जयपुर. ऑक्सीजन एक्सप्रेस कोरोना के बढ़ते संक्रमण में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों में लिक्विड ऑक्सीजन पहुंचा रही है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 20 दिन में 12 राज्यों में करीब 7900 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई है.
राजधानी जयपुर में भी पिछले दिनों ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी, ताकि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हो सके. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालित किया जा रहा है. इन ट्रेनों की स्पीड अन्य ट्रेनों की तुलना में बहुत अधिक होती है. इन्हें बिना रुके अपने गंतव्य स्थान तक जल्दी पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर संचालित किया जा रहा है.
देशभर में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए रेलवे प्रशासन तेजी से कार्य कर रहा है. रेलवे ट्रैक पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लिक्विड ऑक्सीजन के टैंकर्स को गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा रहा है. 24 अप्रैल को देश में पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश पहुंची थी. इसके बाद अब करीब 12 राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचाई जा चुकी है. 265 से ज्यादा ट्रेनों के द्वारा करीब 500 ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाए जा चुके हैं. राजस्थान के जयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा और बीकानेर मंडलों पर अलग-अलग शहरों में जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन पहुंचाई गई है. राजस्थान में करीब 20 ट्रेनें ऑक्सीजन लेकर पहुंची हैं. उत्तर-पश्चिम रेलवे के प्रत्येक मंडल पर एक विशेष टीम बनाई गई है, जो ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को शीघ्र गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाने और उस पर निगरानी रखने का काम कर रही है.
रेलवे ने हापा, मुद्रा, राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से 462 महाराष्ट्र, 2210 उत्तर प्रदेश, 408 मध्य प्रदेश, 1228 हरियाणा, 308 तेलंगाना, 72 राजस्थान, 120 कर्नाटक, 80 उत्तराखंड, 80 तमिलनाडु और 2950 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दिल्ली पहुंचाई जा चुकी है.