जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में जन्म, मृत्यु, विवाह प्रमाण पत्र बनवाने और दूसरे कार्यों के लिए (Strike by Greater Nagar Nigam workers against councillors) आए लोगों को मंगलवार को वापस लौटना पड़ा. यहां कर्मचारियों ने पार्षदों की ओर से लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए माफी मांगने की मांग की. साथ ही इसके विरोध में कर्मचारियों ने पेन डाउन हड़ताल की. जिसमें सफाई कर्मचारी, ट्रेड यूनियन के साथ-साथ निगम के कई अधिकारी भी शामिल हुए.
सोमवार को ग्रेटर नगर निगम की दूसरी साधारण सभा की बैठक के दौरान पार्षदों ने अधिकारी और कर्मचारियों का नाम लेकर उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. यही नहीं खुद निगम आयुक्त के खिलाफ निंदा प्रस्ताव तक लाया गया. इसके विरोध में मंगलवार को ट्रेड यूनियन के आह्वान पर कर्मचारियों और अधिकारियों ने आधे दिन की पेन डाउन हड़ताल किया. इस हड़ताल का खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ा जो विभिन्न कार्यों के लिए निगम मुख्यालय पहुंचे. आलम ये था कि लोगों को हड़ताल का मुख्य कारण तक नहीं बताया गया.
नागौर से अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आए पवन कुमार ने (pen down strike by Greater Nagar Nigam) बताया कि उनके बच्चे का जन्म जनाना अस्पताल में हुआ. इसकी वजह से नागौर से जयपुर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आना पड़ा. लेकिन यहां पर नागरिक सेवा केंद्र पर ताला लगा दिया गया है. कारण पूछने पर कहा जा रहा है कि पार्षदों के कहने पर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं.
हड़ताल पर कर्मचारी, परेशान जनता: वहीं जयपुर के एक कोने से यहां पहुंची मुस्कान ने बताया कि उनके रोजे चल रहे हैं. घंटों से नागरिक सेवा केंद्र के बाहर धूप में खड़ा रखा गया. कर्मचारी धरना दे रहे हैं और परेशान आम जनता हो रही है. उधर, पेन डाउन हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि ग्रेटर नगर निगम में सभी कर्मचारी पेन डाउन हड़ताल पर हैं. बोर्ड की मीटिंग में पार्षदों ने अधिकारियों और कर्मचारियों पर नाम ले लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. यदि कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है, तो एसीबी जांच करने के लिए अधिकृत है. पार्षद वहां शिकायत कर सकते हैं. लेकिन जिस तरह सभासद भवन में नाम लिया गया, ये निंदनीय है. इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है.
वहीं ट्रेड यूनियन की अध्यक्ष कोमल यादव ने बताया कि पार्षदों ने बिना तथ्यों के निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए और यदि पार्षद माफी नहीं मांगते हैं, तो फिर कोर कमेटी की बैठक कर ग्रेटर निगम के साथ-साथ हेरिटेज निगम में भी कार्य बहिष्कार किया जाएगा. कर्मचारियों की पेन डाउन हड़ताल पर महापौर ने कहा कि कर्मचारी समर्थन में नहीं उतरते, बल्कि कमिश्नर प्रशासनिक तौर पर निगम के उच्च अधिकारी हैं. उनके डर की वजह कर्मचारियों को बुलाया जाता है. वो इस तरह के कार्य बहिष्कार में सहभागी बनते हैं. इस संबंध में राज्य सरकार को भी लिखा जाएगा कि किसी अधिकारी विशेष के लिए कर्मचारियों की हड़ताल गलत है, इससे आम जनता भी परेशान होती है.