का इंतजार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2005 में फिल्म सिटी का प्रोजेक्ट आया था. आगरा रोड पर सुमेल गांव में 900 बीघा जमीन पर फिल्म सिटी का निर्माण प्रस्तावित किया गया था. इस योजना पर उस समय करीब 900 करोड़ रुपए खर्च करने की बात की गई थी. जयपुर विकास प्राधिकरण ने इस बारे में जमीन अवाप्ति को लेकर भी कवायद शुरू की थी. ऐसी चर्चा हुई की फिल्म सिटी का दायरा रामगढ़ तक बढ़ाया जाएगा लेकिन 13 साल से यह प्रोजेक्ट महज चर्चाओं का हिस्सा बना हुआ है.

सरकारों के बदलने के साथ जयपुर में फिल्म सिटी का मसला ठंडे बस्ते में जा चुका है और सरकारों की खस्ता माली हालत के बीच ऐसा लगता है कि कोई भी राज्य सरकार जयपुर में फिल्म सिटी बनाने की ख्वाहिश नहीं रखती है.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
जयपुर के हवामहल और अंबेर किले हुई है जोधा अकबर की शूटिंग

जयपुर में फिल्म सिटी की मांग क्यू है?

मुगल-ए-आजम के जमाने से राजस्थान फिल्मकारों के लिए शूटिंग की पहली पसंद रहा है. इतिहास पर बनने वाली शायद ही कोई फिल्म ऐसी नहीं होगी, जिसकी शूटिंग राजस्थान की सर जमीं पर नहीं हुई हो. जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर घोषणाएं होती रही हैं. राजस्थान की माटी और हवाओं में कला की गूंज हैं.

यह भी पढ़ें. राम मंदिर निर्माण में बंशी पहाड़ के पत्थरों के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेगी गहलोत सरकार

इस प्रदेश के किले, हवेलियों, मंदिरों, पहाड़ों, रेतीले धोरों ने बॉलीवुड को हमेशाा रिझाया है. शायद यही वजह रही कि 6 दशक पहले निर्माता पृथ्वीराज कपूर और निर्देशक के.आसिफ ने 'मुगले-ए-आजम' जैसी कालजयी फिल्म की शूटिंग गुलाबी नगरी और आमेर में की. तब सेना की 56 रेजिमेंट के दो हजार ऊंट और सैकड़ों घोड़े इस शूटिंग में रक्षा मंत्रालय की अनुमति से काम में लिए गए.

महाभारत भी जयपुर में हुई शूट

वहीं पचास साल पहले उदयपुर के चीरवा गांव में जब 'मेरा गांव-मेरा देश' की शूटिंग हुई तो पूरा चीरवा गांव इस शूटिंग का हिस्सा बना. महाभारत जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक को जयपुर के पास महलां में फिल्माया गया. ऐसे सैंकड़ों किस्से इस प्रदेश में फिल्मों की रवानी और दीवानगी के साक्षी हैं. जयपुर के आसपास ही आमेर, जमवा रामगढ़, सामोद जैसे प्राचीन कस्बे अनगिनत प्रसिद्ध फिल्मों के निर्माण के साक्षी रहे हैं.

जयपुर में फिल्म सिटी, Rajasthan news
मुगल-ए-आजम भी हुई राजस्थान में शूट

अभिनेता रितिक रोशन की फिल्म जोधा-अकबर हो या फिर सुपर 30, सांभर में इन फिल्मों का फिल्मांकन किया गया. ऐसे में शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ सहित नये दौर में अलवर, हाड़ौती आदि क्षेत्र भी फिल्मों की शूटिंग लगातार हुई है. इसलिए जयपुर फिल्म सिटी के लिए मुफीद है.

अगर जयपुर में फिल्म सिटी का निर्माण होता है तो राजस्थान में उद्योग जगत को भी नए आयाम मिलेंगे. स्थानीय कलाकारों को रोजगार मिलेगा तो जेवरात टेक्सटाइल और पर्यटन को भी नए आयाम स्थापित करने के लिए एक राहत तैयार होगी. एक फिल्म सिटी के जरिए लाखों रोजगार के विकल्प जयपुर में पैदा किए जा सकते हैं. हिंदी पट्टी में मुंबई में बॉलीवुड के बाद जयपुर में जॉलीवुड क्या सपना भी साकार हो सकता है. बस जरूरत है तो सरकार और हुक्मरानों की मजबूत इच्छाशक्ति की और फिल्मकारों के नजरों करम की.

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