जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित बिरला सभागार में कार्यक्रम में गुरुवार को नई नीति जारी करने की घोषणा की. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से तैयार की गई नीति में सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित परिवार को पेंशन देने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है.
नई नीति के तहत सिलिकोसिस बीमारी से मौत पर मुआवजा राशि भी बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है. इसके अनुसार तीन लाख रुपए पीड़ित को बीमार होने पर मिलेंगे और अगर किसी परिस्थिती में उसकी मौत होती है तो मृत्यु पश्चात मृतक परिवार को 2 लाख रुपए बतौर मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही मृतक आश्रित को पेंशन का भी लाभ मिलेगा.
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इस नई नीति से राज्य के करीब 11 हजार सिलिकोसिस पीड़ितों को फायदा होगा. पीड़ित परिवार को इलाज के लिए विभाग के सिलिकोसिस पोर्टल पर रजिस्टर करवाया जा सकेगा. इसके लिए उसके आवास के पास ही उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी. राजस्थान में काम करने वाले अन्य राज्यों के लोगों और खदान के 2 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को भी इस नई नीति का लाभ मिलेगा.
मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि यह रोग धूल के कणों से होता है. काफी अध्ययन के बाद इसकी रोकथाम के लिए आईआईटी विशेषज्ञों की मदद भी ली गई है. आईआईटी ने कुछ रोकथाम के कई उपकरण बताए हैं जिनकी मदद से पत्थर कटाई करते समय उड़ने वाली धूल को रोका जा सकेगा. इसके लिए खदान मालिकों को भी इन उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में बताया जाएगा.
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डीबी गुप्ता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड के तहत 18 जिलों के लिए एक कोष जारी होगा. जिसमें इस बीमारी से ग्रसित पीड़ितों को तुरंत प्रभाव से पैसा जारी किया जा सकेगा. इस इलाज का पूरा पैसा राज्य सरकार उठाएगी. उन्होंने कहा सिलिकोसिस को लेकर जिला कलेक्टरों को निर्देश दे दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी हर माह इसकी मॉनिटरिंग भी करेंगे.