जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार के एक बयान का देश में विरोध (opposition to indresh kumar statement) शुरू हो गया है. महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर रविवार को एनएसयूआई ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर इंद्रेश कुमार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ (protest infront of rajasthan university) प्रदर्शन किया. आरोप लगाया कि आरएसएस देश को जाति-धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है.
एनएसयूआई राजस्थान के प्रभारी गुरजोत संधू के नेतृत्व में आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार की ओर से महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान का रविवार को विरोध किया गया. संधू ने कहा कि इंद्रेश कुमार के बयान का एनएसयूआई विरोध करता है. इस आरएसएस का भारत की आजादी में कोई योगदान नहीं था. उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का भी विरोध किया. वह लोग ऐसी बातें कर देश विरोधी ताकतों को हवा दे रहे हैं. देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का देश के प्रति क्या योगदान रहा यह किसी से भी पूछने या बताने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए ही अपना जीवन गुजार दिया, लेकिन इंद्रेश कुमार और आरएसएस की विचारधारा पर चलने वाले लोग देश को बांटने में लगे हैं. महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी आरएसएस की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. देश का प्रत्येक युवा इस बयान का विरोध करता है.
ये दिया था बयान...
इंद्रेश कुमार ने शनिवार को जयपुर में महात्मा गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि 75 साल पहले भारत को विभाजन के रूप में आजादी मिली थी. उस वक्त अगर अंग्रेजों से वार्ता के लिए बापू ने नेहरू और जिन्ना को अपना एडीसी (ADC) नहीं चुना होता तो भारत के टुकड़े नहीं हुए होते. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर बापू सरदार वल्लभ भाई पटेल और सुभाष चंद्र बोस को एडीसी चुनते तो भारत का विभाजन नहीं होता. बापू की छोटी सी भूल ने भारत के टुकड़े करा दिए. इससे पहले भी इंद्रेश कुमार अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं.