जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान सरकार के विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को दूसरी बार खारिज कर दिया. इस बीच एनएसयूआई छात्र संगठन के एक कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर, विधानसभा सत्र आहूत करवाने की मांग की.
राजस्थान में बीते 3 सप्ताह से जारी सियासी खींचतान के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र और सीएम अशोक गहलोत भी अब विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर आमने-सामने हैं. राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के गहलोत कैबिनेट के अनुरोध को दो बार खारिज कर दिया गया. पहले शुक्रवार को विधानसभा सत्र बुलाने की कैबिनेट की मांग को खारिज करते हुए राजभवन ने 6 बिंदुओं पर जवाब मांगा था. सोमवार को कुछ जरूरी जानकारी मांगते हुए सत्र बुलाने से संबंधित फाइल को राज्य के संसदीय मामलों के विभाग को वापस लौटा दिया.
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इस बीच कांग्रेस विचारधारा से जुड़े एनएसयूआई छात्र संगठन के एक कार्यकर्ता ने जयपुर स्थित अमर जवान ज्योति पर अपने खून से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. जिसमें विधानसभा सत्र आहूत करने की मांग की गई. छात्र नरेंद्र सिंह राजपुरोहित ने पत्र लिखते हुए कहा कि देश में लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है. केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है.
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देश की जनता एक तरफ कोरोना महामारी से जूझ रही है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराने का लगातार प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल द्वारा संवैधानिक पद पर होने के बावजूद सत्ता पक्ष को विधानसभा सत्र आहूत नहीं करने दिया जा रहा है. ऐसे में आज खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजस्थान में विधानसभा सत्र आहूत करवाने की मांग की है.