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पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल जारी, काम के लिए भटक रहे लोग

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Published : Mar 3, 2021, 4:00 PM IST

जयपुर में पटवारियों की हड़ताल लगातार जारी है, इस हड़ताल से आमजन के कई काम अटके हुए है. ऐसे में पटविरियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेती, तब तक आंदोलन यूं ही जारी रहेगा.

Strike of patwaris continues continuously, पटवारियों की हड़ताल लगातार जारी
पटवारियों की हड़ताल लगातार जारी

जयपुर. पटवारियों की हड़ताल के चलते 50 से अधिक ऐसे काम है, जो पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं. यह काम पटवारी की ओर से ही किए जाते हैं. पटवारियों की हड़ताल से सबसे अधिक परेशान युवा और बेरोजगार हो रहे हैं, क्योंकि जिन प्रमाण पत्रों पर पटवारी की रिपोर्ट होनी होती है, उनके लिए वह पटवार घरों के चक्कर काट रहे हैं.

पढ़ेंः पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास के दौरान बड़ा हादसा, बैरल फटने से 1 सैनिक शहीद, 2 गंभीर घायल

अपनी ग्रेड पर 3600 सहित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार का अल्टीमेटम खत्म होने के बाद 1 मार्च से पेन डाउन हड़ताल की घोषणा की थी. पेन डाउन हड़ताल 4 मार्च तक रहेगी. यह दौरान पटवारी किसी भी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, इसके कारण प्रदेश में पटवारी प्रमाण पत्र के आवेदन पर रिपोर्ट भी नहीं कर रहा. इसके कारण ओबीसी, एससी एसटी और अन्य प्रमाण पत्र बनवाने में जनता परेशान हो रही है.

पटवारियों की हड़ताल लगातार जारी

राजस्थान पटवार संघ की ओर से प्रदेश के प्रत्येक तहसील पर पटवारियों ने धरना देने का निर्णय किया गया. इसके तहत जयपुर तहसील में बुधवार को जिला अध्यक्ष नरेंद्र कविया के नेतृत्व में पटवारियों ने धरना दिया.

सभी पटवार घरों पर पेन डाउन हड़ताल के चलते ताले लटके हुए हैं. जयपुर की 3 तहसीलों में करीब 150 पटवारी है. जयपुर तहसील में ही एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के 500 आवेदन प्रतिदिन आते हैं और इन आवेदनों पर पटवारी ही रिपोर्ट करता है. पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल के चलते जमाबंदी, नामांतरण, जांच, गिरदावरी, पीएम सम्मान निधि योजना का काम, केसीसी लोन जैसे कई काम है जो अटके हुए हैं. प्रदेश में करीब 339 तहसीलें हैं और प्रत्येक तहसील पर पटवारी धरना दे रहे हैं. अपने काम के लिए आने वाली जनता पटवार घरों पर लटके ताले देखकर वापस लौट रहे है. उन्हें सोमवार को आने के लिए कहा जा रहा है.

पटवारी की रिपोर्ट के लिए आए युवा लोकेश ने बताया कि वह ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आया है, लेकिन पटवारी की हड़ताल के चलते रिपोर्ट नहीं हो पा रही मेरी तरह भी अन्य कई लोग हैं, जो पटवार घर पर लटका ताला देखकर वापस लौट रहे हैं. लोकेश ने बताया कि कई बच्चों को स्कूल और कॉलेजों में प्रमाण पत्र जमा करवाने इसके अलावा आने वाले दिनों में कई प्रतियोगिता परीक्षा भी होने वाली है. जिसमें भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः मोदी सरकार ही किसानों के सामने घुटने टेकेगी : टिकैत

राजस्थान पटवार संघ की जयपुर जिला उपाध्यक्ष जूली सुमन ने बताया कि जनता परेशान हो रही है, यह मानते हैं, लेकिन इसमें हमारा कोई रोल नहीं है. हमने सरकार के सामने ग्रेड पे 3600 केई जायज मांग रखी है, जब हमारे सभी काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं, तो हमारे पद को तकनीकी घोषित क्यों नहीं किया जा रहा. 2018 में सरकार से ग्रेड पे 3600 करने का लिखित समझौता भी हुआ, लेकिन सरकारों से लागू नहीं कर रही. जूली सुमन ने कहा कि जब तक हमें ग्रेड पे 3600 नहीं मिल जाती, हमारा आंदोलन यूं ही जारी रहेगा.

जयपुर. पटवारियों की हड़ताल के चलते 50 से अधिक ऐसे काम है, जो पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं. यह काम पटवारी की ओर से ही किए जाते हैं. पटवारियों की हड़ताल से सबसे अधिक परेशान युवा और बेरोजगार हो रहे हैं, क्योंकि जिन प्रमाण पत्रों पर पटवारी की रिपोर्ट होनी होती है, उनके लिए वह पटवार घरों के चक्कर काट रहे हैं.

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अपनी ग्रेड पर 3600 सहित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी 15 फरवरी से शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार का अल्टीमेटम खत्म होने के बाद 1 मार्च से पेन डाउन हड़ताल की घोषणा की थी. पेन डाउन हड़ताल 4 मार्च तक रहेगी. यह दौरान पटवारी किसी भी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेगा, इसके कारण प्रदेश में पटवारी प्रमाण पत्र के आवेदन पर रिपोर्ट भी नहीं कर रहा. इसके कारण ओबीसी, एससी एसटी और अन्य प्रमाण पत्र बनवाने में जनता परेशान हो रही है.

पटवारियों की हड़ताल लगातार जारी

राजस्थान पटवार संघ की ओर से प्रदेश के प्रत्येक तहसील पर पटवारियों ने धरना देने का निर्णय किया गया. इसके तहत जयपुर तहसील में बुधवार को जिला अध्यक्ष नरेंद्र कविया के नेतृत्व में पटवारियों ने धरना दिया.

सभी पटवार घरों पर पेन डाउन हड़ताल के चलते ताले लटके हुए हैं. जयपुर की 3 तहसीलों में करीब 150 पटवारी है. जयपुर तहसील में ही एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के 500 आवेदन प्रतिदिन आते हैं और इन आवेदनों पर पटवारी ही रिपोर्ट करता है. पटवारियों की पेन डाउन हड़ताल के चलते जमाबंदी, नामांतरण, जांच, गिरदावरी, पीएम सम्मान निधि योजना का काम, केसीसी लोन जैसे कई काम है जो अटके हुए हैं. प्रदेश में करीब 339 तहसीलें हैं और प्रत्येक तहसील पर पटवारी धरना दे रहे हैं. अपने काम के लिए आने वाली जनता पटवार घरों पर लटके ताले देखकर वापस लौट रहे है. उन्हें सोमवार को आने के लिए कहा जा रहा है.

पटवारी की रिपोर्ट के लिए आए युवा लोकेश ने बताया कि वह ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आया है, लेकिन पटवारी की हड़ताल के चलते रिपोर्ट नहीं हो पा रही मेरी तरह भी अन्य कई लोग हैं, जो पटवार घर पर लटका ताला देखकर वापस लौट रहे हैं. लोकेश ने बताया कि कई बच्चों को स्कूल और कॉलेजों में प्रमाण पत्र जमा करवाने इसके अलावा आने वाले दिनों में कई प्रतियोगिता परीक्षा भी होने वाली है. जिसमें भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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राजस्थान पटवार संघ की जयपुर जिला उपाध्यक्ष जूली सुमन ने बताया कि जनता परेशान हो रही है, यह मानते हैं, लेकिन इसमें हमारा कोई रोल नहीं है. हमने सरकार के सामने ग्रेड पे 3600 केई जायज मांग रखी है, जब हमारे सभी काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं, तो हमारे पद को तकनीकी घोषित क्यों नहीं किया जा रहा. 2018 में सरकार से ग्रेड पे 3600 करने का लिखित समझौता भी हुआ, लेकिन सरकारों से लागू नहीं कर रही. जूली सुमन ने कहा कि जब तक हमें ग्रेड पे 3600 नहीं मिल जाती, हमारा आंदोलन यूं ही जारी रहेगा.

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