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नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही भी होगी, मास्क और हैंड सैनिटाइजर EC एक्ट में शामिल

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Published : Mar 15, 2020, 11:16 PM IST

उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही निश्चित की गई है. साथ ही उपभोक्ता को नुकसान होने पर विक्रेता के साथ ही विनिर्माता और उत्पादक को भी जिम्मेदार बनाया है. वहीं, मास्क और हैंड सैनिटाइजर को EC एक्ट (आवश्यक वस्तु अधिनियम) में शामिल किया गया है. उपभोक्ता मामलात मंत्री ने विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 के अवसर पर ये बातें कही...

Consumer Protection Act, जयपुर न्यूज
ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही भी होगी

जयपुर. उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रमेश मीणा ने बताया, कि उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही निश्चित की गई है. उन्होंने कहा, कि उपभोक्ता को नुकसान होने पर विक्रेता के साथ ही विनिर्माता और उत्पादक को भी जिम्मेदार बनाया है. साथ ही मास्क और हैंड सैनिटाइजर को EC (आवश्यक वस्तु अधिनियम) एक्ट में शामिल किया गया है. इसके तहत इनकी कालाबाजारी, अवैध भंडारण और एमआरपी से ज्यादा वसूलने पर सजा का प्रावधान किया गया है. उपभोक्ता मामलात मंत्री ने विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 के अवसर पर ये बातें कही.

ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही भी होगी

विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 की थीम 'दी संस्टेनेवल कंजूमर' है. विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर प्रदेश में जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है. इस दौरान मंत्री मीणा ने बताया, कि मिलावटी और नकली वस्तुओं के उत्पादन, विक्रय, आयात और संग्रह के संबंध में कठोर प्रावधान रखे गए हैं. उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों में उत्पादक विक्रेता, सेवा प्रदाता, प्रकाशक और विज्ञापन को एंडोर्स करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भी कार्रवाई करने के नियम बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नवीन अधिनियम में ई-कॉमर्स एवं प्रत्यक्ष ब्रिकी के मामलों में अवैध व्यापारिक गतिविधियों को रोकने के भी प्रावधान किए गए हैं.

मास्क और हैंड सैनिटाइजर EC एक्ट में शामिल

उपभोक्ता मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए बाजार में मास्क और हैंड सेनिटाइजर की मनमानी कीमतें वसूलने, कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें मास्क (2 प्लाई, 3 प्लाई, सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क) और हैंड सेनिटाइजर के उत्पादन वितरण लॉजिस्टक्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में शामिल किया गया है. यह अधिसूचना 30 जून 2020 तक लागू रहेगी.

पढ़ें- प्रदेश का विकास छोड़कर दूसरे राज्यों का सियासी गणित बिठाने में जुटे हैं मुख्यमंत्री: किरण माहेश्वरी

मंत्री मीणा ने बताया, कि प्रदेश के किसी जिले में मास्क और हैंड सेनिटाइजर को बिना एमआरपी, एमआरपी से ज्यादा, कालाबाजारी और अवैध भंडारण की शिकायत पाई जाती है, तो उस फर्म या विक्रेता के विरुद्ध इसी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. प्रकरण दर्ज होने पर न्यूनतम 3 महीने और अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

ज्यादा मूल्य नहीं वसूलने के विभाग के निर्देश

उपभोक्ता मंत्री ने बताया, कि विश्व स्तरीय महामारी कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम के लिए बांट माप यूनिट उपभोक्ता मामले विभाग भारत सरकार की पालना में राज्य सरकार की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तुएं) अधिनियम 2011 के अंतर्गत अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य के उल्लंघन के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. मीणा ने बताया, कि प्रदेश के विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को मास्क और हैंड सेनिटाइजर की संबंधित क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित एमआरपी से ज्यादा मूल्य नहीं वसूलने या बिना एमआरपी के बेचने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. संबंधित अधिकारियों को निर्धारित प्रपत्र में प्रतिदिन सूचना मुख्यालय भिजवाए जाने के लिए पाबंद कर दिया गया है. इसके लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गई है.

आमजन टोल फ्री पर करें शिकायत

उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री ने बताया, कि कोई भी विक्रेता आमजन से एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलते और बिना एमआरपी के मास्क व हैंड सेनिटाइजर बेचता है, तो आमजन उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 18001806030 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

उपभोक्ता परामर्श केंद्र किए विकसित

उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने बताया, कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए संभागीय जिला मुख्यालय और समस्त जिला रसद कार्यालयों में उपभोक्ता परामर्श केंद्र विकसित किए गए हैं. उन्होंने बताया, कि राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच में लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्ति कर दी गई है.

जयपुर. उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रमेश मीणा ने बताया, कि उपभोक्ताओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही निश्चित की गई है. उन्होंने कहा, कि उपभोक्ता को नुकसान होने पर विक्रेता के साथ ही विनिर्माता और उत्पादक को भी जिम्मेदार बनाया है. साथ ही मास्क और हैंड सैनिटाइजर को EC (आवश्यक वस्तु अधिनियम) एक्ट में शामिल किया गया है. इसके तहत इनकी कालाबाजारी, अवैध भंडारण और एमआरपी से ज्यादा वसूलने पर सजा का प्रावधान किया गया है. उपभोक्ता मामलात मंत्री ने विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 के अवसर पर ये बातें कही.

ई-कॉमर्स कंपनियों की जवाबदेही भी होगी

विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 की थीम 'दी संस्टेनेवल कंजूमर' है. विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर प्रदेश में जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है. इस दौरान मंत्री मीणा ने बताया, कि मिलावटी और नकली वस्तुओं के उत्पादन, विक्रय, आयात और संग्रह के संबंध में कठोर प्रावधान रखे गए हैं. उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाले विज्ञापनों में उत्पादक विक्रेता, सेवा प्रदाता, प्रकाशक और विज्ञापन को एंडोर्स करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भी कार्रवाई करने के नियम बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नवीन अधिनियम में ई-कॉमर्स एवं प्रत्यक्ष ब्रिकी के मामलों में अवैध व्यापारिक गतिविधियों को रोकने के भी प्रावधान किए गए हैं.

मास्क और हैंड सैनिटाइजर EC एक्ट में शामिल

उपभोक्ता मंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस के बचाव के लिए बाजार में मास्क और हैंड सेनिटाइजर की मनमानी कीमतें वसूलने, कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर प्रभावी रूप से रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें मास्क (2 प्लाई, 3 प्लाई, सर्जिकल मास्क, एन 95 मास्क) और हैंड सेनिटाइजर के उत्पादन वितरण लॉजिस्टक्स को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में शामिल किया गया है. यह अधिसूचना 30 जून 2020 तक लागू रहेगी.

पढ़ें- प्रदेश का विकास छोड़कर दूसरे राज्यों का सियासी गणित बिठाने में जुटे हैं मुख्यमंत्री: किरण माहेश्वरी

मंत्री मीणा ने बताया, कि प्रदेश के किसी जिले में मास्क और हैंड सेनिटाइजर को बिना एमआरपी, एमआरपी से ज्यादा, कालाबाजारी और अवैध भंडारण की शिकायत पाई जाती है, तो उस फर्म या विक्रेता के विरुद्ध इसी एक्ट में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. प्रकरण दर्ज होने पर न्यूनतम 3 महीने और अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

ज्यादा मूल्य नहीं वसूलने के विभाग के निर्देश

उपभोक्ता मंत्री ने बताया, कि विश्व स्तरीय महामारी कोविड-19 की प्रभावी रोकथाम के लिए बांट माप यूनिट उपभोक्ता मामले विभाग भारत सरकार की पालना में राज्य सरकार की ओर से भी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि विधिक माप विज्ञान (डिब्बा बंद वस्तुएं) अधिनियम 2011 के अंतर्गत अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य के उल्लंघन के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. मीणा ने बताया, कि प्रदेश के विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को मास्क और हैंड सेनिटाइजर की संबंधित क्षेत्र में उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित एमआरपी से ज्यादा मूल्य नहीं वसूलने या बिना एमआरपी के बेचने के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. संबंधित अधिकारियों को निर्धारित प्रपत्र में प्रतिदिन सूचना मुख्यालय भिजवाए जाने के लिए पाबंद कर दिया गया है. इसके लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी गई है.

आमजन टोल फ्री पर करें शिकायत

उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री ने बताया, कि कोई भी विक्रेता आमजन से एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलते और बिना एमआरपी के मास्क व हैंड सेनिटाइजर बेचता है, तो आमजन उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 18001806030 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है.

उपभोक्ता परामर्श केंद्र किए विकसित

उपभोक्ता मामलात मंत्री रमेश मीणा ने बताया, कि प्रदेश में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए संभागीय जिला मुख्यालय और समस्त जिला रसद कार्यालयों में उपभोक्ता परामर्श केंद्र विकसित किए गए हैं. उन्होंने बताया, कि राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच में लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्ति कर दी गई है.

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