ETV Bharat / city

सेहत सुधारो सरकार : मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त, मरीजों को अस्पतालों में नहीं मिल रहीं पूरी दवाइयां

पिछले बजट में गहलोत सरकार ने नि:शुल्क दवा योजना के तहत दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी करने की बात कही थी. जबकि अस्पतालों के हालात कुछ और ही कहानी बयां करते नजर आते हैं. जहां मरीजों को अबतक अस्पतालों में पूरी दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं और वे खाली हाथ ही घर वापस लौट रहे हैं.

free medicine scheme in rajasthan, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, free medicine scheme
नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त
author img

By

Published : Feb 17, 2020, 4:12 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 4:38 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत पिछले बजट में सीएम अशोक गहलोत ने नि:शुल्क दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी करने की बात कही थी. इसका दायरा 608 से बढ़ाकर 712 करने की घोषणा भी बजट में की गई थी. लेकिन गहलोत सरकार अपना दूसरा बजट पेश करने वाली है, बावजूद इसके मरीजों को अब भी अस्पतालों में पूरी दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं.

नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त

बजट घोषणा के तहत प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने निर्देश देते हुए 104 नई दवाओं को नि:शुल्क दवा योजना के अंदर जोड़ने की बात कही थी. खास बात यह थी, कि इसमें कैंसर, हार्ट और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से जुड़ी दवाइयां भी शामिल थीं. बजट के तहत दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी की बात तो कही गई, लेकिन अब भी योजना के हालात ठीक नहीं हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल: चूरू की 6 साल की 'हेतल' का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अब भी मरीजों को पूरी दवाइयां नहीं मिल पा रहीं हैं. ऐसे में जो दवा अस्पताल से नहीं मिल पाती है, उस पर उपलब्ध नहीं होने का ठप्पा लगा दिया जाता है. ऐसे में मरीजों को मजबूरन प्राइवेट मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर दवाइयां खरीदनी पड़ रहीं हैं.

ये पढ़ेंः सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनेगा, 500 बेड का होगा बाड़मेर अस्पताल: मेवाराम जैन

वहीं जो 104 नई दवाएं जोड़ने की बात बजट में कही गई थी, उसे लेकर घोषणा तो हो चुकी है. लेकिन अबतक मरीजों को अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रहीं हैं. मरीजों का कहना है, कि जब दवाओं की लंबी लाइन के बाद उनका नंबर आता है, तो पूरी दवाइयां नहीं मिलने के बाद उन्हें निराशा होती है. मरीजों को मजबूरन प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ रहीं हैं. कुछ मरीज तो ऐसे हैं, जो राजधानी जयपुर के बाहर से अस्पताल में आते हैं. लेकिन पूरी दवाइयां नहीं मिलने के कारण खाली हाथ ही अस्पताल से लौटना पड़ता है.

जयपुर. मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत पिछले बजट में सीएम अशोक गहलोत ने नि:शुल्क दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी करने की बात कही थी. इसका दायरा 608 से बढ़ाकर 712 करने की घोषणा भी बजट में की गई थी. लेकिन गहलोत सरकार अपना दूसरा बजट पेश करने वाली है, बावजूद इसके मरीजों को अब भी अस्पतालों में पूरी दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं.

नि:शुल्क दवा योजना की हालत पस्त

बजट घोषणा के तहत प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने निर्देश देते हुए 104 नई दवाओं को नि:शुल्क दवा योजना के अंदर जोड़ने की बात कही थी. खास बात यह थी, कि इसमें कैंसर, हार्ट और किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से जुड़ी दवाइयां भी शामिल थीं. बजट के तहत दवाओं की संख्या में बढ़ोतरी की बात तो कही गई, लेकिन अब भी योजना के हालात ठीक नहीं हैं.

ये पढ़ेंः स्पेशल: चूरू की 6 साल की 'हेतल' का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज

प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में अब भी मरीजों को पूरी दवाइयां नहीं मिल पा रहीं हैं. ऐसे में जो दवा अस्पताल से नहीं मिल पाती है, उस पर उपलब्ध नहीं होने का ठप्पा लगा दिया जाता है. ऐसे में मरीजों को मजबूरन प्राइवेट मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर दवाइयां खरीदनी पड़ रहीं हैं.

ये पढ़ेंः सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनेगा, 500 बेड का होगा बाड़मेर अस्पताल: मेवाराम जैन

वहीं जो 104 नई दवाएं जोड़ने की बात बजट में कही गई थी, उसे लेकर घोषणा तो हो चुकी है. लेकिन अबतक मरीजों को अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रहीं हैं. मरीजों का कहना है, कि जब दवाओं की लंबी लाइन के बाद उनका नंबर आता है, तो पूरी दवाइयां नहीं मिलने के बाद उन्हें निराशा होती है. मरीजों को मजबूरन प्राइवेट मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदनी पड़ रहीं हैं. कुछ मरीज तो ऐसे हैं, जो राजधानी जयपुर के बाहर से अस्पताल में आते हैं. लेकिन पूरी दवाइयां नहीं मिलने के कारण खाली हाथ ही अस्पताल से लौटना पड़ता है.

Last Updated : Feb 17, 2020, 4:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.