जयपुर. 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का ये नारा हर किसी दीवारों पर लिखे मिल जाएंगे. जबकि वास्तव में प्रदेश में महिला सुरक्षा की हकीकत कुछ और ही है, जो सिर्फ एक पीड़ित परिवार ही जानता है. श्रीगंगानगर जिले के पल्लवी मिड्डा दोहरा हत्याकांड इस बात का जीता जागता उदाहरण है.
दरअसल, 7 मार्च को दहेज के लालची ससुराल पक्ष ने कैसे अपनी नई नवेली गर्भवती बहू को उसके पेट में पल रहे 5 महीने के अजन्मे बच्चे के साथ दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के बाद काफी धरने और प्रदर्शनों के बाद भी श्रीगंगानगर पुलिस अपनी कछुआ चाल से जांच चला रहा है. ऐसे में पीड़ित पक्ष सोमवार को राजधानी जयपुर पहुंचा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई.
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पीड़ित पक्ष के पुष्पेंद्र भूटानी ने प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया कि, हत्याकांड के जांच अधिकारी अरविंद बराड़ इसे महज एक दुर्घटना बताकर अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. यहां तक की कोर्ट में उनके लिए पैरवी तक कर रहे हैं. जहां पुलिस रिमांड मांगना है, वहां न्यायिक अभिरक्षा में अपराधियों को सुरक्षित भेज रहे हैं. यही वजह है कि, श्रीगंगानगर में विरोध प्रदर्शन के बावजूद अपराधी नहीं पकड़े गए हैं. ऐसे में मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री की शरण में पहुंचे हैं.