जयपुर. अब तक यह चर्चा अक्सर होती थी कि महिला जनप्रतिनिधियों की जगह उनके पति या रिश्तेदार काम में दखल देते हैं. इसे रोकने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है.
महिला जनप्रतिनिधियों के पति की पंचायत के कामों में दखलअंदाजी की खबरें अक्सर सुनने को मिलती है. इसे देखते हुए अब राजस्थान की ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की ओर से एसीएस राजेश्वर सिंह ने एक आदेश जारी किया है. जिसमें इस पर रोक लगाते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.
आदेश में लिखा है कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि कई प्रकरणों में पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, निकट संबंधी, रिश्तेदार या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा कार्यालय में काम किया जाता है. वहीं बैठक भी आयोजित करने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप होता है. पंचायतीराज संस्था के निर्वाचित सदस्य या पदाधिकारी द्वारा यदि ऐसा काम किया जाता है तो वह कर्तव्यों के निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचरण की श्रेणी में आता है.
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साथ ही विधित किया गया है कि किसी भी पंचायती राज संस्था में ऐसा पाए जाने पर संबंधित महिला सदस्य या पदाधिकारी के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-38 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस प्रकार के प्रकरणों में सहयोग करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के विरोध में नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी.