जयपुर. होली के दिन प्रदेश भर में शराब की दुकानों पर खरीददारों की कतारें लगी रही. हालांकि, आरएसबीसीएल के डिपो से शराब का उठाव नहीं किया गया. क्योंकि एक दिन पहले ही ज्यादातर शराब ठेकेदारों ने स्टॉक कर लिया था. हर साल होली के दिन शराब की ज्यादा बिक्री होती है. इसी को देखते हुए शराब ठेकेदारों ने एडवांस में ही स्टॉक तैयार कर रखा था.
एक अनुमान के मुताबिक, होली के दिन पांच लाख पेटी बीयर का ज्यादा उठाव हुआ है. कई जगहों पर ओवर रेट में भी बिक्री की गई है. हालांकि, आबकारी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आई.
यह भी पढ़ें: राजस्थान: आबकारी विभाग मालामाल, नीलामी में 130 शराब दुकानों की कीमत 3 गुना ज्यादा
1,413 शराब दुकानों की होगी नीलामी
प्रदेश की 1, 413 शराब दुकानों की नीलामी होगी. नई आबकारी नीति के तहत तीन चरण की लॉटरी के बाद नीलाम होने से बची हुई 1,413 दुकानों की 1 अप्रैल को नीलामी होगी. करीब दो हजार करोड़ की दुकानें बची हुई है. बड़ी संख्या में बोली दाता ऊंची दरों पर दुकानों का उठाव करने के बाद छोड़ रहे हैं, जिसकी वजह से बार-बार दुकानों की नीलामी करनी पड़ रही है.
1 अप्रैल से नई आबकारी नीति प्रदेश में लागू हो जाएगी, जिसके तहत नए ठेकेदार दुकाने खोलेंगे और पुरानी दुकानें 31 मार्च को बंद हो जाएंगी. जो शराब की दुकानें नीलामी में नहीं बिकेंगी, उनका संचालन राज्य सरकार के आरएसबीसीएल (राजस्थान स्टेट ब्रेवरीज कॉरपोरेशन लिमिटेड) और जीएसएम (गंगानगर शुगर मिल) संचालित करेगा. प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत पहली बार दुकानों की नीलामी की जा रही है. इससे पहले अब तक दुकानों के लिए आवेदन लेकर लॉटरी के जरिए आवंटन किया जाता रहा.
यह भी पढ़ें: नई आबकारी नीति में किया गया संशोधन, दुकानदारों को मिलेगी राहत
बता दें कि प्रदेश में 7,665 शराब दुकानों के लिए 13 हजार करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया है, जिनकी नीलामी की जा रही है. अभी तक कई जिलों में दुकाने शेष बची हुई हैं, जिनकी 1 अप्रैल को नीलामी की जाएगी. अब तक करीब 10 हजार करोड़ के आसपास की दुकानों की नीलामी हो चुकी है. अब लगभग 2,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की दुकानों की नीलामी शेष है.