जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को प्रदेश में वन महोत्सव की शुरुआत की. हालांकि इस मौके पर आयोजित समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए गहलोत के निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार ही रही. गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग के अनुरूप राजस्थान को वैक्सीन की सप्लाई नहीं करने का आरोप लगाया. इसके साथ ही कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे के साथ वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार पर भी चर्चा की.
समारोह को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा विभाग के पास प्रतिदिन 15 लाख टीके लगाने की व्यवस्था है लेकिन मात्र ढाई लाख टीके ही लगाए जा रहे हैं क्योंकि राजस्थान को केंद्र सरकार से मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं हो रही. गहलोत ने यह भी कहा कि जहां एक और कोरोना की लहर का खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार से समस्या बढ़ सकती है. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि जब तक 90% लोगों को वैक्सीन नहीं लगेगी, तब तक संक्रमण के खतरे से बचा नहीं जा सकता.
इस दौरान मुख्यमंत्री ने देश में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि 42 हजार संक्रमित व्यक्तियों में से 22 हजार अकेले केरल के हैं. गहलोत ने कहा कि केरल में ही सबसे पहले कोरोना संक्रमित व्यक्ति मिला था.
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नहीं खुलेंगे स्कूल, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
कोरोना महामारी के संभावित खतरे को देखते हुए राजस्थान में स्कूल खुलने की संभावनाएं कम हैं. ऐसे संकेत खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समारोह को संबोधित करते हुए दिए. गहलोत ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को देखते हुए राजस्थान में स्कूल खोलने का निर्णय अभी नहीं लिया जा रहा है.
उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए माकूल इंतजाम किए गए हैं लेकिन मौजूदा स्थिति में अधिकतर पेरेंट्स भी नहीं चाहते कि बच्चे स्कूल जाएं. जिन प्रदेशों में स्कूल चालू हुए हैं वहां पर हालातों की समीक्षा के आधार पर इस बारे में निर्णय लिए जाएंगे.
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गहलोत ने ट्वीट कर घोषणा पत्र के वादों पर अमल की दी जानकारी
रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट कर कोरोना काल में राष्ट्र में सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन के साथ ही कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट का सफलतापूर्वक सामना राजस्थान में किए जाने का उल्लेख किया. इसके साथ यह भी लिखा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन के कारण विकास कार्यों को भी गति दी गई जिस परिणाम स्वरूप कांग्रेस सरकार ने ढाई साल की अवधि में ही घोषणा पत्र में किए 501 वादों में से 64% मतलब 321 वादे पूर्ण कर लिए हैं और शेष पर समयबद्ध कार्ययोजना अनुसार काम किया जा रहा है.