जयपुर: राजधानी हॉरिजॉन्टल के साथ-साथ वर्टिकल भी बढ़ रही है. बड़ी-बड़ी इमारतों में सैकड़ों लोग एक समय पर मौजूद रहते हैं. होटल, रेस्त्रां , पीजी, बड़े मॉल और आवासीय बिल्डिंग्स में आग बुझाने के संयंत्र रखने को लेकर नियम भी बने हुए हैं. लेकिन राजधानी में महज 5000 इमारतों के पास फायर एनओसी (Fire NOC In Jaipur)है. जबकि शहर में हजारों ऐसी इमारतें हैं जिनके पास फायर इक्विपमेंट होना अनिवार्य है. ऐसे में आमजन को सुरक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए अब ऑनलाइन फायर एनओसी की व्यवस्था शुरू की गई है.
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गौरतलब है कि, 9 मीटर से ऊंचे छात्रावास, स्टूडियो अपार्टमेंट, सर्विस अपार्टमेंट, गेस्ट हाउस, होटल-रेस्टोरेंट, सभा भवन, मैरिज गार्डन, फिलिंग स्टेशन, स्टोरेज बिल्डिंग्स और 15 मीटर से ज्यादा ऊंचाई के सभी व्यवसायिक भवनों (Business Centres) को फायर एनओसी (Fire NOC) लेना अनिवार्य है. लेकिन नगर निगम (Nagar Nigam) से मिली जानकारी के अनुसार शहर में महज 5000 इमारतों के पास फायर एनओसी (Fire NOC In Jaipur) है. इनमें से 203 इमारतें तो इस आंकड़े में इसी साल जुड़ी हैं. इसे जागरूकता का अभाव कहें या फिर नियमों की अनदेखी. लेकिन अब इस पर सख्ती बरती जा रही है.
खासकर अस्पताल, नर्सिंग होम, कोचिंग सेंटर को लेकर व्यापक अभियान (Campaign) छेड़ने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि लोगों को सुविधा देने के लिए नगर निगम प्रशासन ने ऑनलाइन फायर एनओसी (Online Fire NOC) की व्यवस्था जरूर की है। इस संबंध में ग्रेटर निगम के एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया की माने तो नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 (National Building Code 2016) के निर्देशों के अनुसार फायर एनओसी को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश हैं. फायर एनओसी का मतलब है कि इमारत में आग लगने की स्थिति में बचाव के उपयुक्त संसाधन होना. पहले फायर एनओसी कि ऑफलाइन प्रक्रिया थी, जिसे आम जनता के लिए आसान बनाते हुए ऑनलाइन किया गया है.
वहीं सीएफओ जगदीश फुलवारी के अनुसार फायर एनओसी (Fire NOC) को लेकर बिल्डिंग्स का सर्वे (Building Survey) का काम शुरू कर दिया गया है. जिन इमारतों के पास फायर एनओसी (Fire NOC In Jaipur) नहीं है, उन्हें लीगल नोटिस दिया जा रहा है. और जो फायर एनओसी लेना चाहता हैं, उनके लिए ऑनलाइन सिस्टम डेवलप किया गया है. एसएसओ आईडी (SSO ID) यानी Single sign-on आईडी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन (Online Application) किया जा सकता है. जिसके बाद असिस्टेंट फायर ऑफिसर मौका मुआयना कर एनबीसी के नियमों (NBC Directives) के तहत फायर इक्विपमेंट मिलने पर एनओसी (Fire NOC) देने के लिए तत्पर रहेंगे.
वैसे ऑफलाइन की लंबी प्रक्रिया के कारण भी कई लोग फायर एनओसी लेने से बचते रहे हैं, उम्मीद की जा सकती है कि इससे आम जनता को अब राहत मिलेगी. निगम का दावा है कि इससे अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर भी नकेल कसी जा सकेगी और निगम के राजस्व में भी ग्रोथ (Growth In Revenue) देखने को मिलेगा.