जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद अब प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी हरकत में आ गए हैं. सीएम गहलोत ने एक दिन पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जन सुनवाई में मिलने वाली शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेने वाले 9 अधिकारी और कमर्चारियों को सस्पेंड किया. साथ ही सीएम गहलोत ने 3 को चार्जशीट थमाई.
इसी कड़ी में शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई के प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण कर पालना रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय को भिजवाने के निर्देश दिए हैं. राजेश्वर सिंह ने 181 राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल, मुख्यमंत्री की खुद की ओर से की गई जन सुनवाई में प्राप्त प्रकरण और जन घोषणा पत्र, मुख्यमंत्री निर्देश, बजट घोषणा, मुख्यमंत्री घोषणा के लंबित प्रकरणों की समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए.
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने 181 राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 6 लाख 76 हजार 171 प्राप्त प्रकरणों में से शेष 33 हजार 799 लंबित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा कि 6 लाख 42 हजार 372 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है. सीएमआईएस पोर्टल पर जन घोषणा पत्र, बजट घोषणा, सीएम घोषणा एवं मुख्यमंत्री निर्देशों की प्रकरणवार समीक्षा की. वहीं, जिन प्रकरणों में कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं उन कार्यों की टास्क पूर्ण कराने के निर्देश अनुभाग अधिकारियों को दिए.
उन्होंने राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल में प्राप्त प्रकरण और मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अंतर्गत जिन कार्यों की स्वीकृति जारी करनी है उनकी स्वीकृतियां राज्य वित्त आयोग, सीमांत क्षेत्र विकास या अन्य विभागीय योजनाओं में शीघ्र जारी कर कार्यों को पूर्ण कराने के निर्देश संबंधित योजना प्रभारियों को दिए. उन्होंने अम्बेडकर भवन निर्माण, विलेज मास्टर प्लान में गतिविधि पूर्ण करने की स्थिति में आवश्यक संशोधन कर सीएमआईएस पर दर्ज करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से की गई सुनवाई में लिपिक भर्ती प्रकरण और पंचायत पुर्नगठन से संबंधित प्रकरणों में वास्तविक स्थितियों को अंकित कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए.