जयपुर. अशोक गहलोत सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों के बाद अब गैर विधायकों को एक और तोहफा दिया है. सियासी नियुक्तियां पा चुके 27 अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया (Minister of state status to 27 board chairmen in Rajasthan) है. तीन पूर्व विधायकों को कैबिनेट का दर्जा पहले ही दिया जा चुका था.
इनको मिला राज्यमंत्री का दर्जा :
- पुखराज पाराशर- जन अभाव अभियोग निराकरण समिति अध्यक्ष
- मुमताज मसीह- सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ वॉलंटरी सेक्टर अध्यक्ष
- राजीव अरोड़ा- राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम अध्यक्ष
- रेहाना रियाज- राज्य महिला आयोग अध्यक्ष
- राजेंद्र सिंह सोलंकी- राजस्थान राज्य पशुधन विकास बोर्ड अध्यक्ष
- धर्मेंद्र राठौड़ - राजस्थान पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष
- सीताराम लांबा - राजस्थान युवा बोर्ड अध्यक्ष
- उर्मिला योगी- राज्य विमुक्त घुमंतू अर्ध घुमंतू कल्याण बोर्ड अध्यक्ष
- लक्ष्मण कड़वासरा- भूदान यज्ञ बोर्ड अध्यक्ष
- लक्ष्मण सिंह रावत- मगरा क्षेत्रीय विकास मंडल अध्यक्ष
- धीरज गुर्जर- राजस्थान स्टेट सीड्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड अध्यक्ष
- सुरेंद्र सिंह जाड़ावत- राजस्थान धरोहर संरक्षण व प्रोन्नति प्राधिकरण
- मानवेंद्र सिंह- राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति अध्यक्ष
- राम सिंह राव- वंशावली संरक्षण संवर्धन अकादमी अध्यक्ष
- महेंद्र गहलोत- केश कला बोर्ड अध्यक्ष
- महेश शर्मा- विप्र कल्याण बोर्ड अध्यक्ष
- अनिल शर्मा- राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड अध्यक्ष
- के सी विश्नोई- राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड अध्यक्ष
- जुबेर खान- मेवात क्षेत्रीय विकास बोर्ड अध्यक्ष
- संदीप चौधरी- बंजर भूमि चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष
- अर्चना शर्मा- राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष
- गोपाल सिंह शेखावत- वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष
- उमाशंकर शर्मा- राजस्थान विशेष योग्यजन आयोग के आयुक्त
- शंकर यादव- अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग अध्यक्ष
- पवन गोदारा- अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त विकास आयोग अध्यक्ष
- संगीता बेनीवाल- राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष
- खानुखान बुधवाली-मुस्लिम वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को मिला राज्य मंत्री का दर्जा
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बेनीवाल और बुधवाली को राज्य मंत्री का दर्जा : कैबिनेट सचिवालय में जिन 27 अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, उनमें पूर्व में बन चुके अध्यक्षों को भी अब राज्य मंत्री का दर्जा मिला है. उनमें बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और खानुखान बुधवाली का नाम शामिल है. इन दोनों को बोर्ड का अध्यक्ष बने हुए आधे से ज्यादा कार्यकाल पूरा हो चुका है.
यह मिलेगी सुविधा : राज्य मंत्री बनाए गए सभी बोर्ड अध्यक्षों को 45000 वेतन और 34000 रुपए सरकारी भत्ता प्रतिमाह मिलेगा. इसके साथ ही अन्य सुविधाएं नियमानुसार मिलेगी.
3 को पहले मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा : वहीं, बीसूका उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान, खादी बोर्ड अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा और राजस्थान एग्रो इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बोर्ड अध्यक्ष रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा पहले ही दिया जा चुका है.