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जयपुर के इस सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जान हथेली पर रख पढ़ाई करते हैं बच्चे, क्लास रूम में बनती है चाय

जयपुर के मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर खुले प्रदेश के 33 जिलों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर सरकार जरूर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन राजधानी जयपुर के मानसरोवर में स्थित अंग्रेजी माध्यम स्कूल की बात की जाए तो वहां स्कूल का बाहरी भाग तो चम चमाता दिखाई पड़ रहा है लेकिन स्कूल के क्लास रूम की स्थितियां भयावह है. ईटीवी भारत की पड़ताल में स्कूल की हकीकत सामने आई है.

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Published : Jul 10, 2019, 8:56 PM IST

जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

जयपुर. राजधानी के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित किया जा रहा है. वैसे तो स्कूल बाहर से देखने में सही सलामत लगती हैं. मगर ईटीवी भारत ने स्कूल के एक एक क्लास रूम का रियलिटी चेक किया और प्रत्येक कक्षा कक्ष की हालत जर्जर स्थिति में है. इतना ही नहीं मानसून का समय है लेकिन कक्षा रूम की की छत जर्जर हालत में है तो किसी में सीलन भी आ रही है. जिससे बारिश के पानी की बूंदे गिरने के पूरे आसार है.

जयपुर के इस सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम में चाय बनती है, बच्चों को लगती है गर्मी

स्कूल की सबसे भयावह तस्वीर कक्षा 7वीं के कक्षारूम की हैं. जहां पर चूल्हा, गैस सिलिंडर और चाय बनाने के सामान रखे हुए है. एक तरफ बच्चे पढ़ाई करते है तो दूसरी तरफ उनके कक्ष में चाय बनती है. इटीवी भारत से बात करते हुए बच्चों ने कहा कि क्लास रूम में चाय बनती है और चूल्हा जलने से गर्मी भी लगती है.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

बच्चों की जान के साथ भी भयंकर खिलवाड़

गुरुजी क्लास में पढ़ाते रहते हैं लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है कि क्लास रूम में गैस सिलिंडर से कक्षा में मौजूद करीब 35 बच्चों की जान के साथ प्रशासन की ओर से भयंकर खिलवाड़ किया जा रहा हैं. भरे हुए सिलेंडर के होने से हर वक्त किसी दुर्घटना का खतरा बना रहता हैं. वहीं एक कक्षा रूम में तो पोषाहार के बर्तन और दरिया तक रखी हुई है. ऐसे में इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि इस विद्यालय में किस स्तर की पढ़ाई हो पाती होंगी. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक तरफ बच्चें पढ़ाई कर रहे हैं और दुसरे तरफ बगल में ही गैस-चुल्हें और पोषाहार के बर्तनें रखी हुई हैं.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम की छत जर्जर और दीवारों में सीलन

इस स्कूल के दो क्लास रूम ऐसे हैं जिनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है. मानसून शुरू हो चुका है लेकिन कक्षा रूम की छत जर्जर हालत में है, इतना ही नहीं छत में लगे सरिया तक दिखने लगे है. वहीं अन्य कक्षा रुमों में सीलन आने लगी है. बारिश के मौसम में इन क्लास रूम में पानी टपकता है, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली हैं.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम एक, दो कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे कक्षा में

इस स्कूल में क्लास रूम के अभाव से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को एक ही कक्षा रूम में पढ़ाया जा रहा है. साथ ही कुर्सी टेबल के आभाव से नौनिहाल को जमीन पर ही बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही है. स्कूल में पहली और दूसरी कक्षा को मिलाकर कुल 60 नौनिहाल अध्ययनरत है. आपको बता दें कि फर्नीचर और अन्य विकास कार्यों के लिए इस स्कूल को सरकार द्वारा डेढ़ लाख रुपये आवंटित किये गये थे, मगर स्कूल कि स्थिति देखकर ऐसे नहीं लगता कि स्कूल के विकास कार्य पर ध्यान दिया गया हैं.

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुवात इसी सत्र से हुई है. प्रदेश के प्रत्येक महात्मा गांधी स्कूल के लिए सरकार ने कुछ दिन पहले शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी थी और फर्नीचर और अन्य विकास कार्यों के लिए भी डेढ़ लाख रुपये आवंटित कर दिए थे, लेकिन ईटीवी भारत ने जब स्कूल की हकीकत जानी तो हालत अभी भी जस की तस बने हुए है. साथ ही स्कूल में बच्चों की जान माल का भी खतरा मंडरा रहा है.

जयपुर. राजधानी के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित किया जा रहा है. वैसे तो स्कूल बाहर से देखने में सही सलामत लगती हैं. मगर ईटीवी भारत ने स्कूल के एक एक क्लास रूम का रियलिटी चेक किया और प्रत्येक कक्षा कक्ष की हालत जर्जर स्थिति में है. इतना ही नहीं मानसून का समय है लेकिन कक्षा रूम की की छत जर्जर हालत में है तो किसी में सीलन भी आ रही है. जिससे बारिश के पानी की बूंदे गिरने के पूरे आसार है.

जयपुर के इस सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम में चाय बनती है, बच्चों को लगती है गर्मी

स्कूल की सबसे भयावह तस्वीर कक्षा 7वीं के कक्षारूम की हैं. जहां पर चूल्हा, गैस सिलिंडर और चाय बनाने के सामान रखे हुए है. एक तरफ बच्चे पढ़ाई करते है तो दूसरी तरफ उनके कक्ष में चाय बनती है. इटीवी भारत से बात करते हुए बच्चों ने कहा कि क्लास रूम में चाय बनती है और चूल्हा जलने से गर्मी भी लगती है.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

बच्चों की जान के साथ भी भयंकर खिलवाड़

गुरुजी क्लास में पढ़ाते रहते हैं लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है कि क्लास रूम में गैस सिलिंडर से कक्षा में मौजूद करीब 35 बच्चों की जान के साथ प्रशासन की ओर से भयंकर खिलवाड़ किया जा रहा हैं. भरे हुए सिलेंडर के होने से हर वक्त किसी दुर्घटना का खतरा बना रहता हैं. वहीं एक कक्षा रूम में तो पोषाहार के बर्तन और दरिया तक रखी हुई है. ऐसे में इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि इस विद्यालय में किस स्तर की पढ़ाई हो पाती होंगी. तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक तरफ बच्चें पढ़ाई कर रहे हैं और दुसरे तरफ बगल में ही गैस-चुल्हें और पोषाहार के बर्तनें रखी हुई हैं.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम की छत जर्जर और दीवारों में सीलन

इस स्कूल के दो क्लास रूम ऐसे हैं जिनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है. मानसून शुरू हो चुका है लेकिन कक्षा रूम की छत जर्जर हालत में है, इतना ही नहीं छत में लगे सरिया तक दिखने लगे है. वहीं अन्य कक्षा रुमों में सीलन आने लगी है. बारिश के मौसम में इन क्लास रूम में पानी टपकता है, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली हैं.

pathetic situation of mahatma gandhi english medium school in jaipur
जयपुर के इस स्कूल में जान हथेली पर रख करते हैं पढ़ाई, प्रशासन बेखबर

क्लास रूम एक, दो कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे कक्षा में

इस स्कूल में क्लास रूम के अभाव से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को एक ही कक्षा रूम में पढ़ाया जा रहा है. साथ ही कुर्सी टेबल के आभाव से नौनिहाल को जमीन पर ही बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही है. स्कूल में पहली और दूसरी कक्षा को मिलाकर कुल 60 नौनिहाल अध्ययनरत है. आपको बता दें कि फर्नीचर और अन्य विकास कार्यों के लिए इस स्कूल को सरकार द्वारा डेढ़ लाख रुपये आवंटित किये गये थे, मगर स्कूल कि स्थिति देखकर ऐसे नहीं लगता कि स्कूल के विकास कार्य पर ध्यान दिया गया हैं.

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुवात इसी सत्र से हुई है. प्रदेश के प्रत्येक महात्मा गांधी स्कूल के लिए सरकार ने कुछ दिन पहले शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी थी और फर्नीचर और अन्य विकास कार्यों के लिए भी डेढ़ लाख रुपये आवंटित कर दिए थे, लेकिन ईटीवी भारत ने जब स्कूल की हकीकत जानी तो हालत अभी भी जस की तस बने हुए है. साथ ही स्कूल में बच्चों की जान माल का भी खतरा मंडरा रहा है.

Intro:जयपुर- मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर खुले प्रदेश के 33 जिलों में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर सरकार जरूर अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन राजधानी जयपुर के मानसरोवर स्थित अंग्रेजी माध्यम स्कूल की बात की जाए तो वहां स्कूल का बाहरी भाग तो चम चमाता दिखाई पड़ रहा है लेकिन स्कूल के क्लास रूम की स्थितियां भयावह है। ईटीवी भारत की पड़ताल में स्कूल की हकीकत सामने आई है।


Body:महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल कक्षा 1 से 8 तक संचालित किया जा रहा है। ईटीवी भारत ने स्कूल के एक एक क्लास रूम का रियलिटी चेक किया और प्रत्येक कक्षा कक्ष की हालत जर्जर स्थिति में है। इतना ही नहीं मानसून का समय है और किसी क्लास रूम की छत जर्जर हालत में है तो किसी क्लास रूम में सीलन आ रही है जिससे बारिश के पानी की बूंदे गिरने के पूरे आसार है।

क्लास रूम में चाय बनती है, बच्चों को लगती है गर्मी
स्कूल की सबसे भयावह तस्वीर कक्षा 7वीं के कक्षा कक्ष की है जहां पर चूल्हा, गैस सिलिंडर और चाय बनाने के सामान रखे हुए है। एक तरफ बच्चे पढ़ाई करते है तो दूसरी तरफ उनके कक्ष में चाय बनती है जिससे बच्चों ने कहा कि क्लास रूम में चाय बनती है और चूल्हा जलने से गर्मी भी लगती है। गुरुजी क्लास में पढ़ाते रहते है लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है की क्लास रूम में गैस सिलिंडर से कक्षा में मौजूद 35 बच्चों की जान के साथ प्रशासन की ओर से खिलवाड़ किया जा रहा है।

क्लास रूम की छत जर्जर और दीवारों में सीलन
स्कूल की दो क्लास रूम ऐसे है जिनकी हालत बद से बदतर हो चुकी है। मानसून शुरू हो चुका है लेकिन कक्षा कक्ष की छत जर्जर हालत में है, इतना ही नहीं छत पर लगे सरिया तक दिखने लगे है। वही अन्य क्लास रूमों में सीलन आने लगी है। बारिश के मौसम में इन क्लास रूम में पानी टपकता है। लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली है। वही एक क्लास रूम पोषाहार के बर्तन और दरिया तक रखी हुई है।

क्लास रूम एक, दो कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे कक्षा में
स्कूल में क्लास रूम के अभाव से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को एक ही क्लास रूम में पढ़ाया जा रहा है। साथ ही टेबल, चेयर के आभाव से नौनिहाल को जमीन पर दरी पर बैठाकर पढ़ाई करवाई जा रही है। स्कूल में पहली और दूसरी कक्षा को मिलाकर कुल 60 नौनिहाल अध्ययनरत है।

आपको बता दे, महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शुरुवात इसी सत्र से हुई है। प्रदेश के प्रत्येक महात्मा गांधी स्कूल के लिए सरकार ने कुछ दिन पहले शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी थी और फर्नीचर और अन्य विकास कार्यों के लिए भी डेढ़ लाख रुपये आवंटित कर दिए थे, लेकिन ईटीवी भारत ने जब स्कूल की हकीकत जानी तो हालत अभी भी जस की तस बने हुए है साथ ही स्कूल में बच्चों की जान माल का भी ख़तरा मंडरा रहा है।

बाईट- बच्चों की बाईट



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