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मुख्यमंत्री की पहल पर चल रहा पॉलिटिकल ड्रामा, गहलोत खुद इसके सूत्रधार : सतीश पूनिया - press conference held by bjp

राजस्थान में चल रहा सियासी रण अब काफी रोचक हो रहा है. प्रदेश में चल रहे खरीद-फरोख्त के आरोपों पर लगातार राजनीति की जा रही है. इसी बीच शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार कहा गया. पूनिया ने कहा कि यदि उसका कोई आधार है तो मुख्यमंत्री और उनके नेताओं को उसे प्रमाण के साथ सार्वजनिक करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ बातचीत
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Published : Jun 12, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 6:03 PM IST

जयपुर. राज्यसभा के रण में राजस्थान में सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. इसी बीच भाजपा की ओर से शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरजीत सुरजेवाला की ओर से लगाए गए आरोपों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सिरे से खारिज किया है. वहीं, पूनिया ने यह भी कहा कि इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामा के सूत्रधार खुद अशोक गहलोत हैं. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए सतीश पूनिया ने कहा कि जो खुद भ्रष्टाचार के जनक रहे और जिनके नेता जेल और बेल पर हैं, वह यहां आदर्श आचरण की बात करते हैं. उन पर कौन यकीन करेगा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ बातचीत

पुनिया के अनुसार राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त को लेकर कांग्रेस ने जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं. यदि उसका कोई आधार होता तो मुख्यमंत्री और उनके नेताओं को उसे प्रमाण के साथ सार्वजनिक करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

कांग्रेस का कोई विधायक हमारे संपर्क में नहीं...

सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि ने राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा के संपर्क में कोई भी कांग्रेस का विधायक नहीं है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति बेबुनियाद बातें नहीं करनी चाहिए.

सचिन पायलट और गहलोत हैं अलग-अलग...

पूनिया ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में दो फाड़ साफ तौर से दिख रहे हैं. अंधा आदमी भी बता देगा कि सचिन पायलट का प्रदेश में किस रूप में आगमन हुआ, मुख्यमंत्री पद की महत्वकांक्षी के चलते पायलट का आगमन हुआ, लेकिन आज पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक साथ नहीं दिखते हैं. कांग्रेस के मंत्रियों के बयान और पिछले दिनों हुए घटनाक्रम इस बात का सबूत हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आलाकमान की नजरों में साबित कर रहे हैं कि सारे विग्रह का कारण उपमुख्यमंत्री हैं. इनके जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि हमारे पास फोन नहीं आया, राजस्थान का माहौल खराब किया जा रहा है और प्रदेश की बदनामी की जा रही है.

'झगड़ा मोटियार और लुगाई का दोष पड़ोसी पर'...

प्रेस वार्ता में सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि झगड़ा मोटियार और लुगाई का है, लेकिन दोष पड़ोसी को दिया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि आरोप लगाने वाले बताएं कि कब और कहां डील हुई. पूनिया ने कहा कि कई बार चोर अपनी पाल पहले संभालता है, क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका जरूर होता है. उन्होंने मोदी और शाह का नाम लिए जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि आप प्रमाण पेश नहीं करेंगे तो हमारे पास भी कानून का रास्ता खुला है और मानहानि सभी की हुई है, चाहे विधायकों को बिकाऊ बताया हो या फिर हम पर आरोप लगाए गए हो. सतीश पूनिया ने बताया कि हमारे प्रथम वरीयता के 51 वोट पहले राजेंद्र गहलोत को दिए जाएंगे और बचे हुए वोट दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को मिलेंगे.

यह भी पढ़ें : SPECIAL: सीकर के किसान कान सिंह का कमाल, ऑर्गेनिक खेती से कर रहे लाखों की कमाई

वोट कम लेकिन उम्मीदवार खड़ा करना हमारा मौलिक अधिकार...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से जब पूछा गया कि कम वोट होने के बावजूद आखिर आपने दूसरा प्रत्याशी क्यों खड़ा किया. इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप बेबुनियाद है, क्योंकि इससे पहले भी कम वोट होने के बावजूद कांग्रेस ने कई चुनावों में अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. पुनिया के अनुसार चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करना पार्टियों का मौलिक अधिकार है. पूनिया ने कहा कि हमारे वोट हम अपने प्रत्याशी को दिलाएंगे और उनके वोट व उनके प्रत्याशी को दिलाएंगे, फिर झगड़ा किस बात का है.

जयपुर. राज्यसभा के रण में राजस्थान में सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. इसी बीच भाजपा की ओर से शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरजीत सुरजेवाला की ओर से लगाए गए आरोपों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सिरे से खारिज किया है. वहीं, पूनिया ने यह भी कहा कि इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामा के सूत्रधार खुद अशोक गहलोत हैं. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए सतीश पूनिया ने कहा कि जो खुद भ्रष्टाचार के जनक रहे और जिनके नेता जेल और बेल पर हैं, वह यहां आदर्श आचरण की बात करते हैं. उन पर कौन यकीन करेगा.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ बातचीत

पुनिया के अनुसार राज्यसभा चुनाव में खरीद-फरोख्त को लेकर कांग्रेस ने जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार हैं. यदि उसका कोई आधार होता तो मुख्यमंत्री और उनके नेताओं को उसे प्रमाण के साथ सार्वजनिक करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.

कांग्रेस का कोई विधायक हमारे संपर्क में नहीं...

सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि ने राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा के संपर्क में कोई भी कांग्रेस का विधायक नहीं है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति बेबुनियाद बातें नहीं करनी चाहिए.

सचिन पायलट और गहलोत हैं अलग-अलग...

पूनिया ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में दो फाड़ साफ तौर से दिख रहे हैं. अंधा आदमी भी बता देगा कि सचिन पायलट का प्रदेश में किस रूप में आगमन हुआ, मुख्यमंत्री पद की महत्वकांक्षी के चलते पायलट का आगमन हुआ, लेकिन आज पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक साथ नहीं दिखते हैं. कांग्रेस के मंत्रियों के बयान और पिछले दिनों हुए घटनाक्रम इस बात का सबूत हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आलाकमान की नजरों में साबित कर रहे हैं कि सारे विग्रह का कारण उपमुख्यमंत्री हैं. इनके जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि हमारे पास फोन नहीं आया, राजस्थान का माहौल खराब किया जा रहा है और प्रदेश की बदनामी की जा रही है.

'झगड़ा मोटियार और लुगाई का दोष पड़ोसी पर'...

प्रेस वार्ता में सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि झगड़ा मोटियार और लुगाई का है, लेकिन दोष पड़ोसी को दिया जा रहा है. उन्होंने पूछा कि आरोप लगाने वाले बताएं कि कब और कहां डील हुई. पूनिया ने कहा कि कई बार चोर अपनी पाल पहले संभालता है, क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका जरूर होता है. उन्होंने मोदी और शाह का नाम लिए जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि आप प्रमाण पेश नहीं करेंगे तो हमारे पास भी कानून का रास्ता खुला है और मानहानि सभी की हुई है, चाहे विधायकों को बिकाऊ बताया हो या फिर हम पर आरोप लगाए गए हो. सतीश पूनिया ने बताया कि हमारे प्रथम वरीयता के 51 वोट पहले राजेंद्र गहलोत को दिए जाएंगे और बचे हुए वोट दूसरे उम्मीदवार ओंकार सिंह लखावत को मिलेंगे.

यह भी पढ़ें : SPECIAL: सीकर के किसान कान सिंह का कमाल, ऑर्गेनिक खेती से कर रहे लाखों की कमाई

वोट कम लेकिन उम्मीदवार खड़ा करना हमारा मौलिक अधिकार...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से जब पूछा गया कि कम वोट होने के बावजूद आखिर आपने दूसरा प्रत्याशी क्यों खड़ा किया. इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप बेबुनियाद है, क्योंकि इससे पहले भी कम वोट होने के बावजूद कांग्रेस ने कई चुनावों में अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. पुनिया के अनुसार चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करना पार्टियों का मौलिक अधिकार है. पूनिया ने कहा कि हमारे वोट हम अपने प्रत्याशी को दिलाएंगे और उनके वोट व उनके प्रत्याशी को दिलाएंगे, फिर झगड़ा किस बात का है.

Last Updated : Jun 12, 2020, 6:03 PM IST
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