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पंचायतराज चुनाव: भाजपा को जंची नहीं ''सरकार'' की ये बात! लिया अहम फैसला... महारानी के दिखाए रास्ते पर ही चलेगी पार्टी

पढ़ा लिखा सदस्य ही भाजपा में पंचायत के चुनाव लड़ने का पात्र होगा. भाजपा ने ये साफ कर दिया है. प्रदेश सरकार ने पूर्व की वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार के फैसले को पलट दिया था. उन्होंने पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को हटा दिया. लेकिन भाजपा उसी मापदंड के आधार पर प्रत्याशियों को टिकट देगी.

panchayatraj chunav
शैक्षिक बाध्यता के अनुसार मिलेगा टिकट
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Published : Aug 13, 2021, 1:43 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 2:35 PM IST

जयपुर: प्रदेश की गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता कि बाध्यता के पिछली सरकार के फैसले को पलट दिया था. इसे गैर जरूरी बताया था. लेकिन भाजपा अपनी महारानी के फैसले का एहतराम करती है. सो उसी पैमाने पर अपने प्रत्याशियों को कसेगी. भाजपा ने यह साफ कर दिया है की टिकट शिक्षित व्यक्ति को ही देंगे. हालांकि अपवाद से इनकार भी नहीं किया जा रहा.

भाजपा नहीं मानेगी सरकार की बात

अच्छी खबर : सरकार के अलग-अलग विभाग लेंगे प्रतिभावान खिलाड़ियों को गोद, CSR गतिविधियों में खेल और खिलाड़ियों को देंगे बढ़ावा

प्रदेश में 6 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं. इसमें पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन का दौर जारी है. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बायोडाटा लेकर आने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या भी कम नहीं है. क्षेत्र के अपने अपनों के लिए भी बैटिंग जारी है. प्रभारी सह-प्रभारी और पर्यवेक्षकों का बायोडाटा भी जुट रहा है. बीजेपी ने प्रत्याशी चयन के लिए कुछ मापदंड रखे हैं. जिसमें सबसे प्रमुख है- भाजपा का कार्यकर्ता होना और क्षेत्र में जिताऊ स्थिति में होना.

इसके अलावा भी कुछ Parameters तय किए गए हैं. मसलन पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाहित, पार्टी कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता, पहले किसी भी तरह के अनुशासानात्मक कार्रवाई को न झेला हुआ हो और साथ ही शिक्षित हो. पार्टी की ओर से प्रदेश में जिला परिषद पंचायत राज चुनाव के लिए बनाए गए प्रदेश समन्वयक (State Co ordinator) और पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा का साफ़ तौर पर कहना है कि हम तो वही फॉलो करेंगे जो तत्कालीन सरकार ने फाइनल किया था.


वसुंधरा सरकार की वो नीति : वसुंधरा सरकार ने दिसंबर 2014 में जनप्रतिनिधियों के लिए शैक्षणिक योग्यता का पैमाना सेट किया था. इसके अंतर्गत पंचायत, राज्य और स्थानीय निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों पर शैक्षणिक योग्यता लागू की गई. अहम बात ये थी कि सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास होना तो वहीं पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए दसवीं कक्षा पास होना जरूरी था. प्रदेश में गहलोत सरकार के आने के बाद ही वसुंधरा सरकार के इस फैसले को बदलकर शैक्षणिक बाध्यता खत्म कर दी गई थी.

बायोडाटा लेकर पहुंच रहे कार्यकर्ता,14 अगस्त तक तय होंगे नाम: पंचायत राज चुनाव के पहले चरण के तहत नामांकन का दौर 16 अगस्त तक चलेगा. लेकिन भाजपा अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान शुक्रवार देर रात से करना शुरू कर देगी. संभवतः 14 अगस्त देर शाम तक प्रभारी और पर्यवेक्षकों की ओर से मिले पैनल पर अंतिम मुहर लगा दी जाएगी. प्रत्याशी फाइनल कर दिए जाएंगे. प्रभारी और सह प्रभारी क्षेत्र में चर्चा के बाद यह पैनल तैयार कर रहे हैं. फिर भी टिकट की चाहत रखने वाले कार्यकर्ता अपना बायोडाटा लेकर सीधे प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंच रहे हैं ताकि पार्टी के आला नेताओं के समक्ष अपनी बात रख टिकट मांग सके.

जयपुर: प्रदेश की गहलोत सरकार ने सत्ता में आते ही पंचायत राज चुनाव में शैक्षणिक योग्यता कि बाध्यता के पिछली सरकार के फैसले को पलट दिया था. इसे गैर जरूरी बताया था. लेकिन भाजपा अपनी महारानी के फैसले का एहतराम करती है. सो उसी पैमाने पर अपने प्रत्याशियों को कसेगी. भाजपा ने यह साफ कर दिया है की टिकट शिक्षित व्यक्ति को ही देंगे. हालांकि अपवाद से इनकार भी नहीं किया जा रहा.

भाजपा नहीं मानेगी सरकार की बात

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प्रदेश में 6 जिलों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं. इसमें पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन का दौर जारी है. प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बायोडाटा लेकर आने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या भी कम नहीं है. क्षेत्र के अपने अपनों के लिए भी बैटिंग जारी है. प्रभारी सह-प्रभारी और पर्यवेक्षकों का बायोडाटा भी जुट रहा है. बीजेपी ने प्रत्याशी चयन के लिए कुछ मापदंड रखे हैं. जिसमें सबसे प्रमुख है- भाजपा का कार्यकर्ता होना और क्षेत्र में जिताऊ स्थिति में होना.

इसके अलावा भी कुछ Parameters तय किए गए हैं. मसलन पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाहित, पार्टी कार्यकर्ताओं में स्वीकार्यता, पहले किसी भी तरह के अनुशासानात्मक कार्रवाई को न झेला हुआ हो और साथ ही शिक्षित हो. पार्टी की ओर से प्रदेश में जिला परिषद पंचायत राज चुनाव के लिए बनाए गए प्रदेश समन्वयक (State Co ordinator) और पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा का साफ़ तौर पर कहना है कि हम तो वही फॉलो करेंगे जो तत्कालीन सरकार ने फाइनल किया था.


वसुंधरा सरकार की वो नीति : वसुंधरा सरकार ने दिसंबर 2014 में जनप्रतिनिधियों के लिए शैक्षणिक योग्यता का पैमाना सेट किया था. इसके अंतर्गत पंचायत, राज्य और स्थानीय निकाय चुनाव में किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों पर शैक्षणिक योग्यता लागू की गई. अहम बात ये थी कि सरपंच का चुनाव लड़ने के लिए आठवीं पास होना तो वहीं पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए दसवीं कक्षा पास होना जरूरी था. प्रदेश में गहलोत सरकार के आने के बाद ही वसुंधरा सरकार के इस फैसले को बदलकर शैक्षणिक बाध्यता खत्म कर दी गई थी.

बायोडाटा लेकर पहुंच रहे कार्यकर्ता,14 अगस्त तक तय होंगे नाम: पंचायत राज चुनाव के पहले चरण के तहत नामांकन का दौर 16 अगस्त तक चलेगा. लेकिन भाजपा अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान शुक्रवार देर रात से करना शुरू कर देगी. संभवतः 14 अगस्त देर शाम तक प्रभारी और पर्यवेक्षकों की ओर से मिले पैनल पर अंतिम मुहर लगा दी जाएगी. प्रत्याशी फाइनल कर दिए जाएंगे. प्रभारी और सह प्रभारी क्षेत्र में चर्चा के बाद यह पैनल तैयार कर रहे हैं. फिर भी टिकट की चाहत रखने वाले कार्यकर्ता अपना बायोडाटा लेकर सीधे प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंच रहे हैं ताकि पार्टी के आला नेताओं के समक्ष अपनी बात रख टिकट मांग सके.

Last Updated : Aug 13, 2021, 2:35 PM IST
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