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उद्योग मंत्री ने किया दावा, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

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Published : Feb 12, 2021, 3:24 AM IST

उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने गुरुवार को विधानसभा में दावा करते हुए कहा कि बीकानेर जिले में स्थापित उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं देकर बाहरी श्रमिकों को काम पर लेने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय रोजगार सृजन को बढावा देने के लिए वर्ष 2019 में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसके कारण उद्यमियों द्वारा अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.

statement of Parsadi Lal Meena, Rajasthan Legislative Assembly session
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

जयपुर. उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने गुरुवार को विधानसभा में दावा करते हुए कहा कि बीकानेर जिले में स्थापित उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं देकर बाहरी श्रमिकों को काम पर लेने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय रोजगार सृजन को बढावा देने के लिए वर्ष 2019 में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसके कारण उद्यमियों द्वारा अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.

परसादी लाल मीणा प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना केे तहत नियोक्ता द्वारा 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम पर रखने पर श्रमिकों के ईपीएफ तथा ईएसआई के अंशदान का 75 प्रतिशत पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. इसके अतिरिक्त स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति तथा ओबीसी की महिला एवं दिव्यांग को भी रोजगार देने पर 75 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें अभी तक 4 लाख 20 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इनमें से लगभग एक लाख 90 हजार प्रशिक्षित युवाओं को गत 2 वर्षों में रोजगार भी मिला है.

इससे पहले विधायक सुमित गोदारा के मूल प्रश्न के जवाब में परसादी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में उद्योगपतियों को निवेश हेतु प्रोत्साहित करने एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019 प्रभावी है, जिसकी कार्यावधि 31 मार्च 2026 तक है. इस योजना को राजस्थान की फ़्लेगशिप योजनाओं में सम्मिलित किया गया है.

पढ़ें- बिना भूमि रूपान्तरण के संचालित ईंट भट्टों पर होगी कार्रवाई, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने दिया निर्देश

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत पुनर्भरण (7 वर्षाें के लिए) प्रदान किया जाता है. इस योजनान्तर्गत स्थानीय कार्मिक/मजदूर (राजस्थान में अधिवासित) को नियोजित किए जाने पर श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 75 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने बताया कि बीकानेर जिले में स्थापित उद्योगों व लूणकरणसर एवं कोलायत विधानसभा क्षेत्रों में नए स्थापित हो रहे सौर ऊर्जा प्लांट उद्योग में स्थानीय युवाओं को नकारे जाने एवं बाहरी श्रमिकों को कार्य पर लिए जाने से संबंधित कोई शिकायत विभाग के स्तर पर लम्बित नहीं है. स्थानीय औद्योगिक संघाें से प्राप्त सूचना के अनुसार वहां कार्यरत इकाइयों में योग्यता एवं अनुभव के आधार पर स्थानीय एवं बाहरी श्रमिक दोनों कार्यरत हैं.

जयपुर. उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने गुरुवार को विधानसभा में दावा करते हुए कहा कि बीकानेर जिले में स्थापित उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं देकर बाहरी श्रमिकों को काम पर लेने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य में स्थानीय रोजगार सृजन को बढावा देने के लिए वर्ष 2019 में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसके कारण उद्यमियों द्वारा अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है.

परसादी लाल मीणा प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने बताया कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना केे तहत नियोक्ता द्वारा 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम पर रखने पर श्रमिकों के ईपीएफ तथा ईएसआई के अंशदान का 75 प्रतिशत पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है. इसके अतिरिक्त स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति तथा ओबीसी की महिला एवं दिव्यांग को भी रोजगार देने पर 75 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं, जिसमें अभी तक 4 लाख 20 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इनमें से लगभग एक लाख 90 हजार प्रशिक्षित युवाओं को गत 2 वर्षों में रोजगार भी मिला है.

इससे पहले विधायक सुमित गोदारा के मूल प्रश्न के जवाब में परसादी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में उद्योगपतियों को निवेश हेतु प्रोत्साहित करने एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019 प्रभावी है, जिसकी कार्यावधि 31 मार्च 2026 तक है. इस योजना को राजस्थान की फ़्लेगशिप योजनाओं में सम्मिलित किया गया है.

पढ़ें- बिना भूमि रूपान्तरण के संचालित ईंट भट्टों पर होगी कार्रवाई, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने दिया निर्देश

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत पुनर्भरण (7 वर्षाें के लिए) प्रदान किया जाता है. इस योजनान्तर्गत स्थानीय कार्मिक/मजदूर (राजस्थान में अधिवासित) को नियोजित किए जाने पर श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 75 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने बताया कि बीकानेर जिले में स्थापित उद्योगों व लूणकरणसर एवं कोलायत विधानसभा क्षेत्रों में नए स्थापित हो रहे सौर ऊर्जा प्लांट उद्योग में स्थानीय युवाओं को नकारे जाने एवं बाहरी श्रमिकों को कार्य पर लिए जाने से संबंधित कोई शिकायत विभाग के स्तर पर लम्बित नहीं है. स्थानीय औद्योगिक संघाें से प्राप्त सूचना के अनुसार वहां कार्यरत इकाइयों में योग्यता एवं अनुभव के आधार पर स्थानीय एवं बाहरी श्रमिक दोनों कार्यरत हैं.

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