जयपुर. हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक मकर संक्रांति को दान पुण्य का महापर्व भी माना जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों अनुसार मकर संक्रांति के दिन तिल गुड़ दान करने और खाने का विशेष महत्व बताया जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल दान करने से व्यक्ति को उसका अभीष्ट लाभ मिलता है. यही वजह है कि लोग अपने खाने और दान करने के लिए गजक रेवड़ी खरीदने पहुंच रहे हैं.
सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम हो जाता है. जिसकी वजह से शरीर को कई तरह के रोग घेरने लगते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ से बनी चीजें खाई जाती है और आपस में बांटी जाती हैं. बताया जाता है कि तिल और गुड़ गर्मी पैदा करने के साथ कई पोषक तत्व भी शरीर को प्रदान करते हैं. यही वजह है कि बाजारों में तिल गुड़ से बनी गजक रेवड़ी की दुकानें सजी हुई है और शहरवासी भी इन्हें खरीदने पहुंच रहे हैं.
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लोगों की माने तो मकर संक्रांति पर तिल गुड़ का दान विशेष फलदाई माना गया है. इसमें मिलावट की गुंजाइश भी ना के बराबर होती है. पुरानी मान्यताओं का अनुसरण और शरीर को मिलने वाले लाभ के चलते बड़ी संख्या में लोग गजक-रेवड़ी खरीदने पहुंच रहे हैं.
गजक की अलग-अलग वैरायटी
वहीं बाजार में भी इस बार तिल गुड़ से बनने वाली खाद्य सामग्री नई वैरायटी में उपलब्ध है. गजक विक्रेता की माने तो मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ खाने का महत्व है. ऐसे में उन्होंने लोगों के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए इस बार तिल गुड़ से बने 100 से ज्यादा प्रकार की गजक-रेवड़ी तैयार की हैं. इनमें गुड़ की गजक, तिल सकरी, मावा रेवड़ी, गजक मावा लड्डू, तिल लड्डू, मैंगो गजक, चॉकलेट गजक, गुड समोसे शामिल है. जो 250 रुपए से 1000 रुपए तक प्रति किलो बाजार में उपलब्ध है.
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तिल में होते है ये पोषक तत्व
बता दें कि तिल को बेहद ही स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. इसमें कॉपर, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक, प्रोटीन, कैल्शियम, बी कांपलेक्स और कार्बोहाइड्रेट आदि महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. जो कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं. ये पाचन क्रिया को सही रखता है और शरीर को निरोगी बनाता है.