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पंचायत पुनर्गठन संशोधन को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर SC का स्टे, पंचायती राज मंत्री पायलट ने जताई खुशी - सुप्रीम कोर्ट

राजस्थान में पंचायत पुनर्गठन में हुए संशोधन पर लगी हाईकोर्ट की रोक पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दे दिया है. इस निर्णय पर प्रदेश का पंचायती राज मंत्रालय संभाल रहे उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खुशी जताई है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने संविधान और कानून के आधार पर ही पुनर्गठन किया था. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद शेष बची पंचायतों पर भी चुनाव हो सकेंगे.

Panchayat election 2020, राजस्थान में पंचायत पुनर्गठन
Panchayat reorganization amendment approved
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Published : Jan 8, 2020, 6:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सरकार द्वारा कराए गए पंचायतों के पुनर्गठन और उसके बाद संशोधित पुनर्गठन को अब पूरी तरीके से सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है. राजस्थान हाईकोर्ट ने कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी थी.

पंचायत पुनर्गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सचिन पायलट ने जताई खुशी

दरअसल, 16 नवंबर को प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों का पुनर्गठन किया था. इसके बाद 1 दिसंबर को एक बार फिर पंचायती राज विभाग ने पंचायतों का संशोधित पुनर्गठन कर सूची जारी की थी. जिसे लेकर जोधपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में याचिका लगी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जोधपुर हाईकोर्ट ने संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी थी.

पढे़ंः पायलट के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- BJP को सीख न दें, खुद की पार्टी पर ध्यान दें

हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां बुधवार के दिन सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है. जिससे अब राज्य सरकार के द्वारा किए गए तमाम पंचायतों के पुनर्गठन मान्य होंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उप मुख्यमंत्री और राज्य के पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और जनता के सुझाव पर ही संविधान और कानून के दायरे में पंचायतों का पुनर्गठन किया गया था.

पढे़ंः नारा हम हिंदुस्तान का दे रहे हैं, और बच्चों का जीवन बचाने के लिए चाइनीज सामान खरीद रहे हैं : रघु शर्मा

पायलट ने कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में निर्णय दिया है. पुनर्गठन से प्रदेश की जनता को राहत मिलेगी. उन्होने कहा पुनर्गठन के पीछे सरकार का उद्देश्य यही है कि पंचायतें छोटी बनेंगी तो जनता को सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिल सकेगा. पायलट ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अब निर्वाचन आयोग भी जल्द ही प्रधान और जिला प्रमुख के चुनाव की घोषणा करेगा.

जयपुर. राजस्थान में सरकार द्वारा कराए गए पंचायतों के पुनर्गठन और उसके बाद संशोधित पुनर्गठन को अब पूरी तरीके से सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है. राजस्थान हाईकोर्ट ने कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी थी.

पंचायत पुनर्गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सचिन पायलट ने जताई खुशी

दरअसल, 16 नवंबर को प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों का पुनर्गठन किया था. इसके बाद 1 दिसंबर को एक बार फिर पंचायती राज विभाग ने पंचायतों का संशोधित पुनर्गठन कर सूची जारी की थी. जिसे लेकर जोधपुर स्थित हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में याचिका लगी थी. जिस पर सुनवाई करते हुए जोधपुर हाईकोर्ट ने संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी थी.

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हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां बुधवार के दिन सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है. जिससे अब राज्य सरकार के द्वारा किए गए तमाम पंचायतों के पुनर्गठन मान्य होंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उप मुख्यमंत्री और राज्य के पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और जनता के सुझाव पर ही संविधान और कानून के दायरे में पंचायतों का पुनर्गठन किया गया था.

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पायलट ने कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में निर्णय दिया है. पुनर्गठन से प्रदेश की जनता को राहत मिलेगी. उन्होने कहा पुनर्गठन के पीछे सरकार का उद्देश्य यही है कि पंचायतें छोटी बनेंगी तो जनता को सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिल सकेगा. पायलट ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अब निर्वाचन आयोग भी जल्द ही प्रधान और जिला प्रमुख के चुनाव की घोषणा करेगा.

Intro:राजस्थान में पंचायत पुनर्गठन में हुए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी उप मुख्यमंत्री और प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा सरकार ने संविधान और कानून के आधार पर ही किया था पुनर्गठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जताई खुशी कहा आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने किया पुनर्गठन अब उम्मीद जल्द ही निर्वाचन आयोग करेगा बचे हुए चुनाव की घोषणा


Body:राजस्थान में सरकार द्वारा कराए गए पंचायतों के पुनर्गठन और उसके बाद संशोधित पुनर्गठन को अब पूरी तरीके से सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल गई है। दरअसल 16 नवंबर को प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायतों का पुनर्गठन किया था लेकिन इसके बाद 1 दिसंबर को एक बार फिर विभाग द्वारा पंचायतों का संशोधित पुनर्गठन किया जिसे लेकर जोधपुर हाई कोर्ट में याचिका लगी और जोधपुर हाईकोर्ट ने संशोधित पुनर्गठन पर रोक लगा दी । हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जहां सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया है। जिससे अब राज्य सरकार के द्वारा किए गए तमाम पंचायतों के पुनर्गठन मान्य होंगे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उप मुख्यमंत्री और राज्य के पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और जनता के सुझाव पर ही संविधान और कानून के दायरे में पंचायतों का पुनर्गठन किया गया था। पायलट ने कहा कि मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में निर्णय लिया है इस पुनर्गठन से प्रदेश की जनता को राहत मिलेगी पुनर्गठन से सरकार का उद्देश्य यही है कि पंचायतें छोटी बनेगी तो जनता को सरकारी योजनाओं का सही तरीके से लाभ मिल सकेगा पायलट ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अब निर्वाचन आयोग भी जल्द ही प्रधान और जिला प्रमुख के चुनाव की घोषणा करेगा।
बाइट सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री राजस्थान


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