जयपुर. दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है यह कहावत शहीद स्मारक पर पिछले 1 महीने से धरना दे रहे पटवारियों पर सटीक बैठती है. 2 दिन पहले मुख्य सचिव से सकारात्मक वार्ता के बाद भी पटवारियों ने धरना उठाने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक मुख्य सचिव आदेश जारी नहीं करते हैं, तब तक धरना नहीं उठाया जाएगा.
15 फरवरी से ग्रेड पे 3600 सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर शुरू हुआ पटवारियों का धरना आज तक जारी है. इस दौरान सरकार से कई दौर की वार्ता भी पटवारियों की हुई, लेकिन पटवारियों की मांगों पर कोई सहमति नहीं बन पाई. रविवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य से भी पटवारियों की सकारात्मक वार्ता हुई और मुख्य सचिव ने पटवारियों की मांग को लेकर सैद्धांतिक सहमति भी दे दी थी, लेकिन पटवारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को लेकर आदेश जारी नहीं होते हैं. वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगे और उन्होंने धरना उठाने से इनकार कर दिया. पटवारियों की ओर से राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने पटवारियों के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया.
बता दें कि 2018 में भी तत्कालीन सचिव एनसी गोयल के साथ पटवारियों की वार्ता हुई थी और ग्रेड पे 3600 को लेकर लिखित भी समझौता भी हुआ, लेकिन आज तक यह समझौता लागू नहीं हुआ. इसीलिए पटवारियों ने कहा कि सरकार ने पहले का समझौता ही लागू नहीं किया तो इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि वर्तमान में वह सैद्धांतिक वादे को भी सरकार पूरा करेगी. इसलिए सरकार ग्रेड पे 3600 सहित 3 सूत्रीय मांगों को लेकर आदेश जारी करें.
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राजस्थान पतवार संघ के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि बल्लभ शर्मा ने कहा कि दूध का जला छाछ को फूंक कर पीता है. इसीलिए मुख्य सचिव के सैद्धांतिक सहमति के बाद भी हमने धरना समाप्त नहीं किया. आगे की रणनीति को लेकर ऋषि बल्लभ शर्मा ने कहा कि 21 मार्च को को ऑल इंडिया पटवार संघ के पदाधिकारी जयपुर आएंगे और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया जाएगा. उसी दौरान पटवारी की आगे की रणनीति को लेकर चर्चा भी करेंगे.
ऋषि बल्लभ शर्मा ने कहा कि हमें आंदोलन करते हुए 1 महीने से ज्यादा हो चुका है, अब सरकार को हमारी मांग मान लेनी चाहिए. यदि अब भी सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो हमें और हम दोनों के लिए मजबूर होना पड़ेगा. मंगलवार को शहीद स्मारक पर चूरू और बाड़मेर जिले के पटवारी धरने में शामिल हुए और सरकार के खिलाफ आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की.