जयपुर. राजस्व मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद पटवारियों ने अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया है. दूसरी तरफ पटवारियों के राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अब दमनकारी नीति पर उतर आई है और पटवारियों पर कार्रवाई करने के उद्देश्य से उनकी सूचनाएं कलेक्टरों से मांगी जा रही हैं.
ग्रेड पे 3600 सहित अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 14 महीने से प्रदेश के पटवारी आंदोलन कर रहे हैं. कई बार ज्ञापन भी सरकार को दिए गए और रैलियां भी निकाली गईं, लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की. इसके बाद पटवारियों नहीं राजस्व मंडल अजमेर से जयपुर तक पैदल मार्च निकाला और 14 फरवरी को जब यह पैदल मार्च जयपुर पहुंचा. 15 फरवरी को इस पैदल मार्च में तो प्रदेश के हजारों पटवारी शामिल हुए.
पटवारियों ने 15 फरवरी को जयपुर शहर में विशाल पैदल मार्च निकाला और विधानसभा की ओर कूच किया. पुलिस ने पटवारियों को सहकार सर्किल के पास सरदार पटेल मार्ग पर ही रोक दिया. इसके बाद पटवारी वहीं बैठ गए और जाम लगा दिया. सोमवार रात को इनके 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल की राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से वार्ता भी हुई, लेकिन यह बेनतीजा रही. पुलिस की समझाइश के बाद यह पटवारी शहीद स्मारक पर धरना देने के लिए राजी हो गए और वहां धरना देने के लिए अनुमति भी दे दी गई.
प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार निमिवाल ने बताया कि सरकार की ओर से वार्ता का न्यौता आ रहा है. हम भी चाहते हैं कि सरकार और मंत्री बैठकर हमारे साथ वार्ता करें, ताकि कोई नतीजा निकल सके.
हठधर्मिता पर उतरी सरकार
पटवारियों ने बताया कि यदि सरकार ग्रेड पे 3600 की मांग मान लेती है, तो हम इसका स्वागत करेंगे. निमिवाल ने कहा कि हमने सरकार को 28 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है, इसके बाद हम सड़कों पर उतरेंगे और 1 मार्च से संपूर्ण कार्य का बहिष्कार भी करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने हठधर्मिता अपना रखी है. कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वह पटवारियों के संबंध में पूरी सूचना भेजें. जो पटवारी आंदोलन में शामिल हैं, वे किसकी अनुमति से अवकाश लेकर आंदोलन में शामिल हुए हैं.
उन्होंने कहा कि आंदोलन को दबाने की सरकार पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन हम उनकी कोशिश पूरी नहीं होने देंगे. निमिवाल ने कहा कि कल तो मैंने पटवारियों को रोक दिया, लेकिन अब कौन से जिले में कहां आंदोलन होगा, जाम लगेगा, इसका मैं कुछ कह नहीं सकता.
सरकार को चेतावनी, पहले भी कर सकते हैं उग्र आंदोलन
पटवारियों का कहना है कि वे सरकार की दमनकारी नीति के सामने नहीं झुकेंगे और किसी भी कार्रवाई के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग वार्ता से इनकार नहीं कर रहे, लेकिन सरकार हठधर्मिता पर उतरी हुई है. सोमवार को मंत्री से वार्ता विफल होने के सवाल पर राजेंद्र निमिवाल ने कहा कि सरकार ही नहीं चाहती कि वह हमारे लिए कुछ करें. उन्होंने कहा कि हालांकि हमने 28 तक सरकार को अल्टीमेटम दिया है, लेकिन यदि इससे पहले सरकार कुछ दमनकारी नीति अपनाती है तो 28 से पहले भी हम सड़कों पर उतर उग्र आंदोलन कर सकते हैं.