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ठेंगा दिखाती अफसरशाही! तमाम सख्तियों के बावजूद औचक निरीक्षण में दिखा 'ढाक के तीन पात' - officer-employee absentee

प्रदेश की गहलोत सरकार गुड़ गवर्नेस के लाख दावे करे लेकिन हकीकत में हर मोर्चे में नाकामी ही नजर आएगी. ऐसा इस लिए नहीं की गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है, ऐसा इस लिए है क्योंकि गुड़ गवर्नेंस को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिन कर्मचारियों के हाथ में है वो सुशासन की राह में रोड़ा बन खड़े हैं.

अशोक गहलोत, Surprise inspection
employees found missing in surprise inspection
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Published : Feb 6, 2020, 5:43 PM IST

जयपुर. शासन सचिवालय के राजपत्रित अधिकारी और कर्मचारी लगातार प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है. चाहे कितने ही औचक निरीक्षण हों, कितनी ही बार उपस्थिति रजिस्टर जब्त हुआ हो, कितनी ही बार चेतावनी दी गई हो, लेकिन शासन सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आती.

प्रशासन की सख्ती नाकाम , औचक निरीक्षण में फिर नदारद मिले अधिकारी-कर्मचारी

दरअसल, हम ऐसा इस लिए कहा रहे हैं क्योंकि सचिवालय में कर्मचारियों और अधिकारियों का दफ्तर में समय पर पहुंचने का मन ही नहीं करता. और ये बात सामने आई है प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा गुरुवार को सचिवालय में एसएसओ भवन में आकस्मिक निरीक्षण में. इस निरीक्षण में 52 फीसदी अधिकारी और 35 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. एसएसओ भवन में आज सुबह 9:40 पर औचक निरीक्षण किया गया. जहां, अलग-अलग विभागों के 42 रजिस्टर जब्त किए गए.

पढ़ेंः कांग्रेस विधायक परसराम मोरदिया की गाड़ी पलटी, हाथ-पैर में फ्रैक्चर, जयपुर रेफर

इनमें पाया गया कि कुल 46 में से 24 अधिकारी और कुल 446 में से 160 कर्मचारी अनुपस्थित मिले. प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसकी पूरी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन को भिजवा दी गई है. अब संबंधित विभागों के एचओडी को यह रिपोर्ट भेजकर जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

आपको बता दें कि दिसम्बर 2019 में प्रशासनिक सुधार विभाग ने पूरे माह सचिवालय और अन्य दफ्तरों में औचक निरीक्षण अभियान चलाया था. तब भी 50 से 70 फीसदी कर्मचारी और अधिकारी नदारद मिले थे. लगातार चले इस अभियान के बाद असर ये रहा कि कर्मचारी-अधिकारी समय पर पहुंचने लगे. लेकिन अभियान बंद होते ही वही ढाक के तीन पात वाली वाली स्थिति हो गई.

पढ़ेंः Exclusive चिकित्सा मंत्री, कहा- अप्रैल में मेडिकल कॉलेज का होगा भूमि पूजन, आने वाले बजट में अलवर को मिलेगी कई सौगातें

अब एक बार फिर से अभियान को गति दी गई है. लेकिन ये तब तक सार्थक नहीं हो सकता जब तक खुद कर्मचारी या अधिकारी अपने आप में सुधार ना करें. या फिर सरकार कोई सख्ती दिखाए और लेटलतीफी के बदले कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया जाए.

जयपुर. शासन सचिवालय के राजपत्रित अधिकारी और कर्मचारी लगातार प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है. चाहे कितने ही औचक निरीक्षण हों, कितनी ही बार उपस्थिति रजिस्टर जब्त हुआ हो, कितनी ही बार चेतावनी दी गई हो, लेकिन शासन सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों में सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आती.

प्रशासन की सख्ती नाकाम , औचक निरीक्षण में फिर नदारद मिले अधिकारी-कर्मचारी

दरअसल, हम ऐसा इस लिए कहा रहे हैं क्योंकि सचिवालय में कर्मचारियों और अधिकारियों का दफ्तर में समय पर पहुंचने का मन ही नहीं करता. और ये बात सामने आई है प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा गुरुवार को सचिवालय में एसएसओ भवन में आकस्मिक निरीक्षण में. इस निरीक्षण में 52 फीसदी अधिकारी और 35 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. एसएसओ भवन में आज सुबह 9:40 पर औचक निरीक्षण किया गया. जहां, अलग-अलग विभागों के 42 रजिस्टर जब्त किए गए.

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इनमें पाया गया कि कुल 46 में से 24 अधिकारी और कुल 446 में से 160 कर्मचारी अनुपस्थित मिले. प्रशासनिक सुधार विभाग ने इसकी पूरी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन को भिजवा दी गई है. अब संबंधित विभागों के एचओडी को यह रिपोर्ट भेजकर जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

आपको बता दें कि दिसम्बर 2019 में प्रशासनिक सुधार विभाग ने पूरे माह सचिवालय और अन्य दफ्तरों में औचक निरीक्षण अभियान चलाया था. तब भी 50 से 70 फीसदी कर्मचारी और अधिकारी नदारद मिले थे. लगातार चले इस अभियान के बाद असर ये रहा कि कर्मचारी-अधिकारी समय पर पहुंचने लगे. लेकिन अभियान बंद होते ही वही ढाक के तीन पात वाली वाली स्थिति हो गई.

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अब एक बार फिर से अभियान को गति दी गई है. लेकिन ये तब तक सार्थक नहीं हो सकता जब तक खुद कर्मचारी या अधिकारी अपने आप में सुधार ना करें. या फिर सरकार कोई सख्ती दिखाए और लेटलतीफी के बदले कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लिया जाए.

Intro:प्रशासन कितनी ही सख्ती दिखाए लेकिन हम नही सुधारने वाली - शासन सचिवालय कर्मचारी

एंकर:- प्रदेश की गहलोत सरकार गुड़ गवर्नेस की लाख बात करे लेकिन लगता है सरकार गुड़ गवर्नेंस देने में नाकाम ही रहेगी , ऐसा इस लिए नही की गहलोत सरकार की कथनी और करनी में अंतर है , ऐसा इस लिए है क्योंकि गुड़ गवर्नेंस को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिन कर्मचारियों की है वो सुधारना नही चाहते , प्रशासन चाहे कितना जोर लगा लो, हम नहीं सुधरेंगे। जी हां, शासन सचिवालय के राजपत्रित अधिकारी और कर्मचारी लगातार प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है। चाहे कितने ही औचक निरीक्षण हो, चाहे कितनी ही बार उपस्थिति रजिस्टर जब्त हुआ, चाहे कितनी ही बार चेतावनी दी गई हो, लेकिन शासन सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी नहीं सुधरने वाले है। हम ऐसा इस लिए कहा रहे है क्योंकि सचिवालय में कर्मचारियों और अधिकारियों का दफ्तर समय पर का मन ही नही करता , दरअसल एक बार फिर हरकत में आए प्रशासनिक सुधार विभाग ने आज सचिवालय में एसएसओ भवन में आकस्मिक निरीक्षण किया , इस निरीक्षण में 52% अधिकारी और 35% कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। एसएसओ भवन मेंं आज सुबह 9:40 पर औचक निरीक्षण किया गया और अलग-अलग विभागोंं के 42 रजिस्टर जब्त किए गए इनमें पाया गया कि कुल 46 में से 24 अधिकारी और कुल 446 में से 160 कर्मचारी अनुपस्थित हैं। इसकी पूरी रिपोर्ट प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन को भिजवा दी गई है अब संबंधित विभागों के एचओडी को यह रिपोर्ट भेजकर जरूरी कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। हम आप को बता दे दिसम्बर में प्रशासनिक विभाग की करीब एक महीने तक सचिवालय और सचिवालय से बाहर के दफ्तरों में औचक निरीक्षण का अभियान चलाया था , उस वक्त भी औचक निरीक्षण में 50 सके 70 फीसदी तक कर्मचारी ओर अधिकारी अनुवस्थित मील थे , इसके बाद जब ये औचक निरीक्षण अभियान लगातार चला तो कर्मचारी ओर अधिकारी समय पर आने लगे थे , लेकिन जैसे ही अभियान बंद हुआ तो फिर से कर्मचारियों और अधिकारियों ने समय पर दफ्तर पहुंचना छोड़ दिया था , बहरहाल प्रशासनिक सुधार ने फिर से अभियान शुरू किया है लेकिन ये अभियान जब तक सार्थक नही होगा , जब तक अनुपस्थित पाय जाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्ती से विभागीय करवाई नही होगी तब तक कर्मचारी ओर अधिकारी सुधारने वाले नही , अब जरूरत है कि लेटलतीफी से दफ्तर आने वाले कर्मचारी ओर अधिकारी की सिर्फ अनुवस्थिति नही बल्कि ठोस एक्शन हो Body:VoConclusion:Vi
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