जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त सभी राजकीय कर्मचारियों के लिए OPS लागू कर (government issued notification) दिया है. अब प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS को पूरी तरह खत्म कर 2004 के बाद नियुक्त सभी कार्मिको के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा.
सीएम गहलोत ने बजट भाषण के दौरान राजस्थान में OPS (ओल्ड पेंशन स्कीम) लागू करने की घोषणा की थी. वित्त विभाग के आदेश से ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल हो गई है , लेकिन इस बीच NPS में कर्मचारियों की हुई कटौती को लेकर चल रहे भ्रम पर कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है वो अपने स्तर पर कटौती को कर्मचारियों के खाते में डालें. साथ ही संगठन ने 2004 के बाद गठित बोर्ड और निगम के कर्मचारियों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम में शामिल करने की मांग की है.
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दरअसल ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के साथ ही कर्मचारियों में कई तरह के कन्फ्यूजन सामने आ रहे थे. इसमें प्रमुख रूप से कर्मचारियों को लग रहा था कि NPS में जो कटौती हुई उसका पैसा वापस कैसे मिलेगा?. किस तरह से कर्मचारियों को सरकार इस ओल्ड पेंशन स्कीम से जोड़ेगी.
सरकार ने किया स्पष्टः ओपीएस को लेकर जारी नोटिफिकेशन में सरकार ने स्प्ष्ट किया है कि OPS के तहत कर्मचारी की पेंशन राशि का सरकार ब्याज के साथ भुगतान करेगी. साथ ही 31 मार्च 2022 से पूर्व जो अपनी सेवा से एग्जिट हो गए हैं उन्हें भी इसी नियम अनुसार पेंशन परिलाभ अप्रैल 2022 से मिलेंगे. इसके चलते यह दुविधा समाप्त हो गई है कि NPS के फंड की एकमुश्त 39 हजार करोड़ की राशि से जुड़े बिंदु का सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू ओपीएस पर कोई असर नहीं होगा.
NPS के तहत वेतन में से कटोती बंद हो गईः अब 1 अप्रैल 20222 से पूर्व सेवानिवृत्त/मृतक आश्रित यदि चाहें तो NPS में जमा पैसा GPF की ब्याज दर से जमा करवा सकता है और OPS ले सकता है. यह भी साफ किया गया है कि जिन संस्थानों का गठन 1 जनवरी 2004 से पूर्व हुआ है, लेकिन 1 जनवरी 2004 के बाद NPS लागू नहीं किया है वे पूर्व में लागू नियमों के तहत शामिल होंगे. साथ ही जिन स्वायत्तशासी निकाय/बोर्ड / विश्वविद्यालय आदि का गठन 1 जनवरी 2004 या इसके बाद हुआ है, उसमें NPS होगा लागू. वित्त विभाग ने OPS लागू करने के लिए राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम 1996, राजस्थान सिविल सेवा अंशदायी पेंशन नियम 2005, विभिन्न पुनरीक्षित वेतनमान नियमों में संशोधन करके अधिसूचना जारी कर दी है.
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NPS कटौती के पैसे लोटने से PFRDA का इनकार: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में बजट घोषणा में प्रदेश के साढ़े 4 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर बड़ा तोहफा दिया था. लेकिन इस स्कीम का लाभ कर्मचारियों को मिलता उससे पहले ही केंद्र के अधीन आने वाली पेंशन निथि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले राज्यांश और कर्मचारियों के अंशदान का पेसे लौटाने से इनकार कर दिया था. वित्त विभाग को लिखे जवाबी पत्र में पीएफआरडीए ने लिखा कि पीएफआरडीए एक्ट 2013 व पीएफआरडीए रेग्यूलेशन 2015 में एनपीएस योजना के तहत राज्यांश व कर्मचारी के अंश की जमा राशि को राज्य सरकार की रेवेन्यू रिसीट में लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है. इस जवाब से NPS से OPS में आने वाले कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा. अखिल राजस्थान कर्मचारी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के झगड़े के बीच प्रदेश के कर्मचारियों का नुकसान नहीं होना चाहिए. सरकार अपने स्तर पर कर्मचारियों को NPS के तहत हुई कटौती के पैसे उनके खाते जमा कराए.
कर्मचारियों के साथ दोहरी नीति नहींः गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वित् विभाग ने जो नोटिफिकेशन जारी किया उसमें 2004 के बाद बने बोर्ड, निगम और आयोग को OPS से बाहर रखा है. इनके कर्मचारियों पर NPS ही लागू रहेगी . गहलोत सरकार इस तरह से 40 हजार से ज्यादा इन बोर्ड, निगम और आयोग में लगे कर्मचारियों के साथ दोहरी नीति नहीं अपना सकती . जब वो भी राज्य सरकार के कर्मचारी है तो उन्हें भी ओल्ड पेंशन स्कीम के दायरे में लाना चाहिए.
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2004 के बाद यह बने बोर्ड और निगमः 2004 के बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन, जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, बस अड्डा प्राधिकरण, अधीनस्थ कर्मचारी बोर्ड के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. राठौड़ कहते हैं कि प्रदेश में लगभग 40 हजार से ज्यादा कर्मचारी है जो इन निगम बोर्ड में कार्यकरत हैं. इनको इस OPS स्कीम से बाहर रखना इनके अधिकारों के साथ हनन है.
2004 से 2022 एग्जिट हुए कर्मचारी का क्याः गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि 2004 से 2022 के बीच जो कर्मचारी नियुक्त हुए और किन्हीं कारणों से नौकरी से एग्जिट हो गए, जिसमें एक्स आर्मी मैन, अनुदानित स्कूल कॉलेज से राजकीय सेवा में आए कर्मचारी जो इस समय अवधि में रिटायर्ड हो गए, डेथ हो गई या किसी कारण ने नौकरी छोड़नी पड़ी उन कर्मचारियों की संख्या 5 हजार से ज्यादा है. उन कर्मचारियों को किस तरह से सरकार पेंशन का लाभ और NPS में हुई कटोती के पैसे लौटाएगी. यह स्पष्ट नहीं है. सरकार को चाहिए कि वह इस स्थिति को भी स्पष्ट करे.