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जयपुर: 6 महीने तक का टैक्स माफ नहीं करने पर बस ऑपरेटर्स में आक्रोश, RTO कार्यालय के बाहर खड़ी करेंगे बसें

मोटर व्हीकल एक्ट में नॉन यूज के तहत टैक्स माफ नहीं करने पर जयपुर के बस ऑपरेटरों में आक्रोश हैं और इसी के चलते सभी बस ऑपरेटर बुधवार को जयपुर आरटीओ कार्यालय के बाहर अपनी बसें खड़ी करेंगे.

jaipur news, जयपुर समाचार
टैक्स माफ नहीं करने पर बस ऑपरेटर्स में आक्रोश
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Published : Jun 2, 2020, 9:37 PM IST

जयपुर. मोटर व्हीकल एक्ट में नॉन यूज के तहत टैक्स माफ नहीं करने पर जयपुर के बस ऑपरेटरों में आक्रोश हैं और इसी के चलते सभी बस ऑपरेटर बुधवार को जयपुर आरटीओ कार्यालय के बाहर अपनी बसें खड़ी करेंगे. इस मामले को लेकर ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन जयपुर ने जयपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है. सभी बस ऑपरेटरों ने मांग की है कि उनके 6 महीने का टैक्स माफ किया जाए. इसी मामले को लेकर बस ऑपरेटरों ने पोलो विक्ट्री पर प्रदर्शन भी किया.

टैक्स माफ नहीं करने पर बस ऑपरेटर्स में आक्रोश

अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार के आदेश के कारण बस संचालकों ने मार्च से वाहन संचालित नहीं किए हैं और इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में नॉन यूज के तहत सरकार ने नियम 25-ए-ए के तहत कर छूट का प्रावधान किया हुआ है. नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी की, लेकिन सभी जिला परिवहन अधिकारी कराधान ने बसों को लॉकडाउन की अवधि की छूट नहीं दी जा रही और बस मालिकों पर जून माह का टैक्स का बोझ और डाल दिया, जिससे प्रत्येक वाहन को 8 से 50 हजार तक का भार उठाना पड़ेगा. जबकि कोई भी वाहन कहीं भी संचालित नहीं है.

पढ़ें- जयपुर: वकीलों ने की परिंडा अभियान की शुरुआत

इसके साथ ही शर्मा ने बताया कि बस मालिक अपने वाहनों के खड़े होने के कारण, यांत्रिक खराबी, सामानों की चोरी और अन्य कारणों से वाहनों की आरसी सरेंडर करना चाहते हैं. परंतु उनकी आरसी भी सरेंडर नहीं की जा रही. बस ऑपरेटरों की मांग है कि हम बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. वाहनों के नॉन यूज के नियमों के अनुसार हमें टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. इसके लिए मजबूरी में बसों को जिला परिवहन कार्यालय के निकट खड़ा करना चाह रहे हैं.

महामंत्री प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते वाहन चलाना भी संभव नहीं है. वाहन चलाने से चालक, परिचालक, क्लीनर के कोरोना से संक्रमित होने का अंदेशा रहेगा. इसके चलते निजी बस संचालकों पर पूर्व से ही डीजल, महंगे कल पुर्जे, अत्यधिक टैक्स और महंगाई के तले आर्थिक बोझ से दबा पड़ा है और अब कोरोना वायरस से यात्री भार खत्म हो गया है. इससे बस संचालक के परिवार पर 3 माह से एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ गया है. परिवार का लालन पालन, पूरे वर्ष की देनदारी, बीमा फाइनेंस, किश्त की देनदारी एक साथ खड़ी हो गई हैं.

पढ़ें- श्रमिक स्पेशल ट्रेनः रजिस्ट्रेशन के बाद भी घर वापसी का बस इंतजार, रोजाना करीब 4500 प्रवासियों को भेजा जा रहा अपने प्रदेश

बस ऑपरेटर्स ने बताया कि 3 जून को समस्त राजस्थान प्रदेश में जिला परिवहन कार्यालय में वाहन खड़े किए जाएंगे. वहीं, जयपुर शहर की बात की जाए तो शहर में 500 बसें हैं. सभी बस ऑपरेटर 6 महीने के लिए टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं.

जयपुर. मोटर व्हीकल एक्ट में नॉन यूज के तहत टैक्स माफ नहीं करने पर जयपुर के बस ऑपरेटरों में आक्रोश हैं और इसी के चलते सभी बस ऑपरेटर बुधवार को जयपुर आरटीओ कार्यालय के बाहर अपनी बसें खड़ी करेंगे. इस मामले को लेकर ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन जयपुर ने जयपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया है. सभी बस ऑपरेटरों ने मांग की है कि उनके 6 महीने का टैक्स माफ किया जाए. इसी मामले को लेकर बस ऑपरेटरों ने पोलो विक्ट्री पर प्रदर्शन भी किया.

टैक्स माफ नहीं करने पर बस ऑपरेटर्स में आक्रोश

अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार के आदेश के कारण बस संचालकों ने मार्च से वाहन संचालित नहीं किए हैं और इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में नॉन यूज के तहत सरकार ने नियम 25-ए-ए के तहत कर छूट का प्रावधान किया हुआ है. नियमों में प्रावधान होने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने विशेष गाइडलाइन जारी की, लेकिन सभी जिला परिवहन अधिकारी कराधान ने बसों को लॉकडाउन की अवधि की छूट नहीं दी जा रही और बस मालिकों पर जून माह का टैक्स का बोझ और डाल दिया, जिससे प्रत्येक वाहन को 8 से 50 हजार तक का भार उठाना पड़ेगा. जबकि कोई भी वाहन कहीं भी संचालित नहीं है.

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इसके साथ ही शर्मा ने बताया कि बस मालिक अपने वाहनों के खड़े होने के कारण, यांत्रिक खराबी, सामानों की चोरी और अन्य कारणों से वाहनों की आरसी सरेंडर करना चाहते हैं. परंतु उनकी आरसी भी सरेंडर नहीं की जा रही. बस ऑपरेटरों की मांग है कि हम बसों का संचालन नहीं कर रहे हैं. वाहनों के नॉन यूज के नियमों के अनुसार हमें टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. इसके लिए मजबूरी में बसों को जिला परिवहन कार्यालय के निकट खड़ा करना चाह रहे हैं.

महामंत्री प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते वाहन चलाना भी संभव नहीं है. वाहन चलाने से चालक, परिचालक, क्लीनर के कोरोना से संक्रमित होने का अंदेशा रहेगा. इसके चलते निजी बस संचालकों पर पूर्व से ही डीजल, महंगे कल पुर्जे, अत्यधिक टैक्स और महंगाई के तले आर्थिक बोझ से दबा पड़ा है और अब कोरोना वायरस से यात्री भार खत्म हो गया है. इससे बस संचालक के परिवार पर 3 माह से एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ गया है. परिवार का लालन पालन, पूरे वर्ष की देनदारी, बीमा फाइनेंस, किश्त की देनदारी एक साथ खड़ी हो गई हैं.

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बस ऑपरेटर्स ने बताया कि 3 जून को समस्त राजस्थान प्रदेश में जिला परिवहन कार्यालय में वाहन खड़े किए जाएंगे. वहीं, जयपुर शहर की बात की जाए तो शहर में 500 बसें हैं. सभी बस ऑपरेटर 6 महीने के लिए टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं.

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