जयपुर. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए राजस्थान के 55 लाख 71 हजार 384 किसानों ने पीएम किसान पोर्टल पर अपने आवेदन अपलोड कर दी है, जबकि 6 लाख से अधिक आवेदन एलजी कोड और स्वघोषणा के आधार पर अस्वीकृत होने से अपलोड नहीं हो सके. यह जानकारी रजिस्टार सहकारिता डॉ. नीरज के पवन ने दी.
डॉ पवन के अनुसार राज्य सरकार के स्तर पर किसी भी किसान का कोई भी आवेदन या राशि लंबित नहीं है. उनके अनुसार जो प्रक्रिया होनी है वह हो चुकी है. अब जो प्रक्रिया होनी है वह केंद्र सरकार के स्तर पर होगी.
केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित है यह आवेदन
डॉ. पवन के अनुसार राज्य की ओर से सभी भेजे जा सकने वाले आवेदन भेजे जा चुके हैं और भारत सरकार की ओर से किसानों के पक्ष में प्रथम किश्त के लिए आरएफटी खोली गई है. जिसमें 39 लाख 70 हजार 988 किसानों के खाते में 794.20 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा हो चुकी है और शेष 6 लाख से अधिक किसानों की राशि स्वीकृत होना केंद्र के स्तर पर लंबित है.
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रजिस्टार सहकारिता ने बताया कि दूसरी किश्त के लिए भारत सरकार ने 39 लाख 63 हजार 277 किसानों के पक्ष में आरएफटी खोली. जिसमें से 39 लाख 36 हजार 514 किसानों के खातों में 787.30 करोड़ रुपए की राशि जमा हो चुकी है, जबकि शेष राशि केंद्र सरकार के स्तर पर लंबित है. डॉक्टर नीरज. के. पवन ने बताया कि द्वितीय किस्त के बाद भारत सरकार स्वयं के स्तर पर किसानों का आधार आधारित सत्यापन कर रही है और बिना आधार प्रमाणन के किसानों की किस्त जारी नहीं हो रही है.
उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों की ओर से किए गए आवेदन आधार से ही किए गए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने गाइडलाइन जारी कर किसानों को आवेदित नाम और आधार कार्ड में उल्लेखित नाम में समानता हो इसके लिए किसान किसी भी ई-मित्र केंद्र पर जाकर पीएम किसान पोर्टल पर नाम में असमानता को सही कर सकता है.