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कोरोना के बाद हो रहा ब्रेन हैमरेज, न्यूरोसर्जन ने कहा- इस समस्या को सुलझाने पर जोर देना चाहिए - ब्रेन हैमरेज

देश में कोविड संक्रमण से उबरने के बाद मरीजों में न्यूरोलॉजिकल मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली के एक अस्पताल में कई मामले सामने आए हैं. वहीं, जयपुर के SMS अस्पताल के न्यूरोसर्जन का कहना है कि कोरोना के बाद ऐसे लोगों की समस्या को सुलझाने पर जोर दिया जाना चाहिए.

Neurological Disorder,  Corona Virus
कोरोना के बाद हो रहा ब्रेन हैमरेज
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Published : Jul 31, 2021, 12:51 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 2:22 PM IST

जयपुर. देशभर में अब तक कोरोना वायरस से लाखों लोग संक्रमित हुए हैं. हालांकि ज्यादातर लोग इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं, लेकिन उन्हें अन्य तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीजों में नयूरोलॉजिकल समस्या के मामले बढ़ रहे हैं. हाल ही में दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल ने जानकारी दी है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां सामने आ रही हैं.

न्यूरोलॉजिकल समस्या के मामलों को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल का कहना है ब्रेन हेमरेज मामलों में ज्यादातर मामले ऐसे हैं जो बीते दो तीन महीने के अंतराल में कोरोना से संक्रमित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस समस्या के चलते मरीजों की निजी और पेशेवर जिंदगी पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों को काम के दौरान फोकस करने में काफी परेशानी हो रही है. वे अपनी निजी जिंदगी और काम दोनों में संतुलन बनाने के मामले से भी जूझ रहे हैं.

पढ़ें- कैंसर सेल्स पर दवा के असर की होगी जांच...SMS में पहली State Of Art Molecular Hematology Lab की स्थापना

कोरोना से बाद अब मानसिक समस्याएं

डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि जो लोगों कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं, उनमें करीब 8 दिनों बाद स्ट्रोक, दर्द, थकान, याददाश्त की समस्या, सिरदर्द, एंजाइटी, डिप्रेशन, और नींद की समस्या की शिकायतें देखी गई हैं. ऐसा ज्यादातर उन लोगों में है जो बीते दो से तीन महीनों में कोरोना वायस से संक्रमित हुए थे. मनीष अग्रवाल ने कहा कि महामारी के चलते फेफड़े की समस्याओं के साथ-साथ कई लोगों में लंबे समय तक चलने वाली न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हुई हैं.

न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल ने GCS-NeuroCOVID और यूरोपियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी (EAN) न्यूरो-कोविड रजिस्ट्री(ENERGY) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित 3700 मरीजों में से 80 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जो कोरोना संकट के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे. अब उन्हें न्यूरोलॉजिकल समस्या है.

उन्होंने यह भी बताया कि यूएस सेंसस ब्यूरो की तरफ से किए गए सर्वे के मुताबिक 42 प्रतिशत लोगों में एंजाइटी या फिर डिप्रेशन के लक्षण देखे गए. अन्य सर्वे में भी दुनियाभर में हाल कुछ ऐसा ही है. भारत में असम के हजारिका एंड कलीग्स ने पाया कि 46 प्रतिशत लोगों को एंजाइटी है, 22 प्रतिशत लोगों को डिप्रेशन और पांच प्रतिशत लोगों को आत्महत्या के ख्याल आते हैं. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के बाद ऐसे लोगों की समस्या को सुलझाने पर जोर दिया जाना चाहिए.

जयपुर. देशभर में अब तक कोरोना वायरस से लाखों लोग संक्रमित हुए हैं. हालांकि ज्यादातर लोग इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं, लेकिन उन्हें अन्य तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी मरीजों में नयूरोलॉजिकल समस्या के मामले बढ़ रहे हैं. हाल ही में दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल ने जानकारी दी है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में न्यूरोलॉजिकल बीमारियां सामने आ रही हैं.

न्यूरोलॉजिकल समस्या के मामलों को लेकर सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल का कहना है ब्रेन हेमरेज मामलों में ज्यादातर मामले ऐसे हैं जो बीते दो तीन महीने के अंतराल में कोरोना से संक्रमित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस समस्या के चलते मरीजों की निजी और पेशेवर जिंदगी पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस दौरान लोगों को काम के दौरान फोकस करने में काफी परेशानी हो रही है. वे अपनी निजी जिंदगी और काम दोनों में संतुलन बनाने के मामले से भी जूझ रहे हैं.

पढ़ें- कैंसर सेल्स पर दवा के असर की होगी जांच...SMS में पहली State Of Art Molecular Hematology Lab की स्थापना

कोरोना से बाद अब मानसिक समस्याएं

डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि जो लोगों कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं, उनमें करीब 8 दिनों बाद स्ट्रोक, दर्द, थकान, याददाश्त की समस्या, सिरदर्द, एंजाइटी, डिप्रेशन, और नींद की समस्या की शिकायतें देखी गई हैं. ऐसा ज्यादातर उन लोगों में है जो बीते दो से तीन महीनों में कोरोना वायस से संक्रमित हुए थे. मनीष अग्रवाल ने कहा कि महामारी के चलते फेफड़े की समस्याओं के साथ-साथ कई लोगों में लंबे समय तक चलने वाली न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी हुई हैं.

न्यूरोसर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल ने GCS-NeuroCOVID और यूरोपियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी (EAN) न्यूरो-कोविड रजिस्ट्री(ENERGY) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित 3700 मरीजों में से 80 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जो कोरोना संकट के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे. अब उन्हें न्यूरोलॉजिकल समस्या है.

उन्होंने यह भी बताया कि यूएस सेंसस ब्यूरो की तरफ से किए गए सर्वे के मुताबिक 42 प्रतिशत लोगों में एंजाइटी या फिर डिप्रेशन के लक्षण देखे गए. अन्य सर्वे में भी दुनियाभर में हाल कुछ ऐसा ही है. भारत में असम के हजारिका एंड कलीग्स ने पाया कि 46 प्रतिशत लोगों को एंजाइटी है, 22 प्रतिशत लोगों को डिप्रेशन और पांच प्रतिशत लोगों को आत्महत्या के ख्याल आते हैं. अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के बाद ऐसे लोगों की समस्या को सुलझाने पर जोर दिया जाना चाहिए.

Last Updated : Jul 31, 2021, 2:22 PM IST
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