ETV Bharat / city

अदनान सामी को पद्मश्री देने के विरोध में संत समाज, कहा- राष्ट्रभक्ति के खिलाफ

बॉलीवुड सिंगर अदनान सामी जो कि मूल रूप से पाकिस्तान से है. उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया है. जिसका विरोध अब जयपुर में भी देखने को मिल रहा है. रघुनाथ धाम रामानुज आश्रम के संतों ने प्रेसवार्ता कर इसके लिए विरोध किया और कहा कि भारत की देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए अदनान सामी को पद्मश्री अवार्ड देना दुर्भाग्यपूर्ण है.

author img

By

Published : Feb 4, 2020, 5:39 PM IST

बॉलीवुड सिंगर अदनान सामी, jaipur latest news
जयपुर में अदनान सामी को पद्मश्री देने का हो रहा विरोध

जयपुर. पाकिस्तान से आये हुए बॉलीवुड सिंगर अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गया है. जिसको लेकर अब जयपुर में भी विरोध शुरू हो गया है. रघुनाथ धाम रामानुज आश्रम के संतों ने प्रेसवार्ता कर इसका विरोध जताया है. संतो का कहना है कि, भारत की देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए अदनान सामी को पद्मश्री अवार्ड देना दुर्भाग्यपूर्ण है.

जयपुर में अदनान सामी को पद्मश्री देने का हो रहा विरोध

दरअसल रघुनाथ धाम पचार पीठ के श्री श्री 1008 सौरभ राघवेंद्र आचार्य महाराज ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि अदनान सामी के पिता 1965 में अपने देश भारत के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से युद्ध लड़े थे और युद्ध के पश्चात अदनान सामी के पिता को पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था. और अब उन्हीं के पुत्र अदनान सामी को 1 जनवरी 2016 को भारत की नागरिकता दी गई क्योंकि अदनान सामी मूल रूप से पाकिस्तान से हैं और हमारे देश में उन्हें अभी तक महज लगभग 6 साल ही हुए हैं.

पढ़ें- Exclusive : रियासत कालीन चौपड़ बनाई जा रही गोल, वेंटिलेशन शाफ्ट से बिगड़ा हेरिटेज लुक

उनका कहना है कि हमारे विरोध का उद्देश्य यही है कि हमारे देश की राष्ट्रीयता, देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए दूसरे देश के मूल निवासी को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजना हमारे राष्ट्रभक्ति के खिलाफ है. ऐसे में संतों ने भारत सरकार से मांग की है कि पद्मश्री अवार्ड की गरिमा को ध्यान में रखते हुए धर्म और अध्यात्म ज्योतिष की विभूतियों को यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

जयपुर. पाकिस्तान से आये हुए बॉलीवुड सिंगर अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने गया है. जिसको लेकर अब जयपुर में भी विरोध शुरू हो गया है. रघुनाथ धाम रामानुज आश्रम के संतों ने प्रेसवार्ता कर इसका विरोध जताया है. संतो का कहना है कि, भारत की देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए अदनान सामी को पद्मश्री अवार्ड देना दुर्भाग्यपूर्ण है.

जयपुर में अदनान सामी को पद्मश्री देने का हो रहा विरोध

दरअसल रघुनाथ धाम पचार पीठ के श्री श्री 1008 सौरभ राघवेंद्र आचार्य महाराज ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि अदनान सामी के पिता 1965 में अपने देश भारत के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से युद्ध लड़े थे और युद्ध के पश्चात अदनान सामी के पिता को पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था. और अब उन्हीं के पुत्र अदनान सामी को 1 जनवरी 2016 को भारत की नागरिकता दी गई क्योंकि अदनान सामी मूल रूप से पाकिस्तान से हैं और हमारे देश में उन्हें अभी तक महज लगभग 6 साल ही हुए हैं.

पढ़ें- Exclusive : रियासत कालीन चौपड़ बनाई जा रही गोल, वेंटिलेशन शाफ्ट से बिगड़ा हेरिटेज लुक

उनका कहना है कि हमारे विरोध का उद्देश्य यही है कि हमारे देश की राष्ट्रीयता, देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए दूसरे देश के मूल निवासी को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजना हमारे राष्ट्रभक्ति के खिलाफ है. ऐसे में संतों ने भारत सरकार से मांग की है कि पद्मश्री अवार्ड की गरिमा को ध्यान में रखते हुए धर्म और अध्यात्म ज्योतिष की विभूतियों को यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

Intro:जयपुर. पाकिस्तान से आये हुए बॉलीवुड सिंगर अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार के किए चुने जाने का विरोध जयपुर में भी शुरू हो गया है. रघुनाथ धाम रामानुज आश्रम के संतों ने प्रेसवार्ता कर इसका विरोध जताया है. संतो का कहना है कि, भारत की देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए अदनान सामी को पद्मश्री अवार्ड देना दुर्भाग्यपूर्ण है.



Body:दरअसल रघुनाथ धाम पचार पीठ के श्री श्री 1008 सौरभ राघवेंद्र आचार्य महाराज ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि, अदनान सामी के पिता 1965 में अपने देश भारत के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से युद्ध लड़े थे और युद्ध के पश्चात अदनान सामी के पिता को पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा था. और अब उन्हीं के पुत्र अदनान सामी को 1 जनवरी 2016 को भारत की नागरिकता दी गई. क्योंकि अदनान सामी मूल रूप से पाकिस्तान से हैं और हमारे देश में 6 वर्ष लगभग उनको अभी बीते हैं.

उनका कहना है कि हमारे विरोध का उद्देश्य यही कि हमारे देश की राष्ट्रीयता, देशभक्ति, विद्वता को नजरअंदाज करते हुए दूसरे देश के मूल निवासी को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजना हमारे राष्ट्रभक्ति के खिलाफ है. ऐसे में संतों ने भारत सरकार से मांग की है कि पद्मश्री अवार्ड की गरिमा को ध्यान में रखते हुए धर्म और अध्यात्म ज्योतिष की विभूतियों को यह पुरस्कार दिया जाना चाहिए.

बाईट- श्री श्री 1008 सौरभ राघवेंद्र महाराज, रघुनाथ धाम पचार पीठ


Conclusion:...
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.