जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है और इसी बीच बड़ी संख्या में प्रवासी अभी भी राजस्थान में फंसे हुए हैं. वहीं, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कम हो गया है. जयपुर से 9 दिन में महज 2 श्रमिक स्पेशल का संचालन हुआ है.
श्रमिकों को उनके राज्यों में भेजने के लिए एक मई से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था. 1 मई को पटना के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई. लेकिन, इसके बाद श्रमिकों से किराया वसूलने को लेकर विवाद बढ़ गया. बताया जा रहा है कि किराए के मसले की वजह से ही ट्रेनों का संचालन कम हुआ है.
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इस मसले पर जहां केंद्र सरकार ने कहा कि वो श्रमिकों से किराए की बड़ी राशि नहीं ले रहे हैं. श्रमिकों को किराया में 85 फीसदी तक की छूट भी दी जा रही है. वहीं, राज्यों ने आरोप लगाया कि केंद्र टिकट के पूरे पैसे उनसे ले रहा है. रेलवे भी प्रति यात्री टिकट बुकिंग करने की बजाय पूरी ट्रेन बुक कर किराया जिला प्रशासन से वसूल रहा है.
ऐसे में प्रदेश की गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए श्रमिकों के लिए किराए की पूरी राशि वहन करने की बात कही. जिला प्रशासन के द्वारा लगातार सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है, जिसमें श्रमिकों को उनके राज्य में भेजने के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं.
रेलवे बिहार के लिए चला सकता है 4 स्पेशल ट्रेन
उत्तर पश्चिम रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे प्रशासन बिहार के लिए 4 स्पेशल ट्रेन चला सकता है. इसके लिए सरकार के द्वारा उच्च स्तर पर रेलवे के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है. बता दें कि इस समय भी बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर वर्ग के लोग राजस्थान में फंसे हुए हैं और वो मजबूरन पैदल ही अपने घरों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार के द्वारा रेलवे को प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि वो 4 और स्पेशल ट्रेन चलाए, जिससे बिहार के रहने वाले मजदूरों को राजस्थान से उनके राज्यों में ट्रेनों के माध्यम से भेजा जा सके.