जयपुर. शासन सचिवालय के राजपत्रित अधिकारी और कर्मचारी लगातार प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है. चाहे कितने ही औचक निरीक्षण हों, कितनी ही बार उपस्थिति रजिस्टर जब्त हुआ हो, कितनी ही बार चेतावनी दी गई हो, लेकिन शासन सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आती.
दरअसल, हम ऐसा इस लिए कहा रहे हैं क्योंकि सचिवालय में कर्मचारियों और अधिकारियों का दफ्तर में समय पर पहुंचने का मन ही नहीं करता. और ये बात सामने आई है प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा गुरुवार को सचिवालय में एसएसओ भवन में आकस्मिक निरीक्षण में. इस निरीक्षण में 52 फीसदी अधिकारी और 35 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. एसएसओ भवन में आज सुबह 9:40 पर औचक निरीक्षण किया गया. जहां, अलग-अलग विभागों के 42 रजिस्टर जब्त किए गए.
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इनमें पाया गया कि कुल 46 में से 24 अधिकारी और कुल 446 में से 160 कर्मचारी अनुपस्थित मिले. प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसकी पूरी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन को भिजवा दी गई है. अब संबंधित विभागों के एचओडी को यह रिपोर्ट भेजकर जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
आपको बता दें कि दिसम्बर 2019 में प्रशासनिक सुधार विभाग ने पूरे माह सचिवालय और अन्य दफ्तरों में औचक निरीक्षण अभियान चलाया था. तब भी 50 से 70 फीसदी कर्मचारी और अधिकारी नदारद मिले थे. लगातार चले इस अभियान के बाद असर ये रहा कि कर्मचारी-अधिकारी समय पर पहुंचने लगे. लेकिन अभियान बंद होते ही वही ढाक के तीन पात वाली वाली स्थिति हो गई.
अब एक बार फिर से अभियान को गति दी गई है. लेकिन ये तब तक सार्थक नहीं हो सकता जब तक खुद कर्मचारी या अधिकारी अपने आप में सुधार ना करें. या फिर सरकार कोई सख्ती दिखाए और लेटलतीफी के बदले कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया जाए.