ETV Bharat / city

हेरिटेज सिटी, ग्रीन सिटी और गोपालपुरा बायपास परियोजना के पैरामीटर तय, यूडीएच मंत्री ने नियमन पर रोक लगाने के दिए निर्देश - गोपालपुरा बायपास परियोजना के पैरामीटर तय

आगरा रोड पर हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए विशेष पैरामीटर तय किए गए हैं. जहां एक ओर हेरिटेज सिटी परकोटे की तर्ज पर बनाई जाएगी तो वहीं ग्रीन सिटी एरिया इकोलॉजिकल जोन होने के चलते फार्म हाउस रिसॉर्ट और डेयरी जैसी योजनाएं प्रस्तावित है. इसके पैरामीटर पर यूडीएच मंत्री ने सहमति दे दी है.

gopalpura bypass project
gopalpura bypass project
author img

By

Published : Jun 20, 2022, 9:39 AM IST

जयपुर. राजधानी के आगरा रोड पर हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए विशेष पैरामीटर तय किए गए हैं. जहां एक ओर हेरिटेज सिटी परकोटे की तर्ज पर बनाई जाएगी तो वहीं ग्रीन सिटी एरिया इकोलॉजिकल जोन होने के चलते फार्म हाउस रिसॉर्ट और डेयरी जैसी योजनाएं प्रस्तावित है. इसके अलावा गोपालपुरा बायपास परियोजना को आदर्श रोड के रूप में विकसित किया जाना है, जिसके पैरामीटर पर भी यूडीएच मंत्री ने सहमति दे दी है. हालांकि, हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव लेने, खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित करने और नियमन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, गोपालपुरा बायपास परियोजना को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों से भू-उपयोग परिवर्तन फॉर्म भरवाने के निर्देश दिए गए हैं.

  • हेरिटेज सिटी-

जयपुर शहर में आगरा रोड के दक्षिण में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के प्रावधानों के अनुसार हेरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना है. जिसमें रोड-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है. चौराहों पर चौपड़ें और प्रवेश के लिए 9 प्रवेश द्वार प्रस्तावित किए गए हैं. हेरिटेज सिटी में डिवाइडर, भूखण्डों की बाउण्ड्रीवॉल, भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. हेरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. विशिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा.

गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र और 5 प्रतिशत दूसरी सुविधाओं के लिए आरक्षित रखना होगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए कि हेरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए यहां के भूखण्डों पर भवनों के लिए राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 टाईप डिजाईन तैयार करे. यहां भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जाए. हेरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल और माप नियंत्रित किए जाने के लिए मानक निर्धारित किए जाए. जैसे कि हेरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर और 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किए जाए.

पढ़ें- Botanical Garden in Bharatpur: 3 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा गार्डन, विभाग को मिली वित्तीय स्वीकृति

हेरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़क न्यूनतम 18 मीटर सड़क निर्धारित की जाए जबकि प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आंतरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाए. हेरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे और दुकानें प्रस्तावित की जाए. जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से हेरिटेज सिटी की सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन, प्रवेश द्वार और भवनों के टाईप डिजाइन तैयार कर सड़कों और बरामदों का निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. यूडीएच मंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर हेरिटेज सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव प्राप्त किए जाए. खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित किया जाए. हेरिटेज सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर रोक लगाई जाएगी.

  • ग्रीन सिटी-

जयपुर शहर में आगरा रोड के उत्तर में प्रस्तावित ग्रीन सिटी का भू-उपयोग ईकोलोजिकल होने के कारण प्रस्तावित शहर के लिए तैयार प्रावधानों में इस क्षेत्र पर न्यूनतम प्रभाव डाले बिना निर्माण किया जाना है. इस क्षेत्र में कम ऊंचाई और न्यूनतम भू-आच्छादन के भूखण्ड ही प्रस्तावित किए जाने का विशेष ध्यान रखा गया है. यहां फॉर्म हाउस इकोफ्रेण्डली-हाउस, रिसोर्ट, डेयरी जैसी योजनाएं अनुमोदित किया जाना प्रस्तावित है. ग्रीन सिटी में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 5 हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 55 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 10 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र के लिए आरक्षित रखा जाना होगा. योजना के भूखण्डों में अधिकतम 25 प्रतिशत भू-आच्छादन अनुज्ञेय होगा. भवन की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर अनुज्ञेय होगी.

ग्रीन सिटी में प्रत्येक भूखण्ड के आगे सेटबैंक में न्यूनतम 3 मीटर की हरित पट्टी, भूखण्डों के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिशत क्षेत्र में हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना होगा. जिसमें से भूखण्ड क्षेत्र का न्यूनतम 20 प्रतिशत क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक होगा. ग्रीन सिटी में सड़कों डिवाइडर, पैदल यात्रियों का पाथ-वे को वृक्षारोपित हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना प्रस्तावित है. इसे लेकर यूडीएच मंत्री ने तैयार विशिष्ठ पैरामीटर्स पर सहमति प्रदान की. साथ ही ये निर्देश दिए कि ग्रीन सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए भूमि चिह्नित कर ग्रीन सिटी के प्रस्तावित प्रावधानों के अनुसार योजना विकसित करे.

पढ़ें- MGNREGA in Rajasthan: शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगा रोजगार, टास्क पूरा नहीं किया तो तय मानदेय में होगी कटौती

ग्रीन सिटी के प्रमुख सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन टाइप डिजाइन तैयार कर जेडीए उनका निर्माण करे. धारीवाल ने जेडीए को ग्रीन सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर खातेदारों से योजना विकसित करने के लिए सुझाव प्राप्त करने, और खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रीन सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर रोक भी लगाई जाएगी.

  • गोपालपुरा बायपास-

गोपालपुरा बायपास विशेष परियोजना क्षेत्र में अनियोजित ट्रैफिक को सुनियोजित किया जाना प्रस्तावित है. साथ ही 160 फीट गोपालपुरा बायपास पर 6 लेन की मुख्य सड़क प्रस्तावित की गई है. यहां सड़क के दोनों ओर पैदल यात्रियों के लिए पाथ-वे, दोपहिया - चौपहिया वाहनों के लिए पार्किंग और सर्विस-लेन प्रस्तावित की गई है. गोपालपुरा बायपास परियोजना क्षेत्र में इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पार्किंग प्रस्तावित की गई है. जिन भूखण्डों पर नियमानुसार आवश्यक पार्किंग की पूर्ति नहीं होती है, उन भूखण्डों के लिए एक लाख रुपए प्रति कार की दर से पार्किंग मैनेजमेंट शुल्क लेकर भू-उपयोग परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित किया गया है. इस संबंध में धारीवाल ने निर्देश दिए कि विशेष परियोजना की क्रियान्विति जल्द से जल्द की जाए. जेडीए गोपालपुरा बायपास परियोजना क्षेत्र के भूखण्डधारियों को इस योजना से अवगत कराए और भूखण्डधारियों को भू-उपयोग परिवर्तन फॉर्म का वितरण घर-घर जाकर करे. भूखण्डधारियों को ये फॉर्म तीन महीने में जमा कराना होगा.

जयपुर. राजधानी के आगरा रोड पर हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी विकसित करने के लिए विशेष पैरामीटर तय किए गए हैं. जहां एक ओर हेरिटेज सिटी परकोटे की तर्ज पर बनाई जाएगी तो वहीं ग्रीन सिटी एरिया इकोलॉजिकल जोन होने के चलते फार्म हाउस रिसॉर्ट और डेयरी जैसी योजनाएं प्रस्तावित है. इसके अलावा गोपालपुरा बायपास परियोजना को आदर्श रोड के रूप में विकसित किया जाना है, जिसके पैरामीटर पर भी यूडीएच मंत्री ने सहमति दे दी है. हालांकि, हेरिटेज सिटी और ग्रीन सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव लेने, खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित करने और नियमन पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, गोपालपुरा बायपास परियोजना को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों से भू-उपयोग परिवर्तन फॉर्म भरवाने के निर्देश दिए गए हैं.

  • हेरिटेज सिटी-

जयपुर शहर में आगरा रोड के दक्षिण में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के प्रावधानों के अनुसार हेरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना है. जिसमें रोड-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है. चौराहों पर चौपड़ें और प्रवेश के लिए 9 प्रवेश द्वार प्रस्तावित किए गए हैं. हेरिटेज सिटी में डिवाइडर, भूखण्डों की बाउण्ड्रीवॉल, भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. हेरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. विशिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा.

गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र और 5 प्रतिशत दूसरी सुविधाओं के लिए आरक्षित रखना होगा. इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए कि हेरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए यहां के भूखण्डों पर भवनों के लिए राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 टाईप डिजाईन तैयार करे. यहां भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जाए. हेरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल और माप नियंत्रित किए जाने के लिए मानक निर्धारित किए जाए. जैसे कि हेरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर और 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किए जाए.

पढ़ें- Botanical Garden in Bharatpur: 3 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा गार्डन, विभाग को मिली वित्तीय स्वीकृति

हेरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़क न्यूनतम 18 मीटर सड़क निर्धारित की जाए जबकि प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आंतरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाए. हेरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे और दुकानें प्रस्तावित की जाए. जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से हेरिटेज सिटी की सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन, प्रवेश द्वार और भवनों के टाईप डिजाइन तैयार कर सड़कों और बरामदों का निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. यूडीएच मंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर हेरिटेज सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव प्राप्त किए जाए. खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित किया जाए. हेरिटेज सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर रोक लगाई जाएगी.

  • ग्रीन सिटी-

जयपुर शहर में आगरा रोड के उत्तर में प्रस्तावित ग्रीन सिटी का भू-उपयोग ईकोलोजिकल होने के कारण प्रस्तावित शहर के लिए तैयार प्रावधानों में इस क्षेत्र पर न्यूनतम प्रभाव डाले बिना निर्माण किया जाना है. इस क्षेत्र में कम ऊंचाई और न्यूनतम भू-आच्छादन के भूखण्ड ही प्रस्तावित किए जाने का विशेष ध्यान रखा गया है. यहां फॉर्म हाउस इकोफ्रेण्डली-हाउस, रिसोर्ट, डेयरी जैसी योजनाएं अनुमोदित किया जाना प्रस्तावित है. ग्रीन सिटी में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 5 हेक्टेयर रखा गया है, जिसमें अधिकतम 55 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. गैर विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 10 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र के लिए आरक्षित रखा जाना होगा. योजना के भूखण्डों में अधिकतम 25 प्रतिशत भू-आच्छादन अनुज्ञेय होगा. भवन की अधिकतम ऊंचाई 15 मीटर अनुज्ञेय होगी.

ग्रीन सिटी में प्रत्येक भूखण्ड के आगे सेटबैंक में न्यूनतम 3 मीटर की हरित पट्टी, भूखण्डों के क्षेत्रफल का न्यूनतम 30 प्रतिशत क्षेत्र में हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना होगा. जिसमें से भूखण्ड क्षेत्र का न्यूनतम 20 प्रतिशत क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक होगा. ग्रीन सिटी में सड़कों डिवाइडर, पैदल यात्रियों का पाथ-वे को वृक्षारोपित हरित क्षेत्र के रूप विकसित किया जाना प्रस्तावित है. इसे लेकर यूडीएच मंत्री ने तैयार विशिष्ठ पैरामीटर्स पर सहमति प्रदान की. साथ ही ये निर्देश दिए कि ग्रीन सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए भूमि चिह्नित कर ग्रीन सिटी के प्रस्तावित प्रावधानों के अनुसार योजना विकसित करे.

पढ़ें- MGNREGA in Rajasthan: शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगा रोजगार, टास्क पूरा नहीं किया तो तय मानदेय में होगी कटौती

ग्रीन सिटी के प्रमुख सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन टाइप डिजाइन तैयार कर जेडीए उनका निर्माण करे. धारीवाल ने जेडीए को ग्रीन सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर खातेदारों से योजना विकसित करने के लिए सुझाव प्राप्त करने, और खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. साथ ही ग्रीन सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर रोक भी लगाई जाएगी.

  • गोपालपुरा बायपास-

गोपालपुरा बायपास विशेष परियोजना क्षेत्र में अनियोजित ट्रैफिक को सुनियोजित किया जाना प्रस्तावित है. साथ ही 160 फीट गोपालपुरा बायपास पर 6 लेन की मुख्य सड़क प्रस्तावित की गई है. यहां सड़क के दोनों ओर पैदल यात्रियों के लिए पाथ-वे, दोपहिया - चौपहिया वाहनों के लिए पार्किंग और सर्विस-लेन प्रस्तावित की गई है. गोपालपुरा बायपास परियोजना क्षेत्र में इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पार्किंग प्रस्तावित की गई है. जिन भूखण्डों पर नियमानुसार आवश्यक पार्किंग की पूर्ति नहीं होती है, उन भूखण्डों के लिए एक लाख रुपए प्रति कार की दर से पार्किंग मैनेजमेंट शुल्क लेकर भू-उपयोग परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित किया गया है. इस संबंध में धारीवाल ने निर्देश दिए कि विशेष परियोजना की क्रियान्विति जल्द से जल्द की जाए. जेडीए गोपालपुरा बायपास परियोजना क्षेत्र के भूखण्डधारियों को इस योजना से अवगत कराए और भूखण्डधारियों को भू-उपयोग परिवर्तन फॉर्म का वितरण घर-घर जाकर करे. भूखण्डधारियों को ये फॉर्म तीन महीने में जमा कराना होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.