जयपुर. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राजधानी के आगरा रोड स्थित इकोलॉजिकल जोन में अवैध निर्माणों को रोकने के लिए जेडीए ने कोई एक्शन प्लान नहीं बनाया. आलम ये है कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर खानापूर्ति करते हुए निर्माणकर्ताओं को नोटिस तो थमा दिए. लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जा रही है.
बता दें कि शहर के मास्टर प्लान के तहत 2011 में इकोलॉजिकल जोन 24.55 फीसदी था. जिसे 2025 मास्टर प्लान में बढ़ाकर 30.40 फीसदी कर दिया गया. यानी 481 वर्ग किलोमीटर में फैला इकोलॉजिकल जोन बढ़कर 894 वर्ग किलोमीटर हो गया है. जिसका प्रशासन ने क्षेत्रफल तो बढ़ा दिया है, लेकिन इकोलॉजिकल जोन में धड़ल्ले से निर्माण भी हो रहे हैं.
खासकर आगरा रोड से लेकर दिल्ली रोड के इकोलॉजिकल जोन तो भू-माफियाओं का गढ़ बनता जा रहा है. यहां ना सिर्फ अवैध रूप से कॉलोनियां बस रही हैं. बल्कि इमारतें भी खूब खड़ी हो गई है. हालांकि बीते सप्ताह जिन कॉलोनियों में प्रवर्तन शाखा को निर्माण कार्य होते मिले. उन्हें नोटिस भी दिए गए, लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की गई.
आलम ये है कि आगरा रोड पर 52 फीट हनुमान जी मंदिर के पास जेडीए की जमीन पर भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है. स्थानीय लोग इस संबंध में कई बार जेडीए में शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कार्यालय के अधिकारियों को मौका निरीक्षण करने का समय नहीं मिल रहा. बीते 3 वर्ष से तो जेडीए की जमीन पर मार्केट लगाकर भू-माफिया महीने में लाखों रुपए किराए के रूप में वसूल कर रहे हैं.
हालांकि जेडीए की प्रवर्तन शाखा पहले इकोलॉजिकल जोन में अवैध कॉलोनियों निर्माणों को ध्वस्त करती आई है. फिलहाल जेडीए की प्रवर्तन शाखा कार्रवाई के नाम पर बैकफुट पर दिखाई दे रही है.