जयपुर. वन विभाग ने डेढ़ साल पहले हाथी गांव में करीब 70 लाख रुपये की लागत से पर्यटकों के लिए वीआईपी गेस्ट हाउस बनाया था. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गेस्ट हाउस को रंग बिरंगी पेंटिंग और खूबसूरत रंगों से सजाया गया. गेस्ट हाउस में फाइव स्टार होटल की तरह चार कमरे बनाए गए. कमरों को लग्जरी बेड और खूबसूरत पेंटिंग बनवाई गई. इन कमरों का किराया 5 हजार रुपये प्रति कमरा तय किया गया. लेकिन वन विभाग का गेस्ट हाउस अभी भी पर्यटकों का इंतजार कर रहा है. गेस्ट हाउस को बने डेढ़ साल से भी ज्यादा समय हो गया लेकिन उसमें कोई गेस्ट आने में रूचि नहीं दिखा रहा.
जानकारी के मुताबिक वीआईपी गेस्ट हाउस को बनाने में जिस तरह से पैसा खर्च किया गया. उस कदर उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. वन विभाग खुद गेस्ट हाउस को चलाने से बैकफुट पर आ गया. वन विभाग ने गेस्ट हाउस को चलाने के लिए पीपीपी मोड पर देने का भी निर्णय किया और इस काम के लिए टेंडर भी किया गया था. उसमें भी विभाग की उम्मीदों को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब किसी ने भी इसे लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया था. वन विभाग के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि हाथी गांव में बने वीआईपी गेस्ट के लिए टेंडर जारी किया गया था. लेकिन किसी भी फर्म ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. गेस्ट हाउस की मार्केटिंग कर टूरिस्ट लाने का काम विभाग के बजाय संबंधित फील्ड के लोग ही बेहतर कर सकते हैं. लेकिन अब वन विभाग फिर से गेस्ट हाउस को टेंडर पर देने की तैयारी कर रहा है. अब देखना होगा कि वन विभाग की यह कोशिश कब तक रंग लाती है.