जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत विभाग ने स्कूल व्याख्याता के मासिक वेतन से 50 फीसदी की कटौती कर इस राशि का भुगतान उसकी पत्नी के खाते में करने का प्रावधान किया था. इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित कोटा डीईओ को नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश हंसराज शर्मा की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता कोटा में स्कूल व्याख्याता के पद पर तैनात है. याचिकाकर्ता की पत्नी अपनी मर्जी से सवाई माधोपुर में रहती है. पत्नी की ओर से याचिकाकर्ता के शराब पीने की शिकायत पर विभाग ने गत 14 सितंबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता के मासिक वेतन में पचास फीसदी की कटौती कर इस राशि को पत्नी के खाते में जमा कराने के आदेश दे दिए.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की पत्नी ने उस पर फैमिली कोर्ट में भी भरण पोषण या तलाक की अर्जी नहीं लगाई है. वह अपनी मर्जी से अलग रहकर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल है. इसके अलावा उस पर शराब पीने का भी झूठा आरोप है. दूसरी ओर आधा वेतन पत्नी को देने के संबंध में किसी कोर्ट ने भी निर्देश नहीं दिए हैं. ऐसे में उसके वेतन से कटौती रोकी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने वेतन कटौती पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं.
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती-2018 में कट ऑफ से अधिक अंक होने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर चिकित्सा सचिव और निदेशक से जवाब मांगा है. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं के लिए पद रिक्त रखने को कहा है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश डिंपल शर्मा और अन्य की याचिका पर दिए.
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लेकर HC ने पूछे सवाल
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव, संयुक्त उच्च शिक्षा सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और आरपीएससी को नोटिस जारी कर पूछा है कि असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में अभ्यर्थी के गुड एकेडमिक रिकॉर्ड की योग्यता क्यों रखी गई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को भर्ती में शामिल करने को कहा है. हालांकि अदालत ने याचिकाकर्ताओं का परिणाम जारी करने पर रोक लगाते हुए प्रकरण को याचिका के निर्णयाधीन रखा है