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JJM में परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म आधार पर अधिकारियों को मिलेगा अवार्ड, संभागीय आयुक्त और कलेक्टर भी होंगे सम्मानित

जयपुर में जल जीवन मिशन के तहत अधिकारियों की उपलब्धियों के मूल्यांकन के लिए जलदाय विभाग की ओर से 'परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म' तैयार किया जाएगा. इस पहल से जेजेएम के लक्ष्यों को हासिल करने में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को अवार्ड भी दिया जाएगा.

जयपुर में जल जीवन मिशन, Jal Jeevan Mission in Jaipur
परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म आधार पर अधिकारियों को मिलेगा अवार्ड
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Published : Jun 2, 2021, 9:18 PM IST

जयपुर. प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत संभाग स्तर पर अधिकारियों की उपलब्धियों के मूल्यांकन के लिए जलदाय विभाग की ओर से 'परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म' तैयार किया जाएगा. निर्धारित पैरामीटर्स के तहत जलदाय विभाग के रीजन, सर्किल एवं जिला स्तर पर कार्यरत इंजीनियर्स के प्रदर्शन से उनकी रैंकिंग तय की जाएगी. इस पहल से जेजेएम के लक्ष्यों को हासिल करने में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को अवार्ड भी दिया जाएगा.

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सर्वश्रेष्ठ जिलों के संभागीय आयुक्त और कलेक्टर भी सम्मानित होंगेजलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय में जल जीवन मिशन की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने पर जोर दिया और इसका प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिये.

उन्होने कहा कि प्रदेश में सम्भागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर्स की ओर से भी अपने अधीन जिलों में जेजेएम के कार्यों की सघन मॉनिटरिंग की जाएगी. 'परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म' में जिलों की उपलब्धियों के आधार पर जिला कलक्टर्स एवं सम्भागीय आयुक्त को भी वरीयता के आधार पर सम्मानित किया जाएगा. एसीएस ने इसके तहत ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की प्रतिशत उपलब्धि, जिला स्तर पर जल एवं स्वच्छता समिति एवं ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय जल एवं स्वच्छता समितियों की बैठकों के नियमित आयोजन, विलेज एक्शन प्लान और सभी घरों में 'हर घर नल कनेक्शन' वाले गांवों की अधिकतम संख्या जैसे पैरामीटर्स को भी शामिल करने के निर्देश दिए.

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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए तैयार की गई रणनीति के आधार पर राज्य की दैनिक प्रगति रिपोर्ट का रोजाना विश्लेषण करे. इनके निष्कर्ष के आधार पर जिलों में अधिकारियों को आपसी समन्वय एवं अनुभवों से सीखते हुए अपने प्रदर्शन में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रेरित करें.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों में पूर्व में 9101 गांवों के लिए मंजूर पेयजल योजनाओं की तुलना में अब तक 6724 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 4784 गांवों की निविदाएं जारी की गई है. इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में 1775 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 1500 गांवों की निविदाएं जारी की गई है. जेजेएम के तहत राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) का चयन कर लिया गया है. सभी जिलों में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) का चयन प्रक्रियाधीन है.

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इसके साथ ही 27 जिलों में आईएसए (क्रियान्वयन सहायता एजेंसी) का चयन कर लिया गया है, शेष 7 जिलों में इस माह आईएसए का चयन कर लिया जाएगा. एसीएस ने निर्देश दिए कि अब कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है, ऐसे में जिलों में आईएसए को सक्रिय करते हुए ग्राम स्तर पर उनकी गतिविधियों को बढ़ाया जाए. उन्होंने अधिकारियों को इस माह के अंत में प्रस्तावित एसएलएसएससी की बैठक में प्रदेश में गांवों की शेष बची योजनाओं के अधिकाधिक प्रस्ताव जिलों से मंगवाने के साथ ही विलेज एक्शन प्लान तैयार करने के कार्य को भी गति प्रदान करने के निर्देश दिए.

जयपुर. प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत संभाग स्तर पर अधिकारियों की उपलब्धियों के मूल्यांकन के लिए जलदाय विभाग की ओर से 'परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म' तैयार किया जाएगा. निर्धारित पैरामीटर्स के तहत जलदाय विभाग के रीजन, सर्किल एवं जिला स्तर पर कार्यरत इंजीनियर्स के प्रदर्शन से उनकी रैंकिंग तय की जाएगी. इस पहल से जेजेएम के लक्ष्यों को हासिल करने में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले अधिकारियों को अवार्ड भी दिया जाएगा.

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सर्वश्रेष्ठ जिलों के संभागीय आयुक्त और कलेक्टर भी सम्मानित होंगेजलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने बुधवार को शासन सचिवालय में जल जीवन मिशन की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने पर जोर दिया और इसका प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिये.

उन्होने कहा कि प्रदेश में सम्भागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर्स की ओर से भी अपने अधीन जिलों में जेजेएम के कार्यों की सघन मॉनिटरिंग की जाएगी. 'परफॉर्मेंस ऑडिट मैकेनिज्म' में जिलों की उपलब्धियों के आधार पर जिला कलक्टर्स एवं सम्भागीय आयुक्त को भी वरीयता के आधार पर सम्मानित किया जाएगा. एसीएस ने इसके तहत ‘हर घर नल कनेक्शन‘ की प्रतिशत उपलब्धि, जिला स्तर पर जल एवं स्वच्छता समिति एवं ग्राम पंचायतों में ग्राम स्तरीय जल एवं स्वच्छता समितियों की बैठकों के नियमित आयोजन, विलेज एक्शन प्लान और सभी घरों में 'हर घर नल कनेक्शन' वाले गांवों की अधिकतम संख्या जैसे पैरामीटर्स को भी शामिल करने के निर्देश दिए.

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उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए तैयार की गई रणनीति के आधार पर राज्य की दैनिक प्रगति रिपोर्ट का रोजाना विश्लेषण करे. इनके निष्कर्ष के आधार पर जिलों में अधिकारियों को आपसी समन्वय एवं अनुभवों से सीखते हुए अपने प्रदर्शन में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रेरित करें.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों में पूर्व में 9101 गांवों के लिए मंजूर पेयजल योजनाओं की तुलना में अब तक 6724 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 4784 गांवों की निविदाएं जारी की गई है. इसी प्रकार मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत परियोजनाओं में 1775 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां और 1500 गांवों की निविदाएं जारी की गई है. जेजेएम के तहत राज्य स्तरीय प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (एसपीएमयू) का चयन कर लिया गया है. सभी जिलों में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (डीपीएमयू) का चयन प्रक्रियाधीन है.

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इसके साथ ही 27 जिलों में आईएसए (क्रियान्वयन सहायता एजेंसी) का चयन कर लिया गया है, शेष 7 जिलों में इस माह आईएसए का चयन कर लिया जाएगा. एसीएस ने निर्देश दिए कि अब कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है, ऐसे में जिलों में आईएसए को सक्रिय करते हुए ग्राम स्तर पर उनकी गतिविधियों को बढ़ाया जाए. उन्होंने अधिकारियों को इस माह के अंत में प्रस्तावित एसएलएसएससी की बैठक में प्रदेश में गांवों की शेष बची योजनाओं के अधिकाधिक प्रस्ताव जिलों से मंगवाने के साथ ही विलेज एक्शन प्लान तैयार करने के कार्य को भी गति प्रदान करने के निर्देश दिए.

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