ETV Bharat / city

RTE के तहत गैर सरकारी स्कूल में निशुल्क सीट के लिए निकाली गई Online Lottery

राजस्थान में शिक्षा का अधिकार कानून (RTE) के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क सीटों पर विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली गई है. यह लॉटरी प्रदेश के शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने निकाली है.

सरकार ने जारी की नई शिक्षा नीति  शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा  राजस्थान में सरकारी और निजी स्कूल  jaipur news  education news  education policy in rajasthan  new education policy in the country  news of new education policy  government issued new education policy  education minister govind singh dotasara  government and private schools in rajasthan
प्राइवेट स्कूलों को करेंगे कैटेगराइज: डोटासरा
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 8:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम- 2010 के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क सीटों पर विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली गई. शैक्षिक सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए वरीयता निर्धारण के लिए शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा संकुल में यह लॉटरी निकाली. लॉटरी के तहत प्रदेश में 1 लाख 91 हजार 158 बच्चों को प्रवेश दिया गया है.

शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लॉटरी में प्री-प्राइमरी कक्षा को शामिल नहीं किया है. नई शिक्षा नीति के तहत 37 हजार आंगनबाड़ी प्री-प्राइमरी में शामिल हैं, उन्हें शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि लॉटरी के लिए कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को प्रवेश मिलेगा. पिछली बार 1 लाख 57 हजार बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून (Right To Education) के तहत प्रवेश दिया गया था और इस बार यह संख्या बढ़कर 1 लाख 91 हजार 158 हो गई है.

प्राइवेट स्कूलों को करेंगे कैटेगराइज: डोटासरा

यह भी पढ़ेंः प्री प्राइमरी से कक्षा 12वीं तक अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद करेगी कार्य

डोटासरा ने कहा कि विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को भी कैटेगराइज करना शुरू कर दिया है, ताकि गरीब का बच्चा भी अच्छी प्राइवेट स्कूल में सरकारी खर्चे पर पढ़ाई कर सके. सरकारी स्कूलों का जो स्टैंडर्ड है, उससे कम स्टैंडर्ड वाली प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाने से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन है और सरकारी स्कूलों को कैटेगराइज किया जाएगा. ताकि व्यक्ति को पता रहे कि बच्चे कौन सी कैटेगरी वाले स्कूल में पढ़ रहे हैं. उसे उससे अच्छी कैटेगरी वाली स्कूल में प्रवेश लेना है. डोटासरा ने कहा कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार के तहत मिलने वाले प्रवेश के लिए 60 प्रतिशत पैसे का भुगतान केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से किया जाता है.

लॉटरी के लिए शामिल आवेदन और विद्यालयों का विवरण

  • प्रदेश में नि:शुल्क सीटों पर प्रवेश के लिए विद्यालय- 36 हजार 281
  • विद्यालयों की संख्या जिनके लिए आवेदन मिले- 31 हजार 480
  • जिन विद्यालयों में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुए- 4 हजार 801
  • लॉटरी के लिए प्राप्त ऑनलाइन आवेदन- 8 लाख 60 हजार 512
  • लॉटरी में शामिल बालकों के आवेदनों की संख्या- 4 लाख 57 हजार 441
  • लॉटरी में शामिल बालिकाओं के आवेदनों की संख्या- 4 लाख 30 हजार
  • लॉटरी में शामिल थर्ड जेंडर बालकों के आवेदन- 28
  • आवेदन करने वाले बालक-बालिकाओं की कुल संख्या- 1 लाख 91 हजार 158
  • लॉटरी के लिए कुल बालकों की संख्या- 1 लाख 02 हजार 847
  • लॉटरी के लिए कुल थर्ड जेंडर की संख्या- 11

इस तरह से कुल प्राप्त 8 लाख 60 हजार 512 आवेदनों में से 1 लाख 91 हजार 158 बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम के तहत प्रदेश में गैर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है. वरीयता सूची अभिभावक www.rajpsp.nic.in के होमपेज पर वरीयता सूची पर क्लिक करके देख सकते हैं. अभिभावक अपने आवेदन की आईडी नंबर, मोबाइल नंबर लॉगिन करके अपने बालक-बालिका का वरीयता क्रमांक सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देख सकते हैं. ऑनलाइन लॉटरी द्वारा वरीयता क्रम निर्धारण के बाद प्रवेश के इच्छुक सभी अभिभावकों को 7 अगस्त तक संबंधित विद्यालय में आवेदन का प्रिंट सलंग्न के साथ और रिपोर्टिंग प्रपत्र उपस्थित होकर जमा कराना है, इसके बाद प्रवेश कार्य शुरू हो जाएगा.

जयपुर. प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम- 2010 के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क सीटों पर विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली गई. शैक्षिक सत्र 2020-21 में प्रवेश के लिए वरीयता निर्धारण के लिए शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा संकुल में यह लॉटरी निकाली. लॉटरी के तहत प्रदेश में 1 लाख 91 हजार 158 बच्चों को प्रवेश दिया गया है.

शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लॉटरी में प्री-प्राइमरी कक्षा को शामिल नहीं किया है. नई शिक्षा नीति के तहत 37 हजार आंगनबाड़ी प्री-प्राइमरी में शामिल हैं, उन्हें शामिल नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि लॉटरी के लिए कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को प्रवेश मिलेगा. पिछली बार 1 लाख 57 हजार बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून (Right To Education) के तहत प्रवेश दिया गया था और इस बार यह संख्या बढ़कर 1 लाख 91 हजार 158 हो गई है.

प्राइवेट स्कूलों को करेंगे कैटेगराइज: डोटासरा

यह भी पढ़ेंः प्री प्राइमरी से कक्षा 12वीं तक अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद करेगी कार्य

डोटासरा ने कहा कि विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को भी कैटेगराइज करना शुरू कर दिया है, ताकि गरीब का बच्चा भी अच्छी प्राइवेट स्कूल में सरकारी खर्चे पर पढ़ाई कर सके. सरकारी स्कूलों का जो स्टैंडर्ड है, उससे कम स्टैंडर्ड वाली प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाने से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन है और सरकारी स्कूलों को कैटेगराइज किया जाएगा. ताकि व्यक्ति को पता रहे कि बच्चे कौन सी कैटेगरी वाले स्कूल में पढ़ रहे हैं. उसे उससे अच्छी कैटेगरी वाली स्कूल में प्रवेश लेना है. डोटासरा ने कहा कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार के तहत मिलने वाले प्रवेश के लिए 60 प्रतिशत पैसे का भुगतान केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से किया जाता है.

लॉटरी के लिए शामिल आवेदन और विद्यालयों का विवरण

  • प्रदेश में नि:शुल्क सीटों पर प्रवेश के लिए विद्यालय- 36 हजार 281
  • विद्यालयों की संख्या जिनके लिए आवेदन मिले- 31 हजार 480
  • जिन विद्यालयों में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुए- 4 हजार 801
  • लॉटरी के लिए प्राप्त ऑनलाइन आवेदन- 8 लाख 60 हजार 512
  • लॉटरी में शामिल बालकों के आवेदनों की संख्या- 4 लाख 57 हजार 441
  • लॉटरी में शामिल बालिकाओं के आवेदनों की संख्या- 4 लाख 30 हजार
  • लॉटरी में शामिल थर्ड जेंडर बालकों के आवेदन- 28
  • आवेदन करने वाले बालक-बालिकाओं की कुल संख्या- 1 लाख 91 हजार 158
  • लॉटरी के लिए कुल बालकों की संख्या- 1 लाख 02 हजार 847
  • लॉटरी के लिए कुल थर्ड जेंडर की संख्या- 11

इस तरह से कुल प्राप्त 8 लाख 60 हजार 512 आवेदनों में से 1 लाख 91 हजार 158 बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम के तहत प्रदेश में गैर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है. वरीयता सूची अभिभावक www.rajpsp.nic.in के होमपेज पर वरीयता सूची पर क्लिक करके देख सकते हैं. अभिभावक अपने आवेदन की आईडी नंबर, मोबाइल नंबर लॉगिन करके अपने बालक-बालिका का वरीयता क्रमांक सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देख सकते हैं. ऑनलाइन लॉटरी द्वारा वरीयता क्रम निर्धारण के बाद प्रवेश के इच्छुक सभी अभिभावकों को 7 अगस्त तक संबंधित विद्यालय में आवेदन का प्रिंट सलंग्न के साथ और रिपोर्टिंग प्रपत्र उपस्थित होकर जमा कराना है, इसके बाद प्रवेश कार्य शुरू हो जाएगा.

Last Updated : Jul 30, 2020, 8:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.