जयपुर. रविवार को साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण है, जिसका सूतक काल अभी कुछ देर पहले ही रात 9.55 बजे लग चुका है. इसके साथ ही राजधानी के मंदिरों में पुजारियों ने कपाट बंद कर दिए है. वहीं हिन्दू धर्म में सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है. क्योंकि सूतक काल को खराब समय माना गया है, इस समय प्रकृति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है.
शास्त्रों में सूतक काल को खराब समय माना गया है. इस समय कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. क्योंकि इस दौरान कोई भी अनहोनी होने की आंशका ज्यादा रहती है. सूतक काल में अपने आराध्य देव का ध्यान, धार्मिक पुस्तकें और उनके मंत्रों का उच्चारण करें. हालांकि ध्यान रहें सूतक काल में भगवान की मूर्ति को बिल्कुल भी स्पर्श ना करें. वहीं जयपुर में कोरोना के चलते बड़े मंदिरों पहले से ही बंद है, लेकिन वहां पुजारी पूजा कर रहे थे. वहां भी सूतक काल में अगले 16 घंटे पूजा-अर्चना नहीं होगी.
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वहीं सूतक काल में अब भोजन पकाने और खाने से बचना है. हालांकि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और अस्वस्थ व्यक्ति पर ये नियम लागू नहीं होता. वहीं गर्भवती महिलाओं को चाकू-कैंची के प्रयोग से बचना है. इस दौरान सिलाई-कढ़ाई का काम भी नहीं करें. सूतक खत्म हो जाने के बाद पीने का पानी भी बदल लें. साथ ही कोरोना के चलते जरूरतमंद व्यक्ति की मदद जरूर करें. वहीं अपराध, बुरे काम, बुरे विचार और झूठ का त्याग करना चाहिए. क्योंकि इस समय किये गए बुरे कार्यो का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ऐसे में सूतक काल मे पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें. ये सूतक काल रविवार दोपहर 1.44 बजे ग्रहण की समाप्ति के साथ ही खत्म हो जायेगा.