जयपुर. बानसूर से कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत ने विधानसभा में राजस्थान में शराब बंदी का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में शराबबंदी होनी चाहिए. शहर हो या गांव हो शराब का प्रचार तेजी से किया जा रहा है. इसके कारण एक ही गांव में 60 से 70 महिलाएं विधवा तक हो चुकी है. एक ही परिवार में मां, बहू, बेटी तक विधवा हो जाती है.
शकुंतला रावत ने कहा पिछली भाजपा सरकार में भी हमने शराबबंदी की मांग की थी. हमने सोचा था कि एक महिला मुख्यमंत्री है और वह महिलाओं के दुख को सुनेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सोमवार को विधानसभा में सरकार से मांग की है कि राजस्थान में दूसरे राज्यों की तरह शराबबंदी कर एक मिसाल कायम करें.
शकुंतला रावत ने कहा कि राजस्थान में शराबबंदी जरूर होनी चाहिए क्योंकि शराब से अनेकों घर बर्बाद हो चुके हैं. घर की महिला पूरे दिन काम करके शाम को पैसे लाती है तो शराबी पति उसको मारपीट कर उसका पैसा ले लेता है और शराब पी लेता है.
घायल को लाने वाले को पुरस्कृत करें
विधायक शकुंतला ने अपने विधानसभा का एक ओर मुद्दा और उठाया. उन्होंने कहा कि डीजीपी आईजी एसपी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह मैसेज दें कि यदि कोई भी व्यक्ति सड़क पर पड़े हुए घायल को अस्पताल लेकर जाता है तो उसे पूछताछ नहीं हो बल्कि उसे पुरस्कृत किया जाए. ताकि वे पुलिस के डर से मुक्त हो सकें साथ ही घायल की जान भी बच सके.
एसीजेएम कोर्ट और पुलिस के लिए भी उठाई मांग
शकुंतला रावत ने विधानसभा में बानसूर में एसीजेएम कोर्ट की मांग भी उठाई. उन्होंने कहा कि इसके लिए बहरोड़ जाना पड़ता है. उन्होंने कुछ मांगे पुलिस के लिए भी उठाई. उन्होंने कहा कि पुलिस को वर्दी के लिए पैसा मिलना चाहिए. मेस का भत्ता बढ़ना चाहिए. ताकि वे डिप्रेशन में जनता को परेशान न करे.