जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन के बीच सरकार ने भले ही बिजली के बिल का भुगतान 31 मई तक डेफर कर दिया हो, लेकिन सरकार और डिस्कॉम के इस फरमान से सभी बिजली उपभोक्ताओं को फायदा नहीं मिलेगा. बता दें कि करीब 60 फीसदी बिजली उपभोक्ताओं को पेनल्टी की मार पड़ेगी. वहीं, इसी पेनल्टी के जरिए डिस्कॉम करोड़ों रुपए कमाएगा.
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान जब सरकार पर राजनीतिक दबाव पड़ा तो आनन-फानन में 31 मई तक बिलों का भुगतान डेफर कर दिया गया. लेकिन अंदर छुपी शर्तों को यदि पढ़ा जाए तो इसके दायरे में महज हर महीने 150 यूनिट तक खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ता और कृषि उपभोक्ता ही आएंगे.
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वहीं, कमर्शियल कनेक्शन और अन्य कनेक्शनों पर ना तो बिल का भुगतान 31 मई तक करने की छूट दी गई है और ना ही पेनल्टी की माफी. हालांकि, ऊर्जा मंत्री डिस्कॉम की मौजूदा हालत की दुहाई भी देते हैं और सरकार ने जो छूट दी है उसे भी सीना चौड़ा करके गिनाते हैं.
इन उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया कोई राहत
- कमर्शियल कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी राहत
- महीने में 150 यूनिट से ज्यादा उपयोग करने वालों को छूट नहीं
- छोटे दुकानदार और ऑफिस को भी नहीं मिलेगी राहत
- लघु और मध्यम उद्योग को भी नहीं मिलेगी छूट
बता दें कि डिस्कॉम इन बिजली उपभोक्ताओं से हर महीने बिजली का बिल तो वसूलेगी, लेकिन कमर्शियल कनेक्शन में फिक्स चार्ज का भुगतान 31 मई तक डेफर पर किया गया है. वहीं यदि ये उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान करते हैं तो 31 मई तक इनका कनेक्शन नहीं काटा जाएगा. लेकिन हर महीने के बिल में भुगतान नहीं करने की पेनल्टी जरूर जोड़ी जाएगी. इससे साफ है कि पहले तो लॉकडाउन के कारण उद्योग व्यापार ठप हो गए और अब डिस्कॉम व सरकार की ओर से इसमें भी राहत के नाम पर कुछ नहीं मिल पाया. यही कारण है कि उपभोक्ता काफी परेशान हैं.
ठप पड़ा है रोजगार
डिस्कॉम और सरकार ने छोटे उपभोक्ताओं को तो राहत दे दी, लेकिन गर्मियों के मौसम में 150 यूनिट प्रतिमाह आराम से खर्च हो जाती है, खासतौर पर जब लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों पर ही हो. ऐसे में बिजली की खपत अधिक होती है.
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बता दें कि जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम को हर महीने कुल जितना भुगतान मिलता है, उसमें करीब 7 फीसदी हिस्सा कमर्शियल, लघु और भारी उद्योग को जारी किए गए कनेक्शनों पर ही है. जिसमें राहत के नाम पर केवल फिक्स चार्जेस डेफर किए गए.