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प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021: कोर्ट की रोक हटी, कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नया आदेश जारी

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehron Ke Sang Abhiyan 2021) को और तेजी देने के लिए नगरीय विकास विभाग, आवासन और स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नए आदेश जारी कर दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

प्रशासन शहरों के संग अभियान
प्रशासन शहरों के संग अभियान
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Published : Nov 13, 2021, 6:56 AM IST

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान को अब और गति मिलेगी. कच्ची बस्तियों को लेकर लगी कोर्ट की रोक हटने के बाद अब नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department), आवासन और स्वायत्त शासन विभाग (Department of Housing and Autonomous Government) ने कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नए आदेश जारी किए हैं.

ये आदेश सभी नगरीय निकायों मे लागू होंगे. जोधपुर उच्च न्यायालय मुख्य पीठ के आदेशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 में कच्ची बस्ती के पट्टे जारी करने के सम्बन्ध में नगरीय विकास, आवासन और स्वायत्त शासन विभाग ने तथ्य स्पष्ट किए हैं.

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दुर्गा विहार विकास समिति बनाम राज्य सरकार में उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार राज्य सरकार की ओर से कच्ची बस्ती नियमन नीति, 2005 जारी की है. जिसके अनुसार कच्ची बस्ती के नियमन करने की अनुमति उच्च न्यायालय ने प्रदान की है.

सर्वोच्च न्यायालय ने भी विशेष अनुमति याचिका नगर निगम, जयपुर बनाम लेखराज सोनी में पारित निर्णय में कच्ची बस्तियों के लिए एक नीति बनाकर नियमन करने का निर्णय करने की छूट प्रदान की है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 में बनाई गई नीति अनुसार कच्ची बस्तियों का नियमन कर पट्टे दिये जाने हैं.

सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के इन निर्णयों में कच्ची बस्तियों के कब्जों का नियमन करना अनुमत किया गया है. इसक्रम में राज्य सरकार की ओर से सर्वेशुदा / चिह्नित कच्ची बस्तियों के कब्जेधारियों का नियमन कर अब तक लगभग 65 हज़ार परिवारों को पट्टे जारी किये गये है. नियमन के लिए कब्जे की कट ऑफ डेट 15 अगस्त 2009 है. इस नियमन से गरीब परिवारों को रहने का आसरा मिलता है, जो एक जन कल्याणकारी कार्य है.

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इन तथ्यों के आधार पर नगरीय निकायों के लिए गाइडलाइन हुई जारी

- ऐसी चिन्हित कच्ची बस्तियां जो कि सुविधा क्षेत्र (पार्क, खेल मैदान, रास्ता खुली भूमि, सार्वजनिक भूमि) के लिए आरक्षित भूमि, वन भूमि, नदी, नाले, तालाब और अन्य प्रतिबन्धित क्षेत्र में पट्टे नहीं दिये जाएं.

- अधिसूचित / सर्वेशुद्धा कच्ची बस्तियों में 15 अगस्त 2009 तक निवास करने वाले परिवारों को पूर्व में पट्टे जारी किये गये है. वर्तमान अभियान में शेष कच्ची बस्तियों / शेष परिवारों को कट ऑफ डेट तक निवास करने वालों को ही पट्टे जारी करने की कार्यवाही की जाएं.

- कच्ची बस्ती नीति-2005 के मापदण्डों के अनुसार ही पट्टे जारी किये जाएं.

- कच्ची बस्ती में पट्टे जारी करने के लिये कब्जाधारियों के कब्जे की कट ऑफ डेट 15 अगस्त 2009 निर्धारित है, और न्यूनतम सड़क चौड़ाई 15 फीट है.

यह भी पढ़ें - फोन टैपिंग मामले में सीएम गहलोत के ओएसडी की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लगाई रोक

पट्टे देने के लिए होंगी ये दरें -

- 1 से 50 वर्गगज के लिए नगर निगम में 20रुपए, नगर परिषद में 15 रुपए, नगर पालिका 10रुपए

- 51 से 110 वर्गगज के लिए नगर निगम 40रुपए, नगर परिषद 30रुपए, नगर पालिका 20रुपए

बता दें कि बीपीएल के अतिरिक्त परिवार / व्यक्तियों के लिए ये दरें दोगुनी होगी. वहीं नियमन दर की राशि एक मुश्त वसूल की जाएगी. कच्ची बस्ती में जारी किए जाने वाले पट्टे 99 वर्षीय लीज के आधार पर जारी किये जाएंगे. इसके साथ ही इन पट्टों पर नियमन की राशि और 1 प्रतिशत लीज राशि एक मुश्त वसूल कर पट्टे जारी किए जाएंगे.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान को अब और गति मिलेगी. कच्ची बस्तियों को लेकर लगी कोर्ट की रोक हटने के बाद अब नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department), आवासन और स्वायत्त शासन विभाग (Department of Housing and Autonomous Government) ने कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नए आदेश जारी किए हैं.

ये आदेश सभी नगरीय निकायों मे लागू होंगे. जोधपुर उच्च न्यायालय मुख्य पीठ के आदेशों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान-2021 में कच्ची बस्ती के पट्टे जारी करने के सम्बन्ध में नगरीय विकास, आवासन और स्वायत्त शासन विभाग ने तथ्य स्पष्ट किए हैं.

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दुर्गा विहार विकास समिति बनाम राज्य सरकार में उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार राज्य सरकार की ओर से कच्ची बस्ती नियमन नीति, 2005 जारी की है. जिसके अनुसार कच्ची बस्ती के नियमन करने की अनुमति उच्च न्यायालय ने प्रदान की है.

सर्वोच्च न्यायालय ने भी विशेष अनुमति याचिका नगर निगम, जयपुर बनाम लेखराज सोनी में पारित निर्णय में कच्ची बस्तियों के लिए एक नीति बनाकर नियमन करने का निर्णय करने की छूट प्रदान की है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2005 में बनाई गई नीति अनुसार कच्ची बस्तियों का नियमन कर पट्टे दिये जाने हैं.

सर्वोच्च और उच्च न्यायालय के इन निर्णयों में कच्ची बस्तियों के कब्जों का नियमन करना अनुमत किया गया है. इसक्रम में राज्य सरकार की ओर से सर्वेशुदा / चिह्नित कच्ची बस्तियों के कब्जेधारियों का नियमन कर अब तक लगभग 65 हज़ार परिवारों को पट्टे जारी किये गये है. नियमन के लिए कब्जे की कट ऑफ डेट 15 अगस्त 2009 है. इस नियमन से गरीब परिवारों को रहने का आसरा मिलता है, जो एक जन कल्याणकारी कार्य है.

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- ऐसी चिन्हित कच्ची बस्तियां जो कि सुविधा क्षेत्र (पार्क, खेल मैदान, रास्ता खुली भूमि, सार्वजनिक भूमि) के लिए आरक्षित भूमि, वन भूमि, नदी, नाले, तालाब और अन्य प्रतिबन्धित क्षेत्र में पट्टे नहीं दिये जाएं.

- अधिसूचित / सर्वेशुद्धा कच्ची बस्तियों में 15 अगस्त 2009 तक निवास करने वाले परिवारों को पूर्व में पट्टे जारी किये गये है. वर्तमान अभियान में शेष कच्ची बस्तियों / शेष परिवारों को कट ऑफ डेट तक निवास करने वालों को ही पट्टे जारी करने की कार्यवाही की जाएं.

- कच्ची बस्ती नीति-2005 के मापदण्डों के अनुसार ही पट्टे जारी किये जाएं.

- कच्ची बस्ती में पट्टे जारी करने के लिये कब्जाधारियों के कब्जे की कट ऑफ डेट 15 अगस्त 2009 निर्धारित है, और न्यूनतम सड़क चौड़ाई 15 फीट है.

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पट्टे देने के लिए होंगी ये दरें -

- 1 से 50 वर्गगज के लिए नगर निगम में 20रुपए, नगर परिषद में 15 रुपए, नगर पालिका 10रुपए

- 51 से 110 वर्गगज के लिए नगर निगम 40रुपए, नगर परिषद 30रुपए, नगर पालिका 20रुपए

बता दें कि बीपीएल के अतिरिक्त परिवार / व्यक्तियों के लिए ये दरें दोगुनी होगी. वहीं नियमन दर की राशि एक मुश्त वसूल की जाएगी. कच्ची बस्ती में जारी किए जाने वाले पट्टे 99 वर्षीय लीज के आधार पर जारी किये जाएंगे. इसके साथ ही इन पट्टों पर नियमन की राशि और 1 प्रतिशत लीज राशि एक मुश्त वसूल कर पट्टे जारी किए जाएंगे.

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