जयपुर. राज्य सरकार ने 500 वर्गगज क्षेत्रफल तक के औद्योगिक परिसरों को नगरीय विकास कर से छूट (No urban development tax on industrial units upto 500 sq ft) दी है. राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों के प्रतिनिधि लंबे समय से ये मांग कर रहे थे. इस पर यूडीएच मंत्री की स्वीकृति के बाद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया.
इससे पहले 300 वर्गगज तक के औद्योगिक परिसर ही नगरीय विकास कर से मुक्त थे. नगरीय विकास कर की इस छूट से प्रदेश के 500 वर्गगज क्षेत्रफल की लघु औद्योगिक ईकाईयों को लाभ होगा. राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 107 के अन्तर्गत राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में 300 वर्गगज तक के औद्योगिक परिसर के स्थान पर अब 500 वर्गगज तक के औद्योगिक परिसर नगरीय विकास कर से मुक्त कर दिए गए हैं. इससे पहले राज्य सरकार ने गृह कर और नगरीय विकास कर में छूट की अवधि को भी बढ़ा दिया था.
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सरकार ने 1 अप्रैल से 30 जून, 2022 तक संपूर्ण बकाया गृहकर एकमुश्त जमा कराने पर मूल बकाए पर 50 फीसदी की छूट और शास्ति (पेनल्टी) पर शत प्रतिशत छूट के प्रावधान तय किए थे. इसी तरह 2022-23 तक का एकमुश्त नगरीय विकास कर जमा कराने पर ब्याज और शास्ति (पेनल्टी) पर शत प्रतिशत छूट दी थी. उधर, स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश पर हेरिटेज निगम क्षेत्र के सभी मैरिज गार्डन का बकाया, चालू वर्ष का पंजीयन और अन्य देय राशि की वसूली 27 अप्रैल, 2022 तक जमा कराने पर छूट दी जा रही है. इसे लेकर जोन वार 25 और 26 अप्रैल को शिविर भी लगाये जाएंगे.
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प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि कोई भी मैरिज गार्डन बिना अनुमति नवीनीकरण और बिना राशि जमा कराये संचालित होने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. वहीं डेयरी बूथों का किराया राशि जमा नहीं करने वालों को पाबंद करने और किराए जमा नहीं कराने पर डेयरी बूथ के विरूद्ध उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. राजस्व उपायुक्त ने सभी जोन के राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी मदों की बकाया लीज राशि 30 जून, 2022 तक वसूलना सुनिश्चित करें और लीज राशि जमा नहीं करवाने पर नोटिस, कुर्की, नीलामी की कार्रवाई करने के निर्देश दिए.