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राजस्थान में नई सिलिकोसिस नीति लागू...देश में बना पहला राज्य, पीड़ितों को मिलेगी ये मदद

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Published : Oct 3, 2019, 6:18 PM IST

राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने नई सिलिकोसिस नीति लागू कर दी है. ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है. इस नीति के तहत सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित रोगियों को 5 लाख की आर्थिक सहायता मिलेगी.

राजस्थान में नई सिलिकोसिस नीति, silicosis policy in rajasthan

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित बिरला सभागार में कार्यक्रम में गुरुवार को नई नीति जारी करने की घोषणा की. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से तैयार की गई नीति में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवार को पेंशन देने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है.

नई नीति के तहत सिलिकोसिस बीमारी से मौत पर मुआवजा राशि भी बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है. इसके अनुसार तीन लाख रुपए पीड़ित को बीमार होने पर मिलेंगे और अगर किसी परिस्थिती में उसकी मौत होती है तो मृत्यु पश्चात मृतक परिवार को 2 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही मृतक आश्रित को पेंशन का भी लाभ मिलेगा.

राजस्थान बना देश का पहला राज्य, जहां बनी सिलिकोसिस नीति

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इस नई नीति से राज्य के करीब 11 हजार सिलिकोसिस पीड़ितों को फायदा होगा. पीड़ित परिवार को इलाज के लिए विभाग के सिलिकोसिस पोर्टल पर रजिस्टर करवाया जा सकेगा. इसके लिए उसके आवास के पास ही उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी. राजस्थान में काम करने वाले अन्य राज्यों के लोगों और खदान के 2 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि यह रोग धूल के कणों से होता है. काफी अध्ययन के बाद इसकी रोकथाम के लिए आईआईटी विशेषज्ञों की मदद भी ली गई है. आईआईटी ने कुछ रोकथाम के कई उपकरण बताए हैं जिनकी मदद से पत्थर कटाई करते समय उड़ने वाली धूल को रोका जा सकेगा. इसके लिए खदान मालिकों को भी इन उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा.

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डीबी गुप्ता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड के तहत 18 जिलों के लिए एक कोष जारी होगा. जिसमें इस बीमारी से ग्रसित पीड़ितों को तुरंत प्रभाव से पैसा जारी किया जा सकेगा. इस इलाज का पूरा पैसा राज्य सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा सिलिकोसिस को लेकर जिला कलेक्टरों को निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी हर माह इसकी मॉनिटरिंग भी करेंगे.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित बिरला सभागार में कार्यक्रम में गुरुवार को नई नीति जारी करने की घोषणा की. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से तैयार की गई नीति में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवार को पेंशन देने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है.

नई नीति के तहत सिलिकोसिस बीमारी से मौत पर मुआवजा राशि भी बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है. इसके अनुसार तीन लाख रुपए पीड़ित को बीमार होने पर मिलेंगे और अगर किसी परिस्थिती में उसकी मौत होती है तो मृत्यु पश्चात मृतक परिवार को 2 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही मृतक आश्रित को पेंशन का भी लाभ मिलेगा.

राजस्थान बना देश का पहला राज्य, जहां बनी सिलिकोसिस नीति

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इस नई नीति से राज्य के करीब 11 हजार सिलिकोसिस पीड़ितों को फायदा होगा. पीड़ित परिवार को इलाज के लिए विभाग के सिलिकोसिस पोर्टल पर रजिस्टर करवाया जा सकेगा. इसके लिए उसके आवास के पास ही उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी. राजस्थान में काम करने वाले अन्य राज्यों के लोगों और खदान के 2 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा.

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि यह रोग धूल के कणों से होता है. काफी अध्ययन के बाद इसकी रोकथाम के लिए आईआईटी विशेषज्ञों की मदद भी ली गई है. आईआईटी ने कुछ रोकथाम के कई उपकरण बताए हैं जिनकी मदद से पत्थर कटाई करते समय उड़ने वाली धूल को रोका जा सकेगा. इसके लिए खदान मालिकों को भी इन उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा.

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डीबी गुप्ता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड के तहत 18 जिलों के लिए एक कोष जारी होगा. जिसमें इस बीमारी से ग्रसित पीड़ितों को तुरंत प्रभाव से पैसा जारी किया जा सकेगा. इस इलाज का पूरा पैसा राज्य सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा सिलिकोसिस को लेकर जिला कलेक्टरों को निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी हर माह इसकी मॉनिटरिंग भी करेंगे.

Intro:राजस्थान बना देश का पहला राज्य जिसमें होगी सिलिकोसिस नीति सिलिकोसिस से पीड़ित को अब मिलेंगे ₹500000 जिसमें से तीन लाख बीमारी होने पर तो दो लाख मृत्यु होने की स्थिति में तो वही सिलिकोसिस पीड़ित की पत्नी को मिलेगा पेंशन का लाभ भी खनन मालिकों को भी लगाने होंगे ऐसे उपकरण जो रोकेंगे धूल को उड़ने से


Body:मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राजस्थान की नई सिलिकोसिस नीति की घोषणा कर दी है महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित बिरला सभागार में कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री ने नई नीति जारी करने की घोषणा की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से तैयार की गई नीति में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवार को पेंशन देने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है नई नीति में सिलिकोसिस बीमारी से मौत पर मुआवजा राशि भी बढ़ाकर 500000 कर दी गई है इसके अनुसार तीन लाख रुपए पीड़ित को बीमार होने पर मिलेंगे और अगर पीड़ित की मृत्यु हो जाती है तो उसे 200000 का मौजा परिजनों को दिया जाएगा इसके साथ ही उसके परिवार को पेंशन का भी लाभ मिलेगा इस नई नीति से करीब 11000 सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ितों को फायदा होगा पीड़ित परिवार के लिए इलाज के लिए विभाग के पोर्टल पर अब रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा इसके तहत उसके आवास के पास ही उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी राजस्थान में काम करने वाले अन्य राज्यों के लोगों और खदान के 2 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा इसके साथ ही मुख्य सचिव डीपी गुप्ता ने कहा कि यह रोग क्यों की धूल के उन्हें से होता है तो ऐसे में खनन के समय इसे कैसे रोका जाए इसे लेकर आईआईटी की मदद ली गई है और आईआईटी के उपकरणों से उस धूल को रोका जाएगा और इसके लिए खदान मालिकों को भी यह कहा जाएगा कि वह इन उपकरणों का इस्तेमाल करें सारा पैसा डिस्टिक मिनरल्स फंड के तहत 18 जिलों के लिए जारी होगा जो भी इस बीमारी से ग्रसित होगा उसके इलाज का पूरा पैसा राज्य सरकार उठाएगी और सिलिकोसिस को लेकर जिला कलेक्टरों को निर्देश दे दिए गए हैं खुद मुख्य सचिव के स्तर पर हर महीने इसकी मॉनिटरिंग होगी
वाइट डीबी गुप्ता मुख्य सचिव


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