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जयपुरः विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर फिर से शुरू हुआ रात्रिकालीन पर्यटन, गुलाबी नगरी में लौटी पर्यटकों की रौनक - विश्व पर्यटन दिवस

विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर राजस्थान पुरातत्व विभाग ने पर्यटकों के लिए सौगात दी. इस मौके पर देसी-विदेशी पर्यटकों का स्मारकों और संग्रहालयों में नि:शुल्क प्रवेश रहा. साथ ही विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जयपुर में रात्रिकालीन पर्यटन भी खोल दिया गया है. जिसके बाद अब पर्यटक पर्यटन स्थलों को पहले की तहर रात में भी निहार सकेंगे.

jaipur news, rajasthan news
जयपुर में शुरू हुआ रात्रिकालीन पर्यटन
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Published : Sep 27, 2020, 10:53 PM IST

जयपुर. विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर पुरातत्व विभाग ने कोरोना काल में पर्यटकों के लिए सौगात दी. इस अवसर पर देसी-विदेशी पर्यटकों का स्मारकों और संग्रहालयों में नि:शुल्क प्रवेश रहा. सभी जगहों पर कोरोना के चलते सामाजिक दूरी का पालन, मास्क और सैनिटाइजेशन के बाद ही सैलानियों को अंदर घूमने की इजाजत दी गई.

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जयपुर में शुरू हुआ रात्रिकालीन पर्यटन

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रात्रिकालीन पर्यटन भी रविवार से शुरू किया गया. लेकिन कोरोना के चलते पहली बार इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए. राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थल आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में लंबे समय से रात्रिकालीन पर्यटन सेवा बंद पड़ी थी. जिसे अब दोबारा शुरू कर दिया गया है. आमेर महल और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को पर्यटक पहले की तरह रात के समय भी निहार सकेंगे. साथ ही नाहरगढ़ किले के माधवेंद्र पैलेस को रात्री में सैलानियों के लिए खाेला गया है. वहीं, पहले ही दिन शाम को इन पर्यटन स्थलों पर सैलानी नाइट टूरिज्म देखने पहुंचे. जिसमें स्थानीय पर्यटकों की तादात अधिक रही.

विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर प्रदेश में पहले ही दिन रिकॉर्ड 10 हजार 254 सैलानी पर्यटन स्थलों पर पहुंचे. गुलाबी नगरी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर कुल 7 हजार 161 सैलानियों ने भ्रमण किया. जबकि, प्रदेश के अन्य स्थलों पर रविवार को 3 हजार 93 सैलानी पहुचे। कोरोना संक्रमण के बाद अब तक राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर कुल 1,13,713 सैलानी पहुचे है। प्रदेश के अन्य के पर्यटन स्थलों पर अब तक कुल 49527 सैलानी पहुंचे.

पुरातत्व विभाग ने आदेश जारी कर पर्यटन दिवस के मौके पर राजधानी जयपुर के स्मारकों और संग्रहालयों में पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रखा. इसके साथ ही आमेर महल और नाहरगढ़ में पर्यटकों को इतिहास की जानकारी भी मुहैया करवाई गई. हवामहल अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने बताया कि हवामहल पर्यटन स्थल आने वाले सभी पर्यटकों को प्रवेश से पूर्व फेस मास्क लगाने, सैनिटाइजेशन करने और सोशल डिस्टिसिंग बनाए रखने की अपील की गई. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वयं हवामहल अधीक्षक मॉनिटरिंग कर रही है कि कहीं पर्यटक एक जगह तो एकत्रित नहीं हो रहे.

इसके अलावा सैलानियों को रिझाने के लिए एक से बढ़कर एक पैकेज की सुविधा भी दी जा रही है. इसमें घूमने से लेकर खाने और अन्य सुविधाओं का बेहद कम बजट रखा गया है. ताकि कोरोना काल में सैलानी प्रदेश में घूमने आ सकें. सोशल मीडिया पर भी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए रोचक जानकारियों का सहारा लिया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः जयपुर : 16 केंद्रों पर आयोजित हुई JEE एडवांस की परीक्षा, कोरोना गाइडलाइन का रखा गया विशेष ध्यान

आमेर महल के अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. बीते कई दिनों से वीकेंड के दिन ही पर्यटकों की थोड़ी बहुत रौनक पर्यटन स्थलों पर नजर आ रही है. वहीं, विदेशी सैलानी उड़ानें शुरू नहीं होने के कारण गुलाबीनगर समेत प्रदेशभर में घूमने नहीं आ रहे हैं. त्योहारी सीजन से पहले जैसलमेर, जयपुर, अजमेर और उदयपुर सहित अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते थे. जयपुर में हर साल पांच लाख से ज्यादा और प्रदेशभर में 40 लाख के आसपास देसी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

जयपुर. विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर पुरातत्व विभाग ने कोरोना काल में पर्यटकों के लिए सौगात दी. इस अवसर पर देसी-विदेशी पर्यटकों का स्मारकों और संग्रहालयों में नि:शुल्क प्रवेश रहा. सभी जगहों पर कोरोना के चलते सामाजिक दूरी का पालन, मास्क और सैनिटाइजेशन के बाद ही सैलानियों को अंदर घूमने की इजाजत दी गई.

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जयपुर में शुरू हुआ रात्रिकालीन पर्यटन

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर रात्रिकालीन पर्यटन भी रविवार से शुरू किया गया. लेकिन कोरोना के चलते पहली बार इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए गए. राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थल आमेर महल, नाहरगढ़ फोर्ट और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम में लंबे समय से रात्रिकालीन पर्यटन सेवा बंद पड़ी थी. जिसे अब दोबारा शुरू कर दिया गया है. आमेर महल और अल्बर्ट हॉल संग्रहालय को पर्यटक पहले की तरह रात के समय भी निहार सकेंगे. साथ ही नाहरगढ़ किले के माधवेंद्र पैलेस को रात्री में सैलानियों के लिए खाेला गया है. वहीं, पहले ही दिन शाम को इन पर्यटन स्थलों पर सैलानी नाइट टूरिज्म देखने पहुंचे. जिसमें स्थानीय पर्यटकों की तादात अधिक रही.

विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर प्रदेश में पहले ही दिन रिकॉर्ड 10 हजार 254 सैलानी पर्यटन स्थलों पर पहुंचे. गुलाबी नगरी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर कुल 7 हजार 161 सैलानियों ने भ्रमण किया. जबकि, प्रदेश के अन्य स्थलों पर रविवार को 3 हजार 93 सैलानी पहुचे। कोरोना संक्रमण के बाद अब तक राजधानी जयपुर के पर्यटन स्थलों पर कुल 1,13,713 सैलानी पहुचे है। प्रदेश के अन्य के पर्यटन स्थलों पर अब तक कुल 49527 सैलानी पहुंचे.

पुरातत्व विभाग ने आदेश जारी कर पर्यटन दिवस के मौके पर राजधानी जयपुर के स्मारकों और संग्रहालयों में पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क रखा. इसके साथ ही आमेर महल और नाहरगढ़ में पर्यटकों को इतिहास की जानकारी भी मुहैया करवाई गई. हवामहल अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने बताया कि हवामहल पर्यटन स्थल आने वाले सभी पर्यटकों को प्रवेश से पूर्व फेस मास्क लगाने, सैनिटाइजेशन करने और सोशल डिस्टिसिंग बनाए रखने की अपील की गई. कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वयं हवामहल अधीक्षक मॉनिटरिंग कर रही है कि कहीं पर्यटक एक जगह तो एकत्रित नहीं हो रहे.

इसके अलावा सैलानियों को रिझाने के लिए एक से बढ़कर एक पैकेज की सुविधा भी दी जा रही है. इसमें घूमने से लेकर खाने और अन्य सुविधाओं का बेहद कम बजट रखा गया है. ताकि कोरोना काल में सैलानी प्रदेश में घूमने आ सकें. सोशल मीडिया पर भी पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए रोचक जानकारियों का सहारा लिया जा रहा है.

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आमेर महल के अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. बीते कई दिनों से वीकेंड के दिन ही पर्यटकों की थोड़ी बहुत रौनक पर्यटन स्थलों पर नजर आ रही है. वहीं, विदेशी सैलानी उड़ानें शुरू नहीं होने के कारण गुलाबीनगर समेत प्रदेशभर में घूमने नहीं आ रहे हैं. त्योहारी सीजन से पहले जैसलमेर, जयपुर, अजमेर और उदयपुर सहित अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते थे. जयपुर में हर साल पांच लाख से ज्यादा और प्रदेशभर में 40 लाख के आसपास देसी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं.

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