जयपुर. राज्यसभा चुनाव 2020 में नामांकन वापसी के लिए बुधवार अंतिम दिन है. दोपहर 3:00 बजे तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकता है. इन सबके बीच सभी की निगाहें भाजपा के दूसरे प्रत्याशी ओंकार सिंह लखावत पर टिकी है. जिन्हें विधायकों की कम संख्या के बावजूद भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है.
हालांकि प्रदेश भाजपा नेतृत्व लखावत को चुनाव मैदान में यथावत रखना चाहता है और अब तक की चर्चा में इस बात पर सहमति भी बनी है. लेकिन अगर पार्टी आलाकमान की ओर से नाम वापसी का निर्देश मिला तो ही लखावत अपना नामांकन वापस लेंगे.
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी यह साफ कर चुके हैं चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरवाया गया है. लिहाजा जब तक आलाकमान की ओर से नाम वापसी को लेकर को निर्देश नहीं आता तब तक लखावत का चुनाव लड़ना तय माना जाएगा. बता दें कि सतीश पूनिया खुद अभी दिल्ली में है और इस संबंध में पार्टी आलाकमान के निर्देश उन्हीं के जरिए लखावत और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया तक पहुंचेगा.
प्रदेश भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि पार्टी लखावत को चुनाव लड़वाकर प्रदेश कांग्रेस सरकार पर प्रेशर पॉलिटिक्स का दाव आजमा रही है. जिससे इन चुनाव में भाजपा को अपने अलावा अगर कोई असंतुष्ट कांग्रेस या निर्दलीय वोट मिले तो गहलोत सरकार पर सियासी दबाव बनाया जा सके. भाजपा के सूत्र यह भी बताते हैं कि इस संबंध में प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेता कुछ कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों से संपर्क में भी है.
रामलाल शर्मा बने लखावत के चुनाव एजेंट
भाजपा के दूसरे राज्यसभा प्रत्याशी लखावत के चुनाव एजेंट के रूप में विधायक रामलाल शर्मा को नियुक्त किया गया है. इस संबंध में लखावत और रामलाल शर्मा ने विधानसभा पहुंच कर औपचारिकताएं भी पूरी की है. ऐसे में अब इस बात की संभावनाएं बढ़ चुकी है कि लखावत चुनाव मैदान में डटे रहेंगे.
हालाकि राजनीति में अंतिम समय तक बदलाव की गुंजाइश रहती है. लिहाजा दोपहर 3 बजे तक जब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं होती, तब तक फिलहाल इस पर सस्पेंस बना रहेगा.