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हाउसिंग बोर्ड के कोचिंग हब में पुराने कोचिंग संचालकों को आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता - प्रतापनगर में कोचिंग हब आवंटन

आवासन मंडल द्वारा प्रताप नगर में बनाए जा रहे कोचिंग हब के संचालन के लिए प्रदेश के कोचिंग संस्थानों और संचालकों की वर्कशॉप आयोजित की गई. जिसमें तय हुआ कि पुराने कोचिंग संचालकों को कोचिंग हब के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं ग्राउंड फ्लोर का ऑक्शन होगा, जबकि शेष फ्लोर्स का आवंटन करने का भी निर्णय लिया गया.

Pratapnagar Housing Scheme in Jaipur, Coaching Hub Allocation in Pratapnagar
हाउसिंग बोर्ड के कोचिंग हब में पुराने कोचिंग संचालकों को आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता
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Published : Apr 8, 2021, 7:30 AM IST

जयपुर. आवासन मंडल द्वारा प्रताप नगर में बनाए जा रहे कोचिंग हब के संचालन के लिए प्रदेश के कोचिंग संस्थानों और संचालकों की वर्कशॉप आयोजित की गई. जिसमें तय हुआ कि पुराने कोचिंग संचालकों को कोचिंग हब के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं ग्राउंड फ्लोर का ऑक्शन होगा, जबकि शेष फ्लोर्स का आवंटन करने का भी निर्णय लिया गया.

हाउसिंग बोर्ड के कोचिंग हब में पुराने कोचिंग संचालकों को आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता

प्रताप नगर आवासीय योजना में आवासन मंडल द्वारा निर्माणाधीन प्रदेश के पहले सुनियोजित कोचिंग परिसर में कोचिंग संस्थानों के लिए विभिन्न आवश्यकताओं और सुविधाओं के आंकलन के लिए प्रदेश के अग्रणी कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ विचार-विमर्श कर, उनके सुझाव आमंत्रित किए गए. इस दौरान कोचिंग हब में स्थान आवंटन के समय उन लोगों को प्राथमिकता देने का सुझाव मिला, जो पहले से इस व्यवसाय से जुड़े हैं.

हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि कोचिंग हब में ग्राउंड फ्लोर का ऑप्शन किया जाएगा. वहीं अन्य फ्लोर्स का आवंटन किया जाएगा. आवंटन की शर्तें जल्द निर्धारित कर दी जाएंगी. कोचिंग हब में दरों को उचित रखने के भी सुझाव आए हैं. जिन पर मंडल सकारात्मक रुख रखेगा. हालांकि मंडल कोचिंग हब का निर्माण लाभ के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सुविधा के लिए कर रहा है.

पढ़ें- 4300 करोड़ रुपए खर्च कर कालीसिंध से पानी लाएगा जलदाय विभाग, 7 जिलों की बुझेगी प्यास

कोचिंग संचालकों द्वारा छात्रों के रहने के लिए भी चिंता व्यक्त की गई, जिस पर आयुक्त ने कहा कि इस कोचिंग हब के साथ में मंडल कुछ ऐसे प्लॉट्स भी ऑक्शन करेगा, जहां छात्रों के रहने के लिए पीजी और हॉस्टल बन सके. वहीं आवासन आयुक्त ने बताया कि 70 हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाला ये कोचिंग हब 67 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यहां उपलब्ध भूमि के 30% क्षेत्र में ही निर्माण किया जा रहा है और 70% क्षेत्र खुला रहेगा. इस कोचिंग हब का निर्माण 2 फेस में कराया जाएगा, जिसमें तकरीबन 231 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

बता दें कि कोचिंग हब के पहले चरण में 5 और दूसरे चरण में 3 टावर बनेंगे. प्रत्येक संस्थानिक भवन में प्रतितल 5000 वर्ग फ़ीट से लेकर 14000 वर्ग फीट तक के कारपेट क्षेत्र को कोचिंग संस्थानों को बेचने का प्रावधान रखा गया है. प्रत्येक टावर 7 मंजिल का होगा, जिसमें 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया जाएगा. यहां अंडर ग्राउंड पार्किंग भी विकसित की जाएगी. इसके अलावा लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, हॉस्टल, पीजी, फूड कोर्ट, शोरूम, चिकित्सालय, जॉगिंग ट्रैक, आउटडोर गेम कोर्ट, जिम और कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

जयपुर. आवासन मंडल द्वारा प्रताप नगर में बनाए जा रहे कोचिंग हब के संचालन के लिए प्रदेश के कोचिंग संस्थानों और संचालकों की वर्कशॉप आयोजित की गई. जिसमें तय हुआ कि पुराने कोचिंग संचालकों को कोचिंग हब के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी. वहीं ग्राउंड फ्लोर का ऑक्शन होगा, जबकि शेष फ्लोर्स का आवंटन करने का भी निर्णय लिया गया.

हाउसिंग बोर्ड के कोचिंग हब में पुराने कोचिंग संचालकों को आवंटन में मिलेगी प्राथमिकता

प्रताप नगर आवासीय योजना में आवासन मंडल द्वारा निर्माणाधीन प्रदेश के पहले सुनियोजित कोचिंग परिसर में कोचिंग संस्थानों के लिए विभिन्न आवश्यकताओं और सुविधाओं के आंकलन के लिए प्रदेश के अग्रणी कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ विचार-विमर्श कर, उनके सुझाव आमंत्रित किए गए. इस दौरान कोचिंग हब में स्थान आवंटन के समय उन लोगों को प्राथमिकता देने का सुझाव मिला, जो पहले से इस व्यवसाय से जुड़े हैं.

हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि कोचिंग हब में ग्राउंड फ्लोर का ऑप्शन किया जाएगा. वहीं अन्य फ्लोर्स का आवंटन किया जाएगा. आवंटन की शर्तें जल्द निर्धारित कर दी जाएंगी. कोचिंग हब में दरों को उचित रखने के भी सुझाव आए हैं. जिन पर मंडल सकारात्मक रुख रखेगा. हालांकि मंडल कोचिंग हब का निर्माण लाभ के लिए नहीं, बल्कि लोगों की सुविधा के लिए कर रहा है.

पढ़ें- 4300 करोड़ रुपए खर्च कर कालीसिंध से पानी लाएगा जलदाय विभाग, 7 जिलों की बुझेगी प्यास

कोचिंग संचालकों द्वारा छात्रों के रहने के लिए भी चिंता व्यक्त की गई, जिस पर आयुक्त ने कहा कि इस कोचिंग हब के साथ में मंडल कुछ ऐसे प्लॉट्स भी ऑक्शन करेगा, जहां छात्रों के रहने के लिए पीजी और हॉस्टल बन सके. वहीं आवासन आयुक्त ने बताया कि 70 हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाला ये कोचिंग हब 67 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यहां उपलब्ध भूमि के 30% क्षेत्र में ही निर्माण किया जा रहा है और 70% क्षेत्र खुला रहेगा. इस कोचिंग हब का निर्माण 2 फेस में कराया जाएगा, जिसमें तकरीबन 231 करोड़ रुपए खर्च होंगे.

बता दें कि कोचिंग हब के पहले चरण में 5 और दूसरे चरण में 3 टावर बनेंगे. प्रत्येक संस्थानिक भवन में प्रतितल 5000 वर्ग फ़ीट से लेकर 14000 वर्ग फीट तक के कारपेट क्षेत्र को कोचिंग संस्थानों को बेचने का प्रावधान रखा गया है. प्रत्येक टावर 7 मंजिल का होगा, जिसमें 1 लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल निर्मित किया जाएगा. यहां अंडर ग्राउंड पार्किंग भी विकसित की जाएगी. इसके अलावा लाइब्रेरी, ऑडिटोरियम, हॉस्टल, पीजी, फूड कोर्ट, शोरूम, चिकित्सालय, जॉगिंग ट्रैक, आउटडोर गेम कोर्ट, जिम और कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

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