जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायती राज विभाग में कार्यरत रहे ग्राम सेवक को चयनित वेतनमान में अगले पदोन्नत पद के वेतनमान का लाभ नहीं देने पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश भरत कुलदीप शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति ग्राम सेवक के तौर पर कोटा में हुई थी. वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश में यह प्रावधान किया गया है कि कर्मचारी के निर्धारित समय पर पदोन्नति नहीं होने पर उसे चयनित वेतनमान का लाभ दिया जाएगा और वह अगले पदोन्नत पद के वेतनमान के बराबर होगा.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को नियमानुसार पंचायत प्रसार अधिकारी के पद के वेतन के बराबर लाभ दिया जाना चाहिए था. याचिकाकर्ता को वर्ष 2013 में पदोन्नत किया गया, लेकिन उसे चयनित वेतनमान के रूप में कम राशि दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
शिक्षकों के वेतन विसंगति विवाद का 3 महीने में करें निपटाराः HC
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि वह तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2006 में नियुक्त हुए शिक्षकों की वेतन विसंगति से जुड़े मामले का 3 महीने में निपटारा करें. अदालत ने इसके लिए याचिकाकर्ताओं को विस्तृत अभ्यावेदन विभाग में पेश करने को कहा है. न्यायाधीश पीएस भाटी ने यह आदेश दिनेश कुमार मीणा और 182 अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.