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Special: नया फार्मूला...जिसे टिकट मिला उसे नहीं दी जाएगी राजनीतिक नियुक्ति

राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ से 13,500 नेता बाहर हो गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है जिसे टिकट मिला है उसे राजनीतिक नियुक्ति नहीं दी जाएगी. निकाय चुनाव के टिकट वितरण के बाद 15 जनवरी से कांग्रेस नेता इस काम में जुट जाएंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Rajasthan Congress new formula,  Political appointments in Rajasthan Congress
कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां कब
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Published : Jan 12, 2021, 8:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार बनने के बाद से ही लगातार राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाए बैठा है, लेकिन सरकार के 2 साल पूरे होने के बाद भी अब तक उसकी यह आस पूरी नहीं हो सकी है. प्रदेश में सभी जिलों में कुल मिलाकर 30,000 से ज्यादा ऐसे पद होते हैं, जो राजनीतिक नियुक्तियों के पद कहलाते हैं. लेकिन अब तक यह नियुक्तियां कांग्रेस कार्यकर्ता को नहीं मिली है.

कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां कब?

पहले लोकसभा चुनाव में खराब परिणाम आने और फिर इसके बाद प्रदेश में हुए राजनीतिक उठापटक के चलते यह नियुक्तियां लगातार लेट होती रही. मार्च 2019 तक राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रभारी रहे अविनाश पांडे ने इस पर एक्सरसाइज कर भी ली थी और नाम भी तैयार करवा लिए गए थे, लेकिन इसके बाद पहले कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा और फिर जुलाई महीने में राजनीतिक उठापटक हो गई. इसके कारण इनमें लगातार देरियां होती गई.

पढ़ें- Special: जयपुर में कोरोना को मात देने के लिए हेल्थ वर्कर्स और वैक्सीनेशन सेंटर तैयार, 16 जनवरी से होगा टीकाकरण

इन्हें रखा जाएगा नियुक्तियों से दूर

अब राजस्थान में नए प्रभारी अजय माकन आए हैं, जिन्होंने 31 जनवरी तक प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों करने की बात तो कही है लेकिन इसमें अभी और समय लगेगा. दरअसल, अब कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है कि जिन नेताओं को जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम चुनाव का टिकट मिल चुका है उन नेताओं को इन नियुक्तियों से दूर रखा जाएगा.

13,500 कार्यकर्ता नियुक्ति से बाहर

इसका मतलब साफ है कि करीब 13,500 कार्यकर्ता प्रदेश में ऐसे हैं, जिन्हें अब यह नियुक्तियां नहीं मिलेगी क्योंकि वह चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें भी खास बात यह है कि चुनाव लड़ चुके नेताओं में से अधिकांश का नाम राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में शामिल था. ऐसे में 13,500 नेताओं को इस सूची से बाहर कर दोबारा से जिन कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देनी है उनके नाम तैयार किए जाएंगे.

15 जनवरी से कांग्रेस नेता जुटेंगे

20 जिलों के निकाय चुनाव के टिकट वितरण के बाद 15 जनवरी से कांग्रेस पार्टी के नेता इस काम में जुट जाएंगे कि किसे प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां देनी है. ऐसे में यह भी साफ है कि 30,000 कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के लिए लिस्ट तैयार करने में अभी कुछ और समय लगेगा. कार्यकर्ताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों के लिए और इंतजार करना पड़ेगा.

पढ़ें- Exclusive: भाजपा में कोई 'बी' टीम नहीं, गुटबाजी की खबर गुब्बारे में हवा की तरह फुस्स हो जाएगी: अलका मूंदड़ा

हालांकि, कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों की आस में बैठा है, लेकिन यह नए नियम कम से कम उसके लिए इसलिए राहत भरे होंगे कि एक नेता जिसे पार्टी ने चुनाव में प्रत्याशी बना दिया उसे तो कम से कम इस दौर से बाहर किया जाएगा और राजनीतिक नियुक्तियों की लड़ाई में यह 13,500 लोग कम हो जाएंगे.

बता दें कि करीब 6600 स्थानीय निकाय के वार्ड हैं, 1014 जिला परिषद सदस्य हैं और 6236 पंचायत समिति सदस्य हैं. इन सभी जगह चुनाव होने के बाद करीब 13,500 कांग्रेस कार्यकर्ता ऐसे होंगे जो राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ से बाहर हो जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार बनने के बाद से ही लगातार राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाए बैठा है, लेकिन सरकार के 2 साल पूरे होने के बाद भी अब तक उसकी यह आस पूरी नहीं हो सकी है. प्रदेश में सभी जिलों में कुल मिलाकर 30,000 से ज्यादा ऐसे पद होते हैं, जो राजनीतिक नियुक्तियों के पद कहलाते हैं. लेकिन अब तक यह नियुक्तियां कांग्रेस कार्यकर्ता को नहीं मिली है.

कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियां कब?

पहले लोकसभा चुनाव में खराब परिणाम आने और फिर इसके बाद प्रदेश में हुए राजनीतिक उठापटक के चलते यह नियुक्तियां लगातार लेट होती रही. मार्च 2019 तक राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रभारी रहे अविनाश पांडे ने इस पर एक्सरसाइज कर भी ली थी और नाम भी तैयार करवा लिए गए थे, लेकिन इसके बाद पहले कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगा और फिर जुलाई महीने में राजनीतिक उठापटक हो गई. इसके कारण इनमें लगातार देरियां होती गई.

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इन्हें रखा जाएगा नियुक्तियों से दूर

अब राजस्थान में नए प्रभारी अजय माकन आए हैं, जिन्होंने 31 जनवरी तक प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों करने की बात तो कही है लेकिन इसमें अभी और समय लगेगा. दरअसल, अब कांग्रेस पार्टी ने यह तय किया है कि जिन नेताओं को जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम चुनाव का टिकट मिल चुका है उन नेताओं को इन नियुक्तियों से दूर रखा जाएगा.

13,500 कार्यकर्ता नियुक्ति से बाहर

इसका मतलब साफ है कि करीब 13,500 कार्यकर्ता प्रदेश में ऐसे हैं, जिन्हें अब यह नियुक्तियां नहीं मिलेगी क्योंकि वह चुनाव लड़ चुके हैं. इसमें भी खास बात यह है कि चुनाव लड़ चुके नेताओं में से अधिकांश का नाम राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ में शामिल था. ऐसे में 13,500 नेताओं को इस सूची से बाहर कर दोबारा से जिन कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां देनी है उनके नाम तैयार किए जाएंगे.

15 जनवरी से कांग्रेस नेता जुटेंगे

20 जिलों के निकाय चुनाव के टिकट वितरण के बाद 15 जनवरी से कांग्रेस पार्टी के नेता इस काम में जुट जाएंगे कि किसे प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां देनी है. ऐसे में यह भी साफ है कि 30,000 कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के लिए लिस्ट तैयार करने में अभी कुछ और समय लगेगा. कार्यकर्ताओं को भी राजनीतिक नियुक्तियों के लिए और इंतजार करना पड़ेगा.

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हालांकि, कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों की आस में बैठा है, लेकिन यह नए नियम कम से कम उसके लिए इसलिए राहत भरे होंगे कि एक नेता जिसे पार्टी ने चुनाव में प्रत्याशी बना दिया उसे तो कम से कम इस दौर से बाहर किया जाएगा और राजनीतिक नियुक्तियों की लड़ाई में यह 13,500 लोग कम हो जाएंगे.

बता दें कि करीब 6600 स्थानीय निकाय के वार्ड हैं, 1014 जिला परिषद सदस्य हैं और 6236 पंचायत समिति सदस्य हैं. इन सभी जगह चुनाव होने के बाद करीब 13,500 कांग्रेस कार्यकर्ता ऐसे होंगे जो राजनीतिक नियुक्तियों की दौड़ से बाहर हो जाएंगे.

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